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    आजादी का अमृत महोत्सव,भारत का युवा भविष्य का पथ प्रदर्शक है,भारत ने दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है



    • 75 वर्ष का भारत नए सपनों, नई ऊर्जा और नई प्रतिबद्धता के साथ एक नए भारत की घोषणा है: श्री पीयूष गोयल
    •  गोयल ने उद्योग जगत से भारत को कुशल बनाने के प्रयासों को समर्थन देने में सरकार के साथ जुड़ने की अपील की
    • केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने 'सतत विकास के लिए सरकार और व्यापार के बीच तालमेल' पर सीआईआई के विशेष वर्चुअल सत्र को संबोधित किया


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    We News 24»नई दिल्ली 

    दीपक कुमार की रिपोर्ट 


    नई दिल्ली : केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज 'सतत विकास के लिए सरकार और व्यापार के बीच तालमेल' पर भारतीय उद्योग परिसंघ के वार्षिक शिखर सम्मेलन के विशेष सत्र को वीडियो कॉन्‍फ्रेंस के माध्‍यम से संबोधित किया। इस वर्ष की वार्षिक बैठक का विषय 'भारत@75: आत्मनिर्भर भारत के लिए सरकार और व्यवसाय एक साथ' है।


    अपने संबोधन में गोयल ने कहा कि 75 साल पहले हमने आजादी पाने के लिए काम किया था, अब हमें आत्मनिर्भर बनने के लिए मिशन मोड में काम करना होगा। देश को तेजी से विकास और समृद्धि के रास्ते में ले जाने का हमारे पास इससे बेहतर अवसर नहीं होगा। आजादी के 75 साल बाद हमें यह देखना होगा कि हम कितनी दूर आए हैं और आगे की मंजिल कहां है।


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    गोयल ने कहा कि "आजादी का अमृत महोत्सव 130 करोड़ भारतीयों के लिए देश हित में कुछ करने का आह्वान है और 130 करोड़ सिर्फ एक संख्या नहीं है, यह 130 करोड़ संभावनाएं हैं, यह हमारी ताकत हैं और क्षमता के असीमित स्रोत हैं।"उन्होंने कहा, "हम आत्मानिर्भर भारत के लिए जन-भागीदारी और उद्योग-भागीदारी की ओर देख रहे हैं।"गोयल ने कहा कि भारत का युवा भविष्य का पथ प्रदर्शक है।

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     गोयल ने उल्लेख किया कि 75वर्ष का भारत नए सपनों, नई ऊर्जा और नई प्रतिबद्धता के साथ एक नए भारत की घोषणा है। उन्होंने कहा कि यह दुनिया के लिए आशा की किरण होगी, जो प्राचीन ज्ञान द्वारा निर्देशित और इसके युवाओं द्वारा सक्रिय होगी।  गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेनद्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत अपने इतिहास में 75वें स्वतंत्रता दिवस को ऐतिहासिक क्षण के रूप में चिन्हित करना चाहता है। आजादी के 75वर्षों को हमें अगले 25वर्षों के लिए एक स्पष्ट दृष्टि, खाका और संकल्प के साथ आगे देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले 7वर्षों में, प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में भारत ने "सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन' के मंत्र के साथ संरचनात्मक परिवर्तन करने की शुरुआत की है और इन परिवर्तनों ने भारतीय व्यापार के आधारभूत ढांचे को सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी बना दिया है।  गोयल ने बताया कि जल्द ही राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली शुरू होने वाली है जो भीतरी जटिल प्रक्रियाओं को आसान बनाएगी।


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     गोयल ने कहा कि भारत ने दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है और हर कोई हमारी तरफ आशा भरी निगाहों से देख रहा है। उन्होंने कहा कि क्षमता और सामर्थ्य सुधार के लिए बिजनेस लीडर्स द्वारा उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाएं शुरू की जाएंगी और हम समान विचारधारा वाले देशों के साथ मुफ्त व्यापार संधि कर रहे हैं जो लोकतंत्र, पारदर्शिता और कानून के शासन के हमारे मूल्यों को साझा करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य ब्रांड इंडिया को गुणवत्ता, उत्पादकता, प्रतिभा और नवाचार का ध्वजवाहक बनाना है। उन्होंने कहा कि दुनिया निवेश, नवाचार या किसी उद्योग की स्थापना के लिए भारत की ओर देख रही है और 75वर्ष पर भारत नए विचारों और निवेश, मांग, निर्यात, आकांक्षाओं और स्टार्ट-अप का केंद्र बन रहा है।


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    गोयल ने कहा कि कोविड-19ने हमारे काम करने के तरीके में बाधा उत्पन्न की है। कोविड के बाद भारत वैश्विक मंच पर प्रेरक शक्ति के रूप में उभरेगा और टीकाकरण अभियान की गति और परिणाम बहुत आशाजनक हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया में सबसे ज्यादा लोगों को टीका लगाया है। उन्होंने उद्योग जगत से व्यवसायों और सरकार के बीच तालमेल को मजबूत करने के लिए टीकाकरण अभियान में अग्रणी भूमिका निभाने का आह्वान किया।


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     गोयल ने अपने समापन भाषण में कहा कि सेवा क्षेत्र मेन्युफेक्चरिंग क्षेत्र के साथ-साथ चलता है। देश अपने आकार और फैलाव के हिसाब से मेन्युफेक्चरिंग सेक्टर में प्रमुख है। उन्होंने उद्योग जगत से भारत को कुशल बनाने के प्रयासों में सरकार के साथ जुड़ने की अपील की। मंत्री ने सीआईआई से व्यापार और सरकार के बीच तालमेल बढ़ाने में मदद करने के लिए अधिक जिम्मेदारी और कार्रवाई करने का भी आग्रह किया।

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