योग पाठशाला, | अश्वत्थासन करने से महिलाओं के प्रजनन अंगों से संबंधित सभी विकार दूर हो जाते हैं।
We News 24» रिपोर्टिंग / दीपक कुमार
नई दिल्ली : हम वि न्यूज 24 पाठक और दर्शक के लिए लेकर आये है . योग पाठशाला जिसमे आप जानेंगे योग के फायेदे ,मनुष्य प्रकृति का एक अभिन्न अंग है| हम प्रकृति के अनुसार ही काम करते हैं| जब तक स्वास्थ्य ठीक न हो तो व्यक्ति के जीवन में सफलता की आशा करना असम्भव है| स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए योग जरूरी है| योग द्वारा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता तो बढ़ती ही है साथ ही व्यक्ति शारिरिक व मानसिक रूप से भी स्वस्थ होता है |
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योग पाठशाला पांचवी कड़ी है , हमने अपने पहला दूसरा तीसरा चौथ पांचवा योग पाठशाला कड़ी में आपको ताड़ासन,त्रिकोणासन,कटिचक्रासन,अर्ध चन्द्रासन के फायदे के बारे बतया , आज के योग पाठशाला में बताने जा रहे है अश्वत्थासन के बारे में इस आसन का अभ्यास करने से कमर के निचले भाग के दर्द में आराम मिलता है| रीढ़ लचीली बनती है ,यह आसन स्त्रियों के लिए बहुत लाभदायक है| इस आसन के करने से स्त्रियों के प्रजनन अंग प्रभावित होते है, जिससे प्रजनन सम्बन्धी विकार दूर होते हैं|
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कैसे करें अश्वत्थासन
इस आसन को करने के एक जगह पर खड़े हो जाएं.
खड़े होकर राइट हैंड को सीधे करते हुए ऊपर ही ओर ले जाएं और लेफ्ट हैंड को साइड की ओर. इस पोश्चर को ट्रैफिक पुलिस पोश्चर भी कहा जाता है.
जो हाथ ऊपर है उसी तरफ का पैर पीछे की तरफ जाएगा.
इसके बाद सांस भरते हुए गर्दन पीछे और चेस्ट आगे ले जाएं. कुछ देर इसी पोजीशन में रहने के बाद सांस छोड़ते हुए हाथ और पैर वापिस जगह पर ले आएं.
इसके बाद इसी आसन को दूसरे हाथ से करेंगे.
अश्वत्थ आसन को कम से कम 4 से 5 करें.
इसके बाद दोनों हाथों को मिलाएं, गर्दन को ढीला छोड़ें और शरीर को रिलैक्स कर दें.
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दमे के रोगियों के लिए कुछ नुस्खें-
यदि आप अश्वत्थासन का नियमित रूप से करते हैं तो अस्थमा एकदम छूमंतर हो जाएगा.
अस्थमा के मरीज ध्यान रखें कि उन्हें सांस रोकने वाला कोई भी आसन नहीं करना चाहिए.
इसके अलावा जिस भी चीज से आपको एक्ज़र्शन हो वे क्रिया ना करें.
हर क्रिया को करते समय ध्यान रहे कि आपका सांस नियमित गति से बेशक धीमा-धीमा लेकिन चलता रहे.
सांस को बाहर रोकना और अंदर रोकना दोनों ही आपके लिए खतरनाक हो सकते हैं.
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