UN:में पाकिस्तान को अनुच्छेद 370 पर मुंह की खानी पड़ी,चीन के अलावा किसी देश ने नहीं दिया साथ
We News24 Hindi »नई दिल्ली
नई दिल्ली: कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चीन और पाकिस्तान को मिली शिकस्त के बाद भारत ने सीधे शब्दों में कहा कि अनुच्छेद 370 भारत का आंतरिक मामला है और किसी को भी इसमें दखल देने की जरूरत नहीं। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि पाकिस्तान के साथ वार्ता करने के लिए भारत तैयार है, बशर्ते पड़ोसी मुल्क आतंकवाद खत्म करे। भारत ने कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद पाकिस्तान से कहा, "वार्ता शुरू करने लिये आतंकवाद खत्म कीजिये।
अनुच्छेद 370 के बाद लगी पाबंदियों पर संयुक्त राष्ट्र में भारत के दूत अकबरुद्दीन ने सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद कहा कि हमने, हमारे लोगों का खून बहाने वाले आतंकवादियों को रोकने के लिये कश्मीर में ऐहतियाती कदम उठाए। वहीं दूसरी ओर घाटी के हालात पर अकबरुद्दीन ने कहा, "कुछ लोग अपनी विचारधारा का प्रचार करने के लिए कश्मीर में स्थिति को भयावह बताने की कोशिश कर रहे हैं।
Syed Akbaruddin, India's Ambassador and Permanent Representative to the UN Security Council: Our national position was and remains that matter related to #Article370 of the Indian Constitution is entirely an internal matter of India.
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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान को अनुच्छेद 370 पर मुंह की खानी पड़ी है। चीन को छोड़कर अन्य किसी भी देश ने पाकिस्तान का कश्मीर मुद्दे पर साथ नहीं दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने कश्मीर को भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मामला बताया। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कश्मीर में अनुच्छेद 370 को लेकर चीन और पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र की गोपनीय बैठक में भारत पर आरोप मढ़ा, लेकिन उसे अन्य देशों का सहयोग नहीं मिला।
Syed Akbaruddin:We note that there were some who tried to project an alarmist approach to the situation which is far from the ground realities. Of particular concern is that one state is using terminology of 'jihad' against&promoting violence in India including by their leaders.
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गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त किये जाने संबंधी भारत के फैसले के बाद पाकिस्तान ने घोषणा की थी कि वह नई दिल्ली के फैसले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जायेगा। भारत लगातार अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह बताता आ रहा है कि संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म करने का कदम उसका आंतरिक मामला है और उसने पाकिस्तान को इस ''सच्चाई को स्वीकार" करने की सलाह दी।