शराब माफिया के खिलाफ आवाज उठाने वाले को वैशाली पुलिस खिला रही है जेल की हवा ,देखे वीडयो
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ब्यूरो संवाददाता नागमणि की रिपोर्ट
बिहार :200 रुपया का बोतल 1500 में मिल रहा है कि नहीं मिल रहा है? तो ये 1500 और 200 के बीच का जो अंतर 1300 रुपया है, वो किसके पॉकेट में जा रहा है?"पूर्ण शराबबंदी को लागू हुए अब चार साल से ज्यादा बीत चुके हैं.और इन सालों के दौरान शायद ही कोई ऐसा दिन बीता हो जिस दिन बिहार के अख़बारों में शराबबंदी क़ानून तोड़ने की ख़बर न छपी हो और किसके सह पर होता शायद ये बताने की जरुरत नहीं है मेरा इशारा बिहार पुलिस की और है शराब बंदी से तो बिहार सरकार का खजाना तो खाली है पर थाने का दरोगा इन्स्पेटर का जेब भर रहा है ऐसा इसलिए कह रहा हु की नौ लाख लीटर से भी ज़्यादा शराब चूहे पी गए ये बात आपको हजम हो रही है और ये चूहे कौन है शायद आप समझ गए होंगे | अभी तक अवैध शराब के व्यापार को संरक्षण देने के आरोप में 430 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जा चुकी है |
शराब पिने वाले चूहों के खिलाफ वैशाली जिले के लालगंज प्रखंड के कारताहा थाना क्षेत्र एक समाज सेवी मिथिलेश कुमार ने आवाज उठानी शुरू की कई शराब माफिया के शराब के शराब भी पकड़वाये और वैशाली जिले के कर्ताहा थाना के थानाध्यक्ष संतोष कुमार पंकज के शराब माफिया से मिलीभगत के लिए आवाज भी उठाया तो थानाध्यक्ष संतोष कुमार पंकज ने मिथिलेश कुमार को लत धुंसा और झूठे केस में फंसा कर जेल भेज दिया जब मिथलेश कुमार ने इस बात की शिकायत जिले के DSP से की तो उनको अपमानित कर अपने चेम्बर से बहार निकल दिया तो आप समझ सकते है बिहार पुलिस में कितना जड़ तक भ्रष्टाचार व्याप्त है आगे की वाकया मिथिलेश कुमार जुबानी सुने की उनको अपने ईमानदारी का क्या कीमत चुकाना पड़ा |
कविन्द्र कुमार द्वरा किया गया पोस्ट