कर्ज की जबरन वसूली नहीं कर सकते हैं बैंक ,रिकवरी एजेंट करे बदसलूकी तो करे पुलिस में शिकायत
We News 24 Digital»रिपोर्टिंग सूत्र / दीपक कुमार
नई दिल्ली : अक्सर लोग जरूरतें पूरी करने के लिए बैंकों से कर्ज लेते हैं पर कई बार किस दुकान में भी विफल हो जाते किस्त चुकाने में विफल रहने पर बैंक के रिकवरी एजेंट द्वारा दुर्व्यवहार की घटनाएं देखने को अक्सर मिलती है इसकी बड़ी वजह है लोगों में नियमों की जानकारी नहीं होना कानून के अनुसार बैंक एजेंट कर्जदार उसे जबरन वसूली नहीं कर सकते है.
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हदें पार नहीं कर सकते हैं रिकवरी एजेंट
बैंकों को अपने पैसे की वसूली का अधिकार है इसके लिए आरबीआई के दिशा निर्देशों का पालन करना जरूरी है रिजर्व बैंक के मुताबिक बैंक अपने पैसों की वसूली के लिए रिकवरी एजेंट की सेवाएं ले सकते हैं लेकिन यह एजेंट अपने हदें पार नहीं कर सकते सुप्रीम कोर्ट ने भी कर्ज की वसूली के लिए एजेंट के जरिए धमकाना दुर्व्यवहार करना और प्रताड़ित किए जाने को अपराध माना है .
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रिकवरी एजेंटएजेंट आपसे करे बदसलूकी तो करे पुलिस में शिकायत
रिकवरी एजेंट यदि आपको परेशान करता है धर्म का आता है हाथापाई करता है तो आप को अधिकार है कि इसकी शिकायत बैंक के साथ-साथ पुलिस में भी करें कि नहीं चुका पा ना सिविल विवाद के दायरे में आता है ऐसे में डिफाल्टर के साथ बैंक या उसका कोई रिकवरी एजेंट मनमानी नहीं कर सकता है .
बैंक को वसूली एजेंट की जानकारी आपको देनी होगी
अगर बैंक आपके केस को वसूली एजेंट को सौंपना चाहता है तो उसे पहले यह जानकारी आपको देनी होगी। अगर आपने पहले से कोई शिकायत कर रखी है और बैंक ने उस पर कार्रवाई नहीं की है तो एजेंट को केस नहीं सौंपा जा सकता। -वसूली एजेंट का पता और फोन नंबर ग्राहक को दिया जाना जरूरी है। एजेंट को भी उन्हीं नंबरों से ग्राहक को कॉल करना चाहिए, जो बैंक ने उपलब्ध कराए हैं। एजेंट को ग्राहक से सुबह 7 से शाम 7 बजे के बीच ही संपर्क करना चाहिए। ग्राहक को यह अधिकार है कि वह एजेंट को एक तय वक्त पर फोन करने और मीटिंग के लिए समय तय करने को कह सकता है।
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