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    बुलंदशहर हिंसा : गोकशी के बाद भड़की हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह समेत एक युवक मौत


    WAORS /हिंदी न्यूज़/उत्तर प्रदेश /बुलन्दशहर
    रिपोर्टर/राजकुमार चौहान 
    उत्तर प्रेदश के गुस्साई भीड़ ने पुलिस चौकी समेत अनेक वाहनों को फूंक डाला। इस हिंसा में स्याना के सीओ समेत आधा दर्जन पुलिसकर्मी घायल हुए वही बुलंदशहर जिले के स्याना कोतवाली के इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह समेत एक युवक की भी मौत हो गई।। घटना के बाद भड़की हिंसा में इंस्पेक्टर स्याना सुबोध कुमार सिंह और ग्रामीण की मौत के मामले की जांच के लिए एडीजी इंटेलीजेंस एसबी शिरडकर को भेजा दिया गया है। उनसे 48 घंटे में अपनी गोपनीय जांच रिपोर्ट देने को कहा गया है। 
    सरकारी पिस्टल छीन कर मारी गोली 
    प्राप्त जानकरी केअनुसार गोकशी के बाद हुए बवाल में हमलावर भीड़ ने पुलिसकर्मियों को घेर लिया और  इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की पिस्टल छीनकर उनके सिर में गोली मार दी गई। मौके पर मौजूद लोगो की मानें तो कुछ 10-12 युवकों ने सुबोध सिंह को घेर लिया था और उनकी सरकारी पिस्टल छीन ली। इसके बाद इंस्पेक्टर को जमकर पीटा और ईंटों से सिर पर वार किया। इसी दौरान इंस्पेक्टर को सिर में गोली लगी । 

    एडीजी कानून-व्यवस्था ने भी बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को गोली लगने की पुष्टि हो गई है। बाईं भौंह की तरफ से सिर में 0.32 बोर की गोली घुसी है। इसके अलावा शरीर पर पिटाई के भी निशान हैं। बकौल प्रत्यक्षदर्शियों के इंस्पेक्टर ने अपनी सरकारी पिस्टल से फायर कर दिया। एक गोली हमलावर युवकों में शामिल एक को पैर से छूते हुए निकल गई। इसके बाद हमलावरों ने इंस्पेक्टर को दबोच लिया और उनकी पिस्टल तक छीन ली। ईंट से इंस्पेक्टर सुबोध के सिर पर कई वार किए और इसके बाद एक आरोपी युवक ने गोली सिर में उतार दी। 

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    बच सकते थे सुबोध सिंह
    सुबोध सिंह को उनके सहयोगी ही ने साथ धोखा दिया हिसंक भीड़ में फंसे इन्स्पेक्टर सुबोध सिंह को भीड़ के पथरावऔर फायरिंग करते ही स्याना के इन्स्पेक्टर को पुलिस वाहन में ही छोड़कर उनके साथी भाग निकले। करीब 15 मिनट तक घायल अवस्था में इन्स्पेक्टर सुबोध कुमार सरकारी वाहन खेत में लटकी अवस्था में पड़े रहे। बाद में उन्हें वहां से अस्पताल ले जाया गया। जहां उनकी मौत हो गई। 

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    जांच के लिए एसआईटी गठित
    सुबोध कुमार सिंह और ग्रामीण की मौत के मामले की जांच के लिए एडीजी इंटेलीजेंस एसबी शिरडकर को भेजा गया है। उनसे 48 घंटे में अपनी गोपनीय जांच रिपोर्ट देने को कहा गया है। पूरे मामले और इस संबंध में दर्ज होने वाले मुकदमों की गहन जांच के लिए आईजी रेंज मेरठ रामकुमार की अध्यक्षता में एक चार सदस्यीय एसआईटी भी गठित की गई है। एडीजी कानून-व्यवस्था आनंद कुमार ने यह जानकारी दी।
    Posted By:दीपक कुमार  व्याहुत

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