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    नई दिल्ली/भारत में कोरोना का नया संकट,एक और वेरिएंट ने हमला बोला, एक हफ्ते में खतरनाक असर



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    We News 24 Hindi »नई दिल्ली,
     संवाददाता,काजल कुमारी 


    नई दिल्ली: कोरोना वायरस संक्रमण का वेरियंट का खतरा कम नहीं होता की दूसरा वेरियंट आ जाता है। आपको बताते चले कोरोना लगातार अपना रूप बदल कर हमला कर रहा है. आए दिन कोरोना वायरस के नए वेरिएंट सामने आ रहे हैं. हर नए रूप से साथ वायरस खतरनाक होता जा रहा है. भारत में ही अब तक कोरोना संक्रमण के अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा वैरिएंट धावा बोल चुके हैं. अब एक और खतरना‍क वेरिएंट भारत में पता चला है. पहले से ही मौजूद खतरनाक वैरिएंट के बाद यह नया वैरिएंट भी बेहद घातक है, जो 7 दिन के अंदर ही अपना असर दिखा देता है. नए कोरोना वैरिएंट 7 दिन में ही मरीज का वजन कम कर सकता है. इस वेरिएंट का नाम बी.1.1.28.2 बताया जा रहा है.

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    मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह वेरिएंट पहले ब्राजील में पाया गया था. हालांकि भारत में वहां से कोरोना के एक ही वेरिएंट के आने की पुष्टि हुई थी. मगर अब वैज्ञानिकों ने कहा है कि ब्राजील से कोरोना के दो वेरिएंट भारत आए, जिसमें दूसरे वेरिएंट का नाम बी.1.1.28.2 है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने इस नए वेरिएंट का परीक्षण एक चूहे (सीरियाई हैमस्टर प्रजाति के चूहे) पर किया था, जिसमें पता चला है कि संक्रमित होने के 7 दिन में ही इस वैरिएंट की पहचान की जा सकती है. यह इतना खतरनाक है कि मरीज के शरीर का तेजी से वजन कम कर सकता है. साथ ही डेल्‍टा वेरिएंट की तरह यह भी एंटीबॉडी क्षमता को कम कर सकता है.


    पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी (एनआईवी) के वैज्ञानिकों की मानें तो कोरोना का बी.1.1.28.2 वेरिएंट विदेश से आए दो लोगों में पाया गया था. कोरोना से रिकवरी होने तक दोनों में उसके लक्षण नहीं थे, मगर सैंपल की सीक्वेसिंग के बाद जब बी.1.1.28.2 वेरिएंट मिला तो उसका 9 सीरियाई हैमस्टर चूहों पर परीक्षण किया गया. इनमें से तीन की मौत शरीर के अंदरूनी भाग में संक्रमण बढ़ने से हुई. इस दौरान फेफड़े की विकृति के बारे में पता चला. साथ ही एंटीबॉडी का स्तर कम होने के बारे में जानकारी भी मिली.

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    रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों ने बताया कि इस अध्ययन में यह देखने को मिला है कि जिन दो लोगों में यह वैरिएंट मिला, वे बिना लक्षण वाले थे, मगर जब इस वैरिएंट से सीरियाई हैमस्टर चूहे को संक्रमित किया तो इसकी गंभीरता के बारे में पता चला. वैज्ञानिकों ने कहा कि कोरोना के ज्यादातर परीक्षण सीरियाई हैमस्टर पर हो रहे हैं. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि अगर बी.1.1.28.2 से जुड़े मामले बढ़ते हैं तो इसका असर इंसानों पर काफी गंभीर हो सकता है. वैज्ञानिकों ने भी कहा कि फिलहाल भारत में इसके बहुत अधिक मामले नहीं है, जबकि कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के मामले सबसे ज्यादा मिल रहे हैं.

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