कल दिल्ली वालो को हो सकती है परेशानी
नई दिल्ली/ राजधानी क्षेत्र /समाचार
नयी दिल्ली : दिल्ली वाले कई दिनों के छुट्टी मानने के बाद आपको अपने ऑफिस और काम पर जाना मुश्किल हो सकता है | क्योकि कल तीन अलग-अलग हड़ताल के चलते दिल्ली की रफ्तार सोमवार को धीमी पड़ सकती है।
1-ओला, ऊबर के खिलाफ जहां टैक्सी व आटो चालक सोमवार को चक्का जाम कर रहे है,
2-डीटीसी के अनुबंधित कर्मचारी दूसरे विभागों के अनुबंधित कर्मचारियों के साथ सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू करने जा रहे है। इससे दिल्ली में बस सेवाएं प्रभावित रहेगी। क्योंकि बस परिचालन की अधिकतम जिम्मेदारी अनुबंधित कर्मचारियों पर निर्भर है।
3-सोमवार को पेट्रोल और डीजल पंप संचालकों ने पेट्रोलियम पदार्थो पर वैट घटाएं जाने की मांग को लेकर हड़ताल पर रहेंगे।
संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले आटो, टैक्सी का चक्का जाम
ओला, ऊबर को नियमित करने और उनका न्यूनतम किराया बढ़ाने समेत अलग-अलग मागों को लेकर बीते कई दिनों से राजघाट पर प्रदर्शन कर रहे आटो व टैक्सी चालकों के सुनवाई नहीं होने पर सोमवार को चक्का जाम करेंगे। संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले इसमें 15 से अधिक टैक्सी और आटो संगठन शामिल हो रहे है। ओला, उबर के साथ काम करने वाले टैक्सी चालकों के अलावा इसमें काली-पीली, रेडियो, इकोनामी टैक्सी और आटो भी शामिल हो रहे है। मोर्चा का आरोप है कि इन कंपनियों के न्यूनतम किराया आटो से भी कम है। इसके चलते आटो चालक बेरोजगार हो रहे है। टैक्सी चालकों को इन कंपनियों ने गुलाम बना रखा है। बंधुआ मजदूर की तरह उनसे काम करा रहे है और उनसे कमीशन ले रहे है।
ओला, ऊबर को नियमित करने और उनका न्यूनतम किराया बढ़ाने समेत अलग-अलग मागों को लेकर बीते कई दिनों से राजघाट पर प्रदर्शन कर रहे आटो व टैक्सी चालकों के सुनवाई नहीं होने पर सोमवार को चक्का जाम करेंगे। संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले इसमें 15 से अधिक टैक्सी और आटो संगठन शामिल हो रहे है। ओला, उबर के साथ काम करने वाले टैक्सी चालकों के अलावा इसमें काली-पीली, रेडियो, इकोनामी टैक्सी और आटो भी शामिल हो रहे है। मोर्चा का आरोप है कि इन कंपनियों के न्यूनतम किराया आटो से भी कम है। इसके चलते आटो चालक बेरोजगार हो रहे है। टैक्सी चालकों को इन कंपनियों ने गुलाम बना रखा है। बंधुआ मजदूर की तरह उनसे काम करा रहे है और उनसे कमीशन ले रहे है।
इनकी मांग है कि सरकार इनका न्यूनतम किराया बढ़ाएं। कंपनियों ने जिन चालकों को ब्लॉक कर दिया है उन्हें दोबारा काम दें। बताते चले कि इस चक्का जाम में दिल्ली एनसीआर के अधिकांश संगठन शामिल हो रहे है। इसके चलते ओला-ऊबर के साथ दिल्ली एनसीआर में जुड़ी 60 हजार से अधिक टैक्सी के अलावा 95 हजार आटो सड़कों पर नहीं उतरेंगे। सिर्फ यही नहीं सोमवार को आल इंडिया टूरिस्ट परमिट (एआईटीपी) के ट्रांसपोर्टर्स ने भी सोमवार को सेवाएं बंद करा के संसद तक मार्च निकालने की तैयारी में है।
डीटीसी अनुबंधित कर्मचारियों का अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन कल से
