• Breaking News

    सावधान ,भारत में भी फ़ैल सकता चीन जैसा अँधेरा



    We%2BNews%2B24%2BBanner%2B%2B728x90

    We News 24»नई दिल्ली 

    रिपोर्टिंग/ कविता चौधरी 

    नई दिल्ली: चीन इस समय भारी  बिजली की समस्याओ  से जूझ रहा है. हालात  यह है कि बीजिंग प्रशासन को कारखानों और उद्योगों के लिए रोटेशन में बिजली की आपूर्ति की जा रही है. चीन के बिजली संकट से वैश्विक अर्थव्यवस्था  पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. आपको बता दे भारत  में भी चीन जैसा बिजली संकट पैदा हो सकता है. इसकी वजह मॉनसून और कोयले  की कमी बताई जा रही है. केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के आंकड़ों के आधार पर यह चेतावनी विशेषज्ञों ने दी है. मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश के कुल 135 थर्मल पावर प्‍लांट में से 72 पावर प्‍लांट के पास महज 3 दिनों का ही कोयला बचा है. यानी सिर्फ 3 दिन ही बिजली बनाई जा सकती है.

    ये भी पढ़े-पटना की सुचिता सिंह को दुबई में मिला माइलस्टोन मिसेज एशिया का खिताब


    बिजली की मांग बढ़ी और आपूर्ति हुई कम

    बिजली उत्पादन को लेकर पावर प्लांट की मॉनीटरिंग के मुताबिक 50 पावर प्लांट में 4 से 10 दिन का कोयला बचा है. बिजली उत्पादन के लिए और 13 प्लांट में 10 दिन से ज़्यादा का कोयला बचा है. इसके साथ मे कोरोना काल में जितनी बिजली की ज़रूरत थी उससे अब कहीं ज़्यादा ज़रूरत बढ़ गई है. इसके अलावा कोयले के निर्यात में भी समस्या आ रही है. फिलवक्त 4 बिलियन यूनिट प्रति दिन की मांग है. इस समय देश में कोयला से बिजली उत्पादन 65 से 70 फ़ीसदी हो रहा है. प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक 2019 में कोविड के समय 106 बिलियन यूनिट प्रति माह मांग थी, जो अब बढ़कर 124 बिलियन यूनिट प्रति माह हो चुकी है.

    ये भी पढ़े-गांधी जयंती के अवसर पर स्वच्छता सेनानी के सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।




    अगस्त में ही जता दिया गया था अंदेशा

    विशेषज्ञों के अनुसार इन सभी 135 पावर प्‍लांट में बिजली की कुल खपत की 66.35 फीसदी बिजली बनाई जाती है. अगर 72 पावर प्‍लांट कोयले की कमी से बंद होते हैं, तो करीब 33 फीसदी बिजली का उत्‍पादन घट जाएगा. इससे देश में बिजली संकट उत्‍पन्‍न हो सकता है. यही नहीं, दो साल में कोयले की खपत भी 18 फीसदी बढ़ चुकी है. केंद्र सरकार ने कोयले के भंडारण की समीक्षा के लिए कोयला मंत्रालय के नेतृत्‍व में समिति बनाई है. यह टीमें इसकी निगरानी कर रही हैं. बताते हैं कि कोयला संकट का आकलन अगस्‍त में ही किया जा चुका था. एक अगस्त को भी महज 13 दिन का कोयला भंडारण बचा था. तब थर्मल पावर प्लांट इस कमी के चलते प्रभावित हुए थे. इसके कारण अगस्त के आखिरी हफ्ते में बिजली उत्पादन 13 हजार मेगावाट घट गया था. 

    इस आर्टिकल को शेयर करे 

    Header%2BAidWhatsApp पर न्यूज़ Updates पाने के लिए हमारे नंबर 9599389900 को अपने मोबाईल में सेव  करके इस नंबर पर मिस्ड कॉल करें। फेसबुक-टिवटर पर हमसे जुड़ने के लिए https://www.facebook.com/wenews24hindi और https://twitter.com/Waors2 पर  क्लिक करें और पेज को लाइक करें | 

    कोई टिप्पणी नहीं

    कोमेंट करनेके लिए धन्यवाद

    Post Top Ad

    Post Bottom Ad