सबरी माला मंदिर के आज से खुल रहे कपाट : सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी महिलाओ को रोकने का प्रयास
केरल/राज्य /समाचार
नई दिल्ली :सुप्रीम कोर्ट की ओर से सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश देने के आदेश के बाद आज पहली बार मंदिर के कपाट मासिक पूजा के लिए खुलेंगे। लेकिन कई संगठनों की ओर से फैसले के विरोध के कारण क्षेत्र में तनाव की स्थिति है।
फैसले का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को मंदिर की ओर आ रहे वाहनों की जांच शुरू की। उन्होंने प्रतिबंधित उम्र वर्ग की महिलाओं को लेकर मंदिर की ओर से जाने वाले वाहनों को रोक दिया। रिपोर्ट के मुताबिक प्रदर्शनकारी मंदिर जाने के मार्ग में स्थित निलाकल बेस कैंप पर डेरा डाले हुए हैं और महिलाओं को पम्बा की ओर भी नहीं जाने दे रहे हैं, जहां तक पहले महिलाओं को जाने की इजाजत थी।
पहाड़ी पर स्थित सबरीमला मंदिर से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित शिविर में परंपरागत साड़ी पहने महिलाओं के समूह को प्रत्येक वाहनों को रोकते देखा जा सकता है। इनमें वरिष्ठ नागरिक भी शामिल हैं। निजी वाहनों के अलावा श्रद्धालुओं ने केरल राज्य पथ परिवहन निगम की बसें भी रोकीं और उनमें से युवतियों को बाहर निकलने को कहा। एक महिला आंदोलनकारी ने कहा, प्रतिबंधित उम्र 10 से 50 साल आयु वर्ग की महिलाओं को निलाक रहे है |औरआगे नहीं जाने दिया जायगा और मंदिर में पूजा भी नहीं करने दी जाएगी।
गौरतलब है कि मंदिर को मलयालम थुलाम महीने में पांच दिन की मासिक पूजा के लिए खोला जा रहा है। 22 अक्तूबर को इस मंदिर के कपाट एक बार फिर बंद हो जाएंगे।
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