China Pneumonia:- कोरोना के बाद चीन से आई नई रहस्यमयी बीमारी, WHO समेत भारत के राज्य अलर्ट,जारी की गाइडलाइंस
We News 24 Digital News» रिपोर्टिंग सूत्र / असफाक खान
नई दिल्ली :- कुछ समय पहले ही दुनिया ने कोरोना महामारी से निजात पाई थी लेकिन अब एक बार फिरस से पड़ोसी देश चीन में नई बीमारी ने दस्तक दे दी है। चीन में फैल रही इस रहस्यमयी बीमारी ने बच्चों को अपनी जद में लेना शुरू कर दिया है। चीन की इस बीमारी को लेकर WHO भी सख्त हो गया है और इस बीमारी को लेकर पूरी नजर रख रहा है।
क्या है चीन की ये नई बीमारी?
चीन में फैल रही नई बीमारी का नाम निमोनिया (चीन में निमोनिया का प्रकोप) बताया जा रहा है। इस नए संक्रमण के कारण चीन के अस्पतालों में बच्चों की संख्या में लगातार इजाफा दिखाई दे रहा है। इस नए वायरस को रहस्यमयी निमोनिया वायरस इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि इसके कुछ लक्षण आम निमोनिया से मिलते-जुलते हैं और कुछ अलग भी हैं। दरअसल, अगर निमोनिया की बात करें तो उसमें पीड़ित बच्चों को बलगम वाली खांसी, तेज बुखार और फेफड़ों में सूजन(चीनी निमोनिया वायरस के लक्षण) की शिकायत होती है। वहीं, दूसरी ओर चीन के इस रहस्यमयी निमोनिया में बच्चों को बिना बलगम वाली खांसी के साथ ही तेज बुखार और फेफड़ों में सूजन की शिकायत हो रही है।
भारत के कई राज्य अलर्ट पर
चीन में विशेषकर बच्चों में सांस संबंधी बीमारियों में हो रही तेजी से बढ़ोतरी के मद्देनजर केंद्र सरकार (चीन में निमोनिया भारत ) ने तैयारियों की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। केंद्र सरकार से मिले निर्देश के बाद राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड, कर्नाटक और तमिलनाडु सहित पांच राज्यों ने अपने स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे को अलर्ट पर रखा है। कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने भी नागरिकों को बीमारियों के संबंध में मौसमी फ्लू के प्रति सचेत रहने के लिए एक सलाह जारी की है। इसके अनुसार, मौसमी फ्लू एक संक्रामक बीमारी है जो आम तौर पर पांच से सात दिनों तक रहती है और अपनी कम रुग्णता और मृत्यु दर के लिए जानी जाती है। हालाँकि, यह बीमारी शिशुओं, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, कमजोर इम्यूनिटी सिस्टम वाले लोगों और स्टेरॉयड जैसी दीर्घकालिक दवाएँ लेने वाले लोगों के लिए अधिक जोखिम पैदा करता है, जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो सकती है।इन लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, अस्वस्थता, भूख न लगना, मायलगिया, मतली, छींकें और सूखी खांसी शामिल हैं जो उच्च जोखिम वाले समूहों में तीन सप्ताह तक रह सकती हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय कर रहा निगरानी
निजी सुविधाओं सहित मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों से आईडीएसपी-आईएचआईपी पोर्टल में गंभीर सांस बीमारी या इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी के मामलों की रिपोर्ट करने का अनुरोध किया गया है। यह घटनाक्रम केंद्र द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक सलाह जारी करने के बाद आया है, जिसमें उनसे सार्वजनिक स्वास्थ्य और अस्पताल की तैयारियों के उपायों की तुरंत समीक्षा करने का आग्रह किया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को अपनी एडवाइजरी में कहा कि फिलहाल स्थिति उतनी चिंताजनक नहीं है, वह इस पर करीब से नजर रख रहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने लिखा पत्र
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने भी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखकर सार्वजनिक स्वास्थ्य और अस्पताल तैयारी उपायों की तुरंत समीक्षा करने की सलाह दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के पत्र में कहा गया है कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस साल की शुरुआत में साझा किए गए 'कोविड के संदर्भ में संशोधित निगरानी रणनीति के लिए परिचालन दिशानिर्देश' को लागू करने की सलाह दी गई है।
WHO ने जारी की गाइडलाइन
चीन में तेजी से फैल रही सांस संबंधी बीमार को लेकर WHO अलर्ट मोड पर है। इस वायरस को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO on Pneumonia) ने सभी देशों के लिए गाइडलाइन भी जारी कर दी है। सभी देशों ने इन गाइडलाइन्स को देखते हुए अपने-अपने देशों में तैयारियां शुरू कर दी हैं।
लोग अपने घरों और दफ्तरों के पास साफ-सफाई रखें और किसी भी तरह की गंदगी फैलाने से बचें।
शरीर में किसी भी तरह के बुखार के लक्षण दिखने पर खुद कोई दवाई न लें।
बुखार का कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें।
किसी भी भीड़भाड़ वाले इलाके में जाने से बचें।
जरूरत लगने पर तुरंत मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
बच्चों और बुजुर्गों के सभी सामानों को साफ-सुथरा रखें।
खांसते या छींकते समय मुंह को रुमाल या हाथ से ढक लें।
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