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    साथी मजदूर की हत्या के बाद बिहारी मजदूर कश्मीर छोड़कर बिहार लौटने की तैयारी में

    तस्वीर पीटीआई 



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    We News 24»बांका ,बिहार

    रिपोर्टिंग / ललित भगत 


     बांका , एक सप्ताह के अंदर आंतकी  हमले में अपने दो साथियों की दर्दनाक  मौत देख चुके बिहारी मजदूर अब घाटी छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। दस अक्टूबर को भागलपुर के वीरेंद्र पासवान और शनिवार को बांका जिले के अरविंद कुमार साह की हत्या के बाद इनके मन में डर बैठ गया है।



    अरविंद के गृह जिले बांका के कई लोग घाटी छोड़ने की तैयारी में लग गए हैं। इसके अलावा कोसी, सीमांचल और पूर्वी बिहार के अन्य जिलों के लोग भी घाटी को बाय-बाय करने का मन  बना चुके हैं। सहरसा जिले के मनोज कुमार, रोहित कुमार, सुपौल जिले के अरविंद कुमार, संजीव कुमार भी परिवार के साथ घाटी छोड़ने का फैसला कर चुके हैं। घाटी के मौजूदा हालात से इन सभी के मन में दहशत है। इसी तरह जलालगढ़ के याकूब आलम, अररिया के मंसूर आलम, बरसौनी के रजत कुमार राजभर ने बताया कि उनके परिजन पांच माह पहले घाटी गए थे। गैर कश्मीरियों की हत्या के बाद ठेकेदार बकाया रकम भी नहीं दे रहे, ताकि सब वहां से लौट आएं।


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    सीमांचल के सबसे अधिक अररिया, किशनगंज के अलावा पूर्णिया के मजदूर जम्मू कश्मीर में काम की तलाश में गए हुए हैं। बताया जाता है कि छह माह के लिए कोसी और सीमांचल से हजारों की संख्या में मजदूर काम करने के लिए जम्मू-कश्मीर समेत आसपास के इलाकों में जाते हैं।



    इनमें कई ऐसे भी मजदूर हैं जिन्होंने कई महीने काम किया और मालिक के पास रुपए भी बकाया है लेकिन जान के डर से अब वापस घर आ गए हैं। इनको एक तो मजदूरी नहीं मिली, ऊपर से जो भी रुपया कर्ज लेकर गए थे, लौटने पर कर्जदार परेशान कर रहा है। मजदूरों की परेशानी लॉकडाउन के कारण पहले से ही बढ़ी हुई थी।

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    लद्दाख में भी डरे हुए हैं बिहारी मजदुर

    दो दिन पहले पूर्णिया जिला निवासी राजमिस्त्री  मो. मुजाहिद की हत्या कारगिल में कुछ अपराधियों ने ईंट से कुचलकर कर दी। हालांकि इस घटना को आतंकियों ने अंजाम दिया है, यह स्पष्ट नहीं हुआ है। इस घटना के बाद से केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में रह रहे बिहार के मजदूरों में भी दहशत है। यहां भी कोसी-सीमांचल के सैकड़ों मजदूर रहते हैं। डगरूआ के करियात गांव निवासी मुजाहिद का शव भी पूर्णिया पहुंचने ही वाला है। बायसी के मो. मकसूद ने बताया कि उनके दो बेटे चार महीने से लेह में हैं। एक पुत्र पर पहले भी हमला हो चुका है। वापसी मुश्किल हो रही है।

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    जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा और बांका प्रशासन से बात कर शव को लाने की व्यवस्था की गई है। शव वाहन पटना भेजा जा चुका है। पटना तक शव फ्लाइट से आ रहा है। जम्मू कश्मीर प्रशासन और बिहार सरकार ने मुआवजे की घोषणा की है। 


    राम नारायण मंडल, विधायक

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