मिशन-2019:उम्मीदवार चुनने में काम आएंगे आंकड़े भाजपा की अंदरूनी सर्वे रिपोर्ट
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विशेष संवाददाता
भाजपा के बड़े नेता पांच राज्यों के चुनाव प्रचार में व्यस्त है, लेकिन भाजपा की लोकसभा चुनाव की तैयारी पर किसी तरह का प्रभाव नहीं पड़ा है। जिन राज्यों में चुनाव नहीं हैं वहां पार्टी अपने हरेक सांसद और लोकसभा क्षेत्र का अंदरूनी सर्वे करने में लगा है। लोकसभा के लिए सबसे अहम प्रदेश उत्तर प्रदेश में यह कार्य बहुत ही तेजी से चल रहा है। दिसंबर के आखिर तक रिपोर्ट पार्टी आलाकमान को भेजी जाएगी। लोकसभा चुनाव में इसकी बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका होगी। पार्टी के प्रमुख नेता ने कहा, इसके जरिये जमीनी हालत और कार्यकर्ताओं की राय जानी जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, सर्वे करने वाली टीम को पार्टी ने गुप्त रखा है। फिर भी कई स्थानों पर उनके बारे में कार्यकर्ताओं को पता लग ही जाता है। सर्वे करने वालों से कहा गया है कि वे न तो दबाब में आएं न ही किसी के कहने पर विश्वास करें।
विपक्षी गठबंधन की संभावना पर भी नजर
यूपी बहुत ही महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यहां सबसे ज्यादा सीटें हैं, विपक्ष के संभावित गठबंधन का असर भी होगा। जातीय और सामाजिक समीकरणों में सपा, बसपा, कांग्रेस और रालोद के साथ आने पर दिक्कतें बढ़ सकती हैं। इसलिए पार्टी ने ‘मिशन 50 प्लस’ का नारा दिया है। इसका मतलब सीटों का नहीं, बल्कि मत प्रतिशत का है। गठबंधन की स्थिति में भाजपा के लिए इसी स्थिति में सबसे ज्यादा संभावनाएं बनेंगी।
उम्मीदवार चुनने में काम आएंगे आंकड़े
हालांकि भाजपा नेता विपक्षी गठबंधन की संभावनाएं ज्यादा नहीं देख रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, सर्वे टीम अपने क्षेत्र के सामाजिक समीकरणों के बारे में भी जानने की कोशिश कर रही है। माना जा रहा है कि इससे जो भी आंकड़ा मिलेगा उसे पार्टी में किसी से भी साझा नहीं किया जाएगा बल्कि उसे उम्मीदवारों के चयन के समय की राजनीतिक परिस्थितियों के अनुसार उपयोग में लाया जाएगा।
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