लगता है की अब उद्धव ठाकरे के पास कुछ भी नहीं बचेगा,सरकार के साथ-साथ पार्टी भी जाएगी?
We News 24 Digital» मुंबई ब्यूरो
मुंबई:शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे कई अन्य बागी विधायकों के साथ असम की राजधानी गुवाहाटी में डेरा जमाए हुए हैं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का राज है। विधायकों के बागी तेवर ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की चिंता बढ़ा दी है। कल रात उन्होंने सीएम का सरकारी बंगला छोड़ दिया और अपने मुस्तैनी मकान मातोश्री शिफ्ट हो गए। राज्य की महा विकास अघाड़ी गठबंधन विधायकों को वापस लाने के लिए हर कोशिश कर रही है। कल अपने संबोधन के दौरान ठाकरे ने सीएम पद और शिवसेना प्रमुख की जिम्मेदारी छोड़ने की पेशकश की। उन्होंने शिंदे को सीएम बनाना तक का ऑफर दिया। वहीं बीजेपी इन बागी विधायकों पर कड़ी नजर बनाए हुई है।
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गुवाहाटी में होटल के बाहर टीएमसी कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन
गुवाहाटी में रैडिसन ब्लू होटल के बार प्रदर्शन कर रहे टीएमसी नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस हिरासत में ले लिया है। एक कार्यकर्ता का कहना है, "असम में लगभग 20 लाख लोग बाढ़ के कारण पीड़ित हैं। लेकिन सीएम महाराष्ट्र सरकार को गिराने में व्यस्त हैं।" महाराष्ट्र के बागी विधायक गुवाहाटी के होटल में ठहरे हुए हैं।
गुवाहाटी में शिंदे के साथ 42 विधायक, 34 अकेले शिवसेना के: सूत्र
असम के गुवाहाटी में रैडिसन ब्लू होटल में एकनाथ शिंदे के साथ महाराष्ट्र के कुल 42 विधायक मौजूद हैं। इसमें शिवसेना के 34 विधायक और 8 निर्दलीय विधायक शामिल हैं: सूत्र
हम सच्चे बालासाहेब भक्त, ED का दबव बेअसर: राउत
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, ''ईडी के दबाव में पार्टी छोड़ने वाले सच्चे बालासाहेब भक्त नहीं हैं। हम सच्चे बालासाहेब भक्त हैं। ईडी का दबाव भी है लेकिन उद्धव ठाकरे के साथ खड़े रहेंगे। जब फ्लोर टेस्ट होगा तो सभी देखेंगे कि कौन सकारात्मक है और कौन नकारात्मक।''
महाराष्ट्र में राजनीतिक उथल-पुथल पर बोले नकवी : ज्यादा दिन नहीं चलती डायलिसिस वाली सरकार
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक उथल-पुथल पर बृहस्पतिवार को कहा कि डमी कार और डायलिसिस वाली सरकार ज्यादा दिन नही चलतीं। रामपुर लोकसभा उपचुनाव में वोट डालने आये नकवी ने मतदान केन्द्र के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक हालात के बारे में पूछे जाने पर वहां की शिवसेना नीत सरकार पर तंज किया। उन्होंने कहा ''डमी कार और डायलिसिस वाली सरकार ज्यादा दिन नहीं चलती।''
इस सवाल पर कि महाराष्ट्र में अब क्या होगा, नकवी ने सीधा जवाब नहीं देते हुए कहा ''जब रात है इतनी मतवाली तो सुबह का आलम क्या होगा।''
अंतिम सांस तक ठाकरे परिवार के साथ, गुवाहाट में बैठे 20 विधायकों से संपर्क: राउत
महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच शिवसेना सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने उद्धव ठाकरे परिवार के प्रति अपनी निष्ठा दिखाई है। साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि गुवाहाटी में मौजूद करीब 20 विधायक उनके संपर्क में हैं।
सरकार के साथ-साथ पार्टी भी जाएगी? शिवसेना के सांसद भी हुए बागी
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के हाथों से ना सिर्फ उनकी सरकार जाती दिख रही है, बल्किन उनकी पार्टी शिवसेना भी काफी कमजोर हो रही है। पहले दो तिहाई विधायकों ने बागी रुख अपनाया है। अब खबर आ रही है कि कुछ सांसद भी पार्टी का साथ छोड़ सकते है। सांसद राजेंद्र गाविल, भावना गवली और ठाणे के सांसद राजन विचारे भाजपा और एकनाथ शिंदे के संपर्क में हैं।
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एकनाथ शिंदे ने जुटाए शिवसेना के 37 बागी विधायकों के समर्थन, दल-बदल कानून बेअसर; जानें पूरा समीकरण
महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी की सरकार संकट में है। उद्धव ठाकरे अगर शिवसेना के बागी विधायकों को मनाने में सफल नहीं होते हैं तो उनके पास इस्तीफा देने के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा। ऐसे इसलिए, क्योंकि एकनाथ शिंदे के खेमे ने 37 विधायकों के जादुई आंकड़े को छू लिया है। ऐसे में इनके खिलाफ दल-बदल कानून का कोई असर नहीं होगा और वे भाजपा के साथ हाथ मिलाकर महाराष्ट्र की सत्ता का तख्तापलट करने में कामयाब हो जाएंगे।
