सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने पर मनीष सिसोदिया का पहले से तैयार इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है
We News 24 Digital News» रिपोर्टिंग सूत्र / आरती गुप्ता
नई दिल्ली। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का तीन पेज का इस्तीफा भले ही मंगलवार को सामने आया है, लेकिन इसे पढ़कर लगता है कि इसे पहले ही तैयार कर लिया गया था। पत्र की भाषा जितनी सधी है, उसे पढ़कर ऐसा नहीं लगता कि सिसोदिया ने इसे सीबीआइ की हिरासत में रहने के दौरान लिखा या लिखवाया हो। वैसे भी इस्तीफा टाइप किया हुआ है और उसपर कोई तारीख भी नहीं है।
सिसोदिया ही नहीं, इसका आभास मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी बहुत पहले से हो गया था कि उपमुख्यमंत्री गिरफ्तार किए जा सकते हैं। हाल ही में केजरीवाल ने सार्वजनिक रूप से भी इसकी आशंका जताई थी। संभवतया इसीलिए पिछले एक वर्ष से परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत भी बजट से संबंधित बैठकों में शामिल हो रहे थे। इसके पीछे भी यही सोच बताई जाती है कि अगर सिसोदिया गिरफ्तार हो जाते हैं, तो गहलोत बजट पेश कर सरकार के कामकाज को आगे बढ़ा सकेंगे।
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सिसोदिया के साथ-साथ सत्येंद्र जैन का इस्तीफा भी मंजूर
दूसरी तरफ, मंत्री सत्येंद्र जैन के इस्तीफे को लेकर कहा जा रहा है कि वह पहले से ही केजरीवाल के पास था, लेकिन उन्होंने उसे स्वीकार नहीं किया था। ऐसा इसलिए भी माना जा रहा है, क्योंकि तिहाड़ जेल के सूत्रों के अनुसार, मंगलवार को तिहाड़ में जैन की किसी से मुलाकात नहीं हुई। ऐसे में इस्तीफा भेजने का प्रश्न ही नहीं उठता। अब सिसोदिया के साथ-साथ उनका इस्तीफा भी मंजूर कर लिया गया है।
चूंकि इस्तीफा पहले ही दे दिया गया था, इसीलिए इसकी प्रति भी मीडिया में साझा नहीं की गई। सूत्र बताते हैं कि सरकार इस उम्मीद में थी कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से उपमुख्यमंत्री को राहत मिल जाएगी, लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ, तो प्लान 'बी' अपनाकर उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया। सिसोदिया और जैन के इस्तीफे को दांव या मजबूरी के रूप में भी अलग-अलग पहलू से देखा जा रहा है।
शिक्षा मंत्री के रूप में मुझे जिम्मेदारी मिली
सरकार ने भाजपा शासित केंद्र से हार न मानते हुए अपनी सियासी लड़ाई जारी रखने की रणनीति बनाई है। मुख्यमंत्री को भेजे गए सिसोदिया के त्यागपत्र के प्रमुख अंश : मुझे खुशी है कि आठ वर्ष में दिल्लीवासियों की जिंदगी में खुशहाली और समृद्धि लाने का जो काम आपके नेतृत्व में हुआ है, एक मंत्री के नाते मुझे उसमें थोड़ी-बहुत भूमिका निभाने का अवसर मिला है। विशेषकर, शिक्षा मंत्री के रूप में मुझे जिम्मेदारी मिली। ईमानदारी और निष्ठा मेरे संस्कार में है।
कायर और कमजोर लोगों की साजिश से ज्यादा कुछ नहीं
दुनिया की कोई ताकत न मुझसे बेईमानी करा सकती है और न ही अपने काम के प्रति मेरी निष्ठा कम कर सकती है। यह दुखद है कि आठ वर्ष तक ईमानदारी और सत्यनिष्ठा के साथ काम करने के बावजूद मुझ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे हैं। मैं जानता हूं, मेरा ईश्वर जानता है कि ये सारे आरोप झूठे हैं। ये आरोप वस्तुत: अरविंद केजरीवाल की सच्चाई की राजनीति से घबराए हुए, कायर और कमजोर लोगों की साजिश से ज्यादा कुछ नहीं हैं।
मेरे ऊपर कई एफआइआर की गई हैं और अभी कई और करने की तैयारी है। उन्होंने बहुत कोशिश की कि मैं आपका साथ छोड़ दूं। मुझे डराया, धमकाया, लालच दिया। जब मैं उनके सामने नहीं झुका, तो उन्होंने मुझे गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया है। सच्चाई की ताकत मेरे साथ है, तो मुझे डर कैसा। उनकी इन साजिशों से सच्चाई की राजनीति की हमारी लड़ाई और मजबूत होगी।
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