गौ माता नहीं रही तो हिंदू धर्म सनातन धर्म भी नहीं रहेगा ,संत गौ ऋषि श्री गुरु गोपाल मणि
We News 24 Digital News» रिपोर्टिंग सूत्र / दीपक कुमार
नई दिल्ली : अनादिकाल से लौकिक और पारमर्थिक क्षेत्र में गाय का महत्व रहा है, इसलिए गाय को विश्व की माता के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है। ‘गावो विश्वस्य मातर: गौ माता विश्व माता है . गाय के शरीर में 33 कोटी देवताओं का अधिवास रहता है। गाय परम पूज्नीय है। भगवान का धराधाम पर अवतरण गौ रक्षा के लिए होता है।
संत प्रवर तुलसी दास ने कहा है कि :
विप्र धेनु सुर संत हित लीन्ह मनुजअवतार।
आसुरी सम्पदा के धनी रावण का आदेश था :
जेहि जेहि देस धेनु द्विज पावहु। नगर गांव पुर आग लगावहु।
शुभ आचरण कतहूं नहि होई। विप्र धेनु सुर मान न कोई।
दिल्ली के छत्तरपुर में रविवार को सिद्ध बाबा बालक नाथ की साध्वी गुरु मां राजेश्वरी देवा जी के नेतृत्व में गौ माता को राष्ट्रमाता बनाने के लिए रैली का आयोजन किया गया . जिसका मुख्य उद्देश्य हिंदू सनातनी को जगाना है साथ ही गौ माता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाने के लिए सभी हिंदू सनातनी एकजुट होकर दिल्ली के रामलीला मैदान में 20 नवंबर 2023 दिन गोपाष्टमी में भारी संख्या मैं एकजुट होकर सरकार से मांग करे की गौ माता को राष्ट्रमाता का संवैधानिक अधिकार दिया जाए जिससे गौ माता पर हो रहे अत्याचार बंद हो सके .
यह भी पढ़े-
गौमाता हमारे श्रद्धा का प्रतीक है . जिसके बिना सनातन धर्म का कोई औचित्य नहीं है . उनके बिना हिंदू धर्म का कोई भी पूजा पाठ जप तप तर्पण पिंड दान शादी विवाह एवं यज्ञ आदि कोई भी पूजा संस्कार संपूर्ण नहीं होता। इसलिए गौ माता का हमारे जीवन में बहुत ही महत्व है . गौ माता नहीं रही तो हिंदू धर्म सनातन धर्म भी नहीं रहेगा। इसलिए सनातन धर्म को जीवित रखने के लिए गौ माता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाना ही पड़ेगा हमें अटल विश्वास है की सरकार हमारी इस मांग को पूर्ण करेंगी ताकि हमारा सनातन धर्म हिंदू समाज सुरक्षित रह सके जय गौ माता की जय राष्ट्र माता की मां .
यह भी पढ़े-
यह जन जागरूक अभियान रैली हर रविवार को प्रातः 10:00 बजे से 1:00 बजे तक होती है इसका मुख्य उद्देश्य देश में सुख शांति कायम रखना और गौ माता पर हो रहे अत्याचार को रोकना है . गौ माता को राष्ट्रमाता का अधिकार दिलाना है ताकि देश में सनातन धर्म के अनुयायियों का पतन ना हो सके। यदि विश्व में समृद्धि और शांति स्थापित करनी है तो गौवध पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। कृषि कार्य में गोवंश के प्रयोग को अधिकाधिक महत्व देना चाहिए। इससे ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ का मार्ग प्रशस्त होगा। स्वर्णयुग का पुनरागमन होगा।
गोस्वामी तुलसीदास ने कहा है :
श्याम सुरभि पय विसद अति गुनद करहिं जेहि पान।
गिरा ग्राम्य सिय राम यश गावङ्क्षह सुनहिं सुजान।
यह भी पढ़े-
गौ माता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाने के लिए परम आदरणीय संत गो ऋषि श्री गुरु गोपाल मणि जी द्वारा चलाया जा रहा है जो इस संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं जिनकी संस्था का नाम (भारतीय गऊ क्रांति मंच )है उन्ही गुरु जी के शिष्य इस मुहिम को देश में चारों ओर फैला रहे है इन्हीं आदरणीय संत गो ऋषि श्री गुरु गोपाल मणि जी ने धेनु मानस की रचना भी की है। जो आज घर घर में पूजी एवं पढी जा रही है। जिसको चारों पीठों के शंकराचार्या ने सुकृति दी है।
वी न्यूज 24 फॉलो करें और रहे हर खबर से अपडेट
WhatsApp पर न्यूज़ Updates पाने के लिए हमारे नंबर 9599389900 को अपने मोबाईल में सेव करके इस नंबर पर मिस्ड कॉल करें। फेसबुक-टिवटर पर हमसे जुड़ने के लिए https://www.facebook.com/wenews24hindi और https://twitter.com/Waors2 पर क्लिक करें और पेज को लाइक करें .
कोई टिप्पणी नहीं
कोमेंट करनेके लिए धन्यवाद