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    नेपाल की राजनीति में चीन का सीधा दखल, आज ओली और प्रचंड के बीच सुलह के लिए चीनी टीम काठमांडू आ रही है

     


    We News 24 Hindi »काठमांडू/नेपाल


    काठमांडू: प्रेट्र। नेपाल में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी में टूट रोकने के लिए चीन ने सीधा दखल देने का फैसला किया है। इसके लिए चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का शीर्ष दल रविवार को काठमांडू पहुंचेगा। इसका मकसद प्रचंड और ओली के बीच सुलह कराकर किसी भी कीमत पर सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी में फूट को रोकना है। काठमांडू पोस्ट अखबार के मुताबिक सत्तारूढ़ एनसीपी से जुड़े लोगों ने चीन के प्रतिनिधिमंडल के आने की पुष्टि की है। अंतरराष्ट्रीय विभाग के उप मंत्री गुओ येओओ के नेतृत्व में यह दल रविवार को चाइना सदर्न एयरलाइंस से काठमांडू पहुंचेगा। इस दौरान वह दोनों गुटों के शीर्ष नेताओं से मिलेंगे।


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    दोनों गुटों के शीर्ष नेताओं से मिलेंगे चीनी दल 


    अखबार ने कहा है कि चीन के इस कदम को बीजिंग द्वारा जमीनी स्थिति का आकलन करने का प्रयास माना जा रहा है। एनसीपी के प्रचंड गुट के विदेश मामलों के विभाग के उप प्रमुख विष्णु रिजाल ने कहा कि चीनी पक्ष ने काठमांडू यात्रा के बारे में उनसे बातचीत की है। हालांकि मेरे पास इससे ज्यादा बताने के लिए कुछ नहीं है। जब इस संबंध में काठमांडू स्थित चीनी दूतावास से पूछा गया तो उन्होंने फोन कॉल का कोई जवाब नहीं दिया। 


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    ओली सरकार ने संसद के उच्च सदन का शीत सत्र बुलाया


    नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सरकार ने राष्ट्रपति से एक जनवरी को संसद के ऊपरी सदन का शीत सत्र बुलाने की सिफारिश की है। राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी द्वारा संसद के निचले सदन को भंग करने के एक सप्ताह बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। दरअसल, ओली के नेतृत्व वाली सीपीएन-यूएमएल और पुष्प कमल दहल (प्रचंड) के नेतृत्व वाली सीपीएन- माओवादी के विलय से वर्ष 2018 में नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी का जन्म हुआ था। प्रतिनिधि सभा को भंग किए जाने के बाद प्रचंड गुट के सात मंत्रियों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था।


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    शुक्रवार को ओली ने अपने मंत्रिमंडल में पांच पूर्व माओवादी नेताओं समेत आठ मंत्रियों को शामिल किया। जबकि पांच मंत्रियों के विभागों में फेरबदल किया। कैबिनेट में मंत्रियों को शामिल करने के बाद ओली के नेतृत्व में एक बैठक हुई और राष्ट्रपति से एक जनवरी को संसद के उच्च सदन का शीतकालीन सत्र बुलाने की सिफारिश की। नेपाल संविधान के अनुसार दो सत्रों के बीच छह महीने से अधिक का अंतर नहीं हो सकता है। पिछले बजट सत्र का सत्रावसान दो जुलाई को हुआ था।



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