दिल्ली की हवा 'खराब' करने वालों की अब खैर नहीं
नई दिल्ली /समाचार
नई दिल्ली :केंद्र सरकार दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में हवा की लगातार खराब होती गुणवत्ता को ठीक करने के लिए अब सख्त रुख अपनाते हुए वायु प्रदूषण मानकों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज होगी पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री हर्षवर्धन ने शनिवार को एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण की स्थिति की समीक्षा बैठक के बाद यह जानकारी दी।
हर्षवर्धन ने बताया कि हवा की गुणवत्ता में अपेक्षित सुधार नहीं होने पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के सुझाव पर यह फैसला किया गया है।
न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, बैठक में सीपीसीबी के अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली के अलावा एनसीआर के चार शहरों नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम में पिछले एक महीने में स्थिति को सुधारने के लिए किए गए उपाय नाकाफी साबित हो रहे हैं।
दिल्ली में ‘खतरनाक ’ स्तर पर पहुंची हवा की क्वॉ़लिटी, AQI 358 पर
उन्होंने कहा कि अब सीपीसीबी के 41 के बजाय 50 निगरानी दल सप्ताह में दो दिन के बजाय कम से कम पाँच दिन इन शहरों में औचक निरीक्षण निरीक्षण करेंगे। नियमों का पालन नहीं करने वालों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामला दर्ज करने की कार्रवाई की जाएगी।
धुआं उगलने वाले कारखाने बंद करने की सिफारिश
सीपीसीबी की अगुवाई वाली एक टास्क फोर्स ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की चिंताजनक स्थिति से निपटने के लिए एक नवम्बर से 10 नवम्बर के बीच कम से कम निजी वाहनों को चलने की अनुमति देने, कोयले एवं जैव ईंधन आधारित उद्योगों को बंद करने जैसी कठोर अनुशंसाएं की हैं।
टास्क फोर्स ने लोगों को सलाह दी है कि जहरीली हवा से कम से कम संपर्क में आने के लिए वह अधिक श्रम वाले बाहरी कामों से परहेज करें और नवम्बर महीने के शुरुआती दस दिनों में निजी कारों के प्रयोग में कटौती करने को भी कहा गया है। शहर में शुक्रवार को इस मौसम में प्रदूषण सूचकांक पर हवा की गुणवत्ता सर्वाधिक खराब दर्ज की गई जो धीरे-धीरे गंभीर श्रेणी की तरफ बढ़ रही है। साथ ही विशेषज्ञों ने चेताया है कि दिल्ली-एनसीआर में अगले महीने वायु गुणवत्ता और खराब हो सकती है क्योंकि हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम हो सकती है।
बद से बदतर हो रहे एनसीआर के हालात
शुक्रवार को पर्यावरण मंत्रालय के प्रतिनिधियों, भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी), उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के साथ टास्क फोर्स ने दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण को लेकर बैठक की थी और सदस्यों को सूचित किया कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर और खराब होते हुए नजर आ रहा है।
मौसम विभाग के प्रतिनिधि सिद्धार्थ सिंह ने कहा कि दिल्ली में वायु की गुणवत्ता गिरकर बहुत खराब स्तर पर आ गई है और अगले कुछ दिनों तक इसके ऐसे ही बने रहने की आशंका है। बैठक में सिंह ने बताया कि नवम्बर महीने की शुरुआत में हालात के और अधिक खराब होने की संभावना है। इसकी वजह आने वाले त्योहारों में प्रयोग होने वाले पटाखों और आसपास के इलाकों में पराली जलाने से निकलने वाला धुआं है। पूर्व के अनुभवों को देखते हुए टास्क फोर्स ने एक से 10 नवम्बर के बीच कुछ और कदम उठाने की सिफारिशें की हैं, इनमें खुदाई संबंधी सार्वजनिक निर्माण कार्य, पत्थर तोड़ने के कार्य और हॉट मिक्स प्लांटों को बंद रखना शामिल है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता अब भी बेहद खराब
बता दें कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगातार चौथे दिन बेहद खराब रही जहां राष्ट्रीय राजधानी के पांच इलाकों में प्रदूषण का स्तर गंभीर दर्ज किया गया। वहीं अधिकारियों ने चेताया है कि त्योहारों में पटाखे फोड़े जाने और पराली जलाने के कारण अगले हफ्ते स्थिति और खराब हो सकती है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिल्ली का कुल वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 341 दर्ज किया। इस मौसम का सबसे अधिक एक्यूआई-361 शुक्रवार को दर्ज किया गया था।
पंजाबी बाग में मिला सबसे अधिक प्रदूषण
शनिवार को दिल्ली के पांच इलाकों में प्रदूषण का स्तर बेहद गंभीर दर्ज किया गया। ये इलाके आनंद विहार, द्वारका सेक्टर-8, नरेला, पंजाबी बाग और रोहिणी हैं। राष्ट्रीय राजधानी में सबसे अधिक प्रदूषण स्तर 434 पंजाबी बाग में दर्ज किया गया। बता दें कि 0 से 50 के बीच एक्यूआई ''अच्छा'' माना जाता है, 51 और 100 के बीच ''संतोषजनक'', 101 और 200 के बीच ''मध्यम'' श्रेणी का, 201 और 300 के बीच ''खराब'', 301 और 400 के बीच ''बेहद खराब'' और 401 से 500 के बीच एक्यूआई ''गंभीर'' माना जाता है।
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