आटो, टैक्सी ही नहीं सोमवार को डीटीसी व क्लस्टर की बस सेवाएं भी प्रभावित रहेगी। दोनों ही जगह अनुबंध पर काम करने वाले कर्मचारी समान काम समान वेतन और पक्का किए जाने की मांग को लेकर अनिश्चित कालीन धरना शुरू करने जा रहे है। इसके चलते डीटीसी में करीब 12 हजार अनुबंधित कंडक्टर और चालक धरने में शामिल होंगे। इसके चलते डीटीसी की बस सेवाएं प्रभावित रहेगी। क्लस्टर में तैनात कर्मचारी इसमें शामिल हुए तो पूरी क्लस्टर बस सेवा ही प्रभावित रहेगी। डीटीसी अनुबंधित कर्मचारियों का कहना है कि अगर 28 अक्टूबर तक बात नहीं बनी तो 29 अक्टूबर को वह चक्का जाम करेंगे। डीटीसी अनुबंधित कर्मचारियों के साथ एमसीडी, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, इलेक्शन विभाग में अनुबंध पर तैनात कर्मचारी भी शामिल हो रहे है।
आटो, टैक्सी ही नहीं सोमवार को डीटीसी व क्लस्टर की बस सेवाएं भी प्रभावित रहेगी। दोनों ही जगह अनुबंध पर काम करने वाले कर्मचारी समान काम समान वेतन और पक्का किए जाने की मांग को लेकर अनिश्चित कालीन धरना शुरू करने जा रहे है। इसके चलते डीटीसी में करीब 12 हजार अनुबंधित कंडक्टर और चालक धरने में शामिल होंगे। इसके चलते डीटीसी की बस सेवाएं प्रभावित रहेगी। क्लस्टर में तैनात कर्मचारी इसमें शामिल हुए तो पूरी क्लस्टर बस सेवा ही प्रभावित रहेगी। डीटीसी अनुबंधित कर्मचारियों का कहना है कि अगर 28 अक्टूबर तक बात नहीं बनी तो 29 अक्टूबर को वह चक्का जाम करेंगे। डीटीसी अनुबंधित कर्मचारियों के साथ एमसीडी, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, इलेक्शन विभाग में अनुबंध पर तैनात कर्मचारी भी शामिल हो रहे है।
वैट घटाएं जाने की मांग को लेकर पेट्रोल पंप रहेंगे बंद
दिल्ली में सिर्फ सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था ही नहीं अगर आप सोमवार को निजी वाहन लेकर निकल रहे है तो आपको पेट्रोलियम पदार्थो के लिए भी भटकना पड़ सकता है। दिल्ली में पड़ोसी राज्य यूपी और हरियाणा में सस्ता पेट्रोल होने से बिक्री घटने से नाराज दिल्ली के पेट्रोल पंप संचालकों ने सोमवार को हड़ताल पर रहेंगे। इसके चलते दिल्ली में 398 पेट्रोल पंप और जिन पंप पर सीएनजी पंप है वह भी बंद रहेंगे। पेट्रोल पंप संचालकों का कहना है पड़ोसी राज्यों ने वैट घटाकर अपने यहां दरें कम कर दी है। इसके चलते यूपी की तुलना में दिल्ली में पेट्रोल करीब 3 रूपया और डीजल 2 रूपये से अधिक महंगा है।
इससे दिल्लीवाले भी यूपी जा रहे है। इससे दिल्ली सरकार को भी 100 करोड़ रूपये के राजस्व का नुकसान रोजाना हो रहा है। आल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय बंसल के मुताबिक हम नहीं चाहते की आम लोगों को परेशानी हो। मगर सरकार जब वन नेशन वन टैक्स की बात करती है तो फिर उसपर काम क्यों नहीं करती। कुछ ऐसा फार्म्यूला बनाएं जिससे कम से कम दिल्ली एनसीआर में पेट्रोल व डीजल के दामों में समानता हो। इससे ना सिर्फ हमें सरकार को भी नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि इसे लेकर हम दिल्ली के मुख्यमंत्री से अवगत भी करा चुके है।
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