37 विधायकों के समर्थन के साथ गवर्नर से संपर्क साध सकते हैं एकनाथ शिंदे
एकनाथ शिंदे खेमे के शीर्ष सूत्रों ने कहा है कि वह यह दिखाने के लिए संख्या जुटाएंगे कि उन्हें शिवसेना में दो-तिहाई बहुमत (कम से कम 37 विधायक) का समर्थन प्राप्त है। शिंदे अपनी संख्या साबित करने के लिए राज्यपाल से संपर्क कर सकते हैं। इसके बाद राज्यपाल उद्धव ठाकरे को बहुमत साबित करने के लिए कह सकते हैं। ऐसी स्थिति में सरकार का गिरना तय माना जा रहा है। महाराष्ट्र में सरकार गिरने के बाद एकनाथ शिंदे भाजपा से हाथ मिला सकते थे।
ठाकरे से कहां हुई चूक? कैसे 'मातोश्री' के हाथ से निकल रही महाराष्ट्र की कमान; पढ़िए इनसाइड स्टोरी
बुधवार को एकनाथ शिंदे जब सूरत से अपने समर्थक विधायकों के साथ गुवाहाटी के लिए उड़े तो किसी को अंदाजा नहीं था कि उसी रात 'वर्षा' के अपने सरकारी आवास को छोड़कर उद्धव ठाकरे भी 'मातोश्री' चले जाएंगे। एक नाथ शिंदे खुद को बालासाहेब ठाकरे का सच्चा सिपाही बताते हुए कहते हैं कि इस शिवसेना ने हिंदुत्व के साथ समझौता कर लिया है
महाराष्ट्र में संकट के बीच आज NCP विधायकों की बैठक, शरद पवार करेंगे अध्यक्षता
महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच राकांपा प्रमुख शरद पवार ने पार्टी विधायकों की बैठक बुलाई है। इससे पहले उन्होंने कहा था कि शिवसेना विधायकों का विद्रोह पार्टी का आंतरिक मामला है और एमवीए में भागीदार राकांपा इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगी।
शिंदे खेमे की बढ़ रही है ताकत
असम के गुवाहाटी में ठहरे शिवसेना विधायकों की संख्या में इजाफा होने की खबर है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दो कारों से और शिवसेना विधायकों को रेडिसन ब्लू होटल में प्रवेश करते देखा गया है। खास बात है कि एकनाथ शिंदे 40 से ज्यादा विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे थे।
कमजोर हो रहे उद्धव ठाकरे, एकनाथ शिंदे की बढ़ रही ताकत; गुवाहाटी पहुंचे कुछ और विधायक
उद्धव ठाकरे के खिलाफ ED जांच की मांग, HC में याचिका दायर
महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता किरीट सोमैया ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से जुड़ी एक संपत्ति के खिलाफ जनहित याचिका दायर की है। इसके जरिए उन्होंने संपत्ति की जांच की मांग की है। हालांकि, अभी तक इस PIL को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं किया गया है।
शिवसेना की बगावत पर फूंक-फूंक कर कदम रख रही भाजपा, शरद पवार की ताकत का है अंदाजा
महाराष्ट्र में शिवसेना विधायकों की बगावत को लेकर भाजपा बेहद सतर्कता बरत रही है। पार्टी सीधे तौर पर अभी तक सामने नहीं आई है। हालांकि, उसने राज्य में अपनी सरकार बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी नेता शिवसेना के साथ उसके दोनों सहयोगी दलों कांग्रेस और एनसीपी के रुख पर भी नजर रखे हुए हैं। खासकर शरद पवार पर, उनकी अगली रणनीति क्या रहती है?
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महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना में बगावत से महाविकास अघाड़ी सरकार पर संकट गहरा गया है। शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे का अपने समर्थक विधायकों के साथ बगावती सुर अपनाने से सत्ता के गलियारों में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। आइए, जानते हैं इस घटनाक्रम के महाराष्ट्र की राजनीति में किस दिग्गज नेता के लिए क्या मायने हैं।
शिवसेना बचाने के लिए गठबंधन तोड़ना जरूरी: शिंदे
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अपील के बाद शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने बयान जारी कर कहा कि शिवसेना को बचाने के लिए कांग्रेस और एनसीपी का साथ छोड़ना जरूरी है। उन्होंने ट्वीट किया, पिछले ढाई साल में महा विकास आघाडी में फायदा दूसरे दलों को हुआ है और शिवसेना को केवल नुकसान हुआ है। दूसरे दल जहां मजबूत होते गए तो वहीं शिवसेना की ताकत कम होती चली गई। पार्टी और शिवसैनिकों को टिकाए रखने के लिए अनैसर्गिक गठबंधन से बाहर निकलना बेहद जरूरी है।
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