राशन कार्ड की सुविधा से वंचितो के सर्वें की जिम्मेदारी जीविका दीदी को देना बिहार सरकार का गरीब विरोधी निर्णय !
जीविका दीदी |
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सीतामढ़ी/ब्यूरो रिपोर्ट
सीतामढ़ी:वैश्विक महामारी कोरोना संकट के मद्देनजर बिहार सरकार के, द्वारा सिर्फ राशन कार्ड धारियों को, तीन महीने तक मुफ्त अनाज और नगद राशि देने की घोषणा पहले करना, और फिर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव जी के द्वारा , गैर राशन कार्डधारी लोगों को भी राशन और नगद राशि उपलब्ध कराने, की मांग के बाद सरकार द्वारा जीविका दीदी के माध्यम से वंचितो को सहायता उपलब्ध कराने का लिया गया निर्णय सही है.
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वही राशन कार्ड की सुविधा से, वंचितो को नया राशन कार्ड बनवाने का जल्दी वाजी मे, सरकार द्वारा लिए गये निर्णय के, तहत पंचायत स्तरीय सरकारी कर्मचारी के बदले जीविका दीदी के, माध्यम राशन कार्ड की सुविधा से वँचित गरीब लोगों के आवेदन का जाँच कराने के उपरांत राशन कार्ड उपलब्ध कराने का सरकारी निर्णय विल्कुल न्यायोचित नहीं है. इस जनविरोधी निर्णय से जीविका संस्था से जुड़े लोगों के द्वारा, नियम कानून व्यवस्था को ताक पर रखकर राशन कार्ड पाने के योग्य आवेदकों की अनदेखी कर उक्त कार्य कराने के नाम पर, व्यापक पैमाने पर, लोगों से राशि की उगाही कर राशन कार्ड बनवाने मे गड़बड़ी की संभावना करने से इनकार नहीं किया जा सकता है.
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बिहार सरकार को अविलंब अपने इस जनविरोधी निर्णय मे, संसोधन करते वर्ष 2011 मे राशन कार्ड बनवाने की लागू की गयी, व्यवस्था की तरह पंचायत स्तरीय सरकारी कर्मचारीयों से कराये गये सर्वें की भांति घर घर लोगों का सर्वें कराना चाहिए ताकि एक भी योग्य गरीब व्यक्ति राशन कार्ड की सुविधा से वँचित नहीं रह पाये, या पूर्व की भांति लोक सेवा के अधिकार कानून के तहत प्रखंड कार्यालयो के आरटीपीएस काउंटर के माध्यम से ही राशन कार्ड की सुविधा से वँचित आवेदकों से आवेदन लेकर, विहीत पूर्व की प्रकिया के तहत, राशन कार्ड बनवाने का फैसला जनहित मे लागू किया जाना चाहिए !
भवदीय
हरिओम शरण नारायण
प्रदेश उपाध्यक्ष
युवा राजद बिहार !
दिनांक :-28-04-2020