ब्लैक राइस की खेती पर आयोजित वेबीनार में जुटे कृषि वैज्ञानिक और किसान
- ब्लैक राइस की खेती पर आयोजित वेबीनार में जुटे कृषि वैज्ञानिक और किसान
- सरकार के सहयोग से बिहार के ब्लैक राइस को ब्रांड बनाएंगे : दिपक ठाकुर।
We News 24 Hindi »पटना, बिहारवशिष्ठ कुमार की रिपोर्ट
पटना : सामाजिक संस्था आवाज एक पहल द्वारा 'ब्लैक राइस की खेती' पर वेबीनार आयोजित किया गया। इस वेबीनार में भाजपा किसान मोर्चा के बिहार प्रभारी दीपक ठाकुर समेत प्रदेश के प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक व विभिन्न जिलों के प्रगतिशील किसानों ने अपनी बातों को रखा।
पिछले पांच सालों से सामाजिक संस्था आवाज एक पहल के द्वारा बिहार में ब्लैक राइस की खेती कराई जा रही है। पिछले वर्ष संस्था के द्वारा तकरीबन 70 टन धान की खरीदी की गई थी। बिहार में ब्लैक राइस के संभावनाओं को टटोलते हुए प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक
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डॉ पीके द्विवेदी ने बताया कि बिहार की मिट्टी ब्लैक राइस के लिए बेहद अच्छी है। किसान अपने खेतों में अगर नीम और सरसों की खली का इस्तेमाल करें तो उन्हें बेहतर उत्पादन प्राप्त हो सकता है। उन्होंने जरूरत के हिसाब से चूने के इस्तेमाल पर भी जोड़ दिया।पीके द्विवेदी के अनुसार किसान इसकी ब्रांडिंग करके बेहतर मुनाफा अर्जित कर सकते हैं।पटना कृषि विज्ञान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर मृणाल ने बताया की ब्लैक राइस की चक-हाओ प्रजाति के पौधे काफी लंबे होते हैं। किसान अगर इसका डायरेक्ट सोइंग करते हैं तो इस फसल की गिरने की संभावना बेहद कम हो जाएगी। वहीं भाजपा किसान मोर्चा के बिहार प्रभारी दीपक ठाकुर ने कहा कि जिस तरह से बिहार के लीची और मखाने पूरे देश में जाने जाते हैं उसी तरह से बिहार के ब्लैक राइस को भी भारतवर्ष में पहचान दिलाने का काम किया जाएगा।
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उनके अनुसार इस सेहतमंद चावल की खेती से किसानों को अच्छी खासी आय अर्जित हो रही है लेकिन इसकी खेती करने वाले की संख्या बेहद कम है। जन जागरूकता के माध्यम से इसके सेहतमंद गुणों का प्रचार प्रसार कर इसे गांव-गांव तक पहुंचाने की जरूरत है। उन्होंने इसकी ब्रांडिंग पर जोर दिया ।
टाल विकास मंच के संस्थापक आनंद मुरारी ने कहा की इसके मार्केटिंग को सर्व सुलभ बनाना होगा वही अरवल के गजेंद्र सिंह के अनुसार ब्लैक राइस की खेती अन्य धानो के अपेक्षा ज्यादा आसान होता है।इस वेबीनार में पटना,मुजफ्फरपुर ,चंपारण , भागलपुर समेत कई जिलों के प्रगतिशील किसानों ने अपनी बातों को रखा।
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वेबीनार का संचालन आवाज एक पहल के संस्थापक लवकुश ने किया वही धन्यवाद ज्ञापन विरू के द्वारा किया गया। मौके पर सुमित कुमार, घनश्याम, रूद्रमनी, रवि, हरि ओम समेत कई किसान मौजूद रहे।
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