सामने आया 40 करोड़ की संस्था में घोटाला का मामला
We News 24 Digital»रिपोर्टिंग सूत्र / आर्यन सिंह
इंदौर। दस हजार से ज्यादा किसानों के विकास के लिए बनी 40 करोड़ की संस्था में घोटाला सामने आया है। खरगोन और गुजरात के आरोपितों ने किसानों के रुपयों के साथ पूरी संस्था पर ही कब्जा कर लिया। संस्था पदाधिकारियों की शिकायत पर जांच हुई और सात आरोपितों पर केस दर्ज किया गया।
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क्राइम ब्रांच टीआइ धनेंद्रसिंह भदौरिया के मुताबिक कामोद पोस्ट चाचरिया सेंधवा निवासी भीमनायक कृषक उत्थान समिति के अध्यक्ष प्रकाश बारेला की शिकायत पर फेयरशर्ट सर्टिफिकेशन सर्विसेस प्रालि के डायरेक्टर हिमांशु पाठक (खरगोन), सोशल सर्टिफिकेट सर्विसेस प्रालि के डायरेक्टर तुषार पाठक, पत्नी शुभा, मां वसुंधरा (तीनों खरगोन), कुशल पटेल (अहमदाबाद, गुजरात), अर्पित वनकर (खरगोन) और दिलीप राठौर (कसरावद, खरगोन) के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
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प्रकाश के मुताबिक गरीब लघु किसानों के विकास के उद्देश्य से वर्ष 2013 में संस्था गठित की थी। किसानों ने जैविक खेती करने का फैसला लिया और खरगोन, खंडवा, बड़वानी, धामनोद, बुरहानपुर, धार, नीमच, मंदसौर, झाबुआ, आलीराजपुर के 10 हजार से ज्यादा किसानों के 21 से ज्यादा समूह बनाए। आरोपितों ने किसानों से संपर्क कर बताया कि उनकी कंपनी टीक्यूशर्ट एवं फेयरशर्ट जैविक प्रामाणीकरण मान्यता प्राप्त है। किसानों को जैविक उत्पादन और प्रामाणीकरण का प्रलोभन दिया। आरोपितों ने किसानों से कहा कि प्रामाणीकरण का कार्य एग्रीकल्चर एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथारिटी (एपिडा) वाणिज्य मंत्रालय (दिल्ली) से होता है।
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