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    VIDEO:सीतामढ़ी ब्रेकिंग:सीतामढ़ी में रैपीड एंटीजन टेस्ट में 9 करोड़ 33 लाख घोटाला के खबर से जिले में मचा हड़कंप



    We News 24 Hindi » सीतामढ़ी /बिहार 

    पवन साह  की रिपोर्ट 


    सीतामढ़ी : में बड़े पैमाने पर रैपीड एंटीजन टेस्ट के आंकड़ों में फर्जीवाड़ा हुआ है जिन लोगों के सरकारी आंकड़ों में कोविड-19 सैंपल टेस्ट हो चुका है .पड़ताल में सिर्फ तीन प्रखंडो के स्वास्थ्य केंद्र में 30 हजार लोगों के मोबाइल नम्बर फर्जी मिले जिनके मोबाइल नम्बर की जगह 0000000000 व 1111111111 लिखा है .

    इस कोरोना जांच किट घोटाला सामने आने से जिले में हड़कंप मच गया है सीतामढ़ी के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना जांच के नाम पर बड़े पैमाने पर घोटाला किया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना जांच के फर्जी आंकड़े भी उपलब्ध कराए गए हैं और स्वास्थ्य विभाग के महकमे के सिविल सर्जन राकेश चंद्र सहाय वर्मा अपने घोटाले पर अपनी पीठ थपथपाते रहे बगैर जांच के ही कोरोना जांच के नाम पर बड़े-बड़े आंकड़े जिले में उपलब्धि के तौर पर दिखाए गए। सीतामढ़ी के सिर्फ 3 प्रखंडों रुनीसैदपुर, डुमरा, रीगा स्वास्थ्य केंद्रों से जो दस्तावेज हाथ लगे हैं  उसमें 30000 लोगों के नाम के फर्जी मोबाइल नम्बर मिले  0000000000 व 1111111111 अंकित है


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    जिले में कुल 3लाख 63 हजार कोरोना जांच हुए और सिर्फ तीन प्रखंडों के उठावे गए आंकड़े के अनुसार तकरीबन 30 हजार का लोगो के गलत आंकड़े दिए गए है  जिसके मुताबिक 2 करोड़ो 80 लाख के किट की हेराफेरी हुई है जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों के आंकड़े लेने पर 1 लाख से भी अधिक फर्जी कोरोना जांच के आंकड़े आने का अनुमान है कोरोना एंटीजेन किट की कीमत शुरुआती समय मे 3500 के आसपास थी लेकिन बाद में किट की कीमत बाजार में  900 रूपए हो गयी पूरे जिले में अगर 1 लाख फर्जी कोरोना जाँच हुआ तो एक किट की कीमत ₹900 से 9 करोड़ 33 लाख होती है। कुल मिलाकर जिले में जितने प्राथमिक व अति प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है तब में कोरोना जांच में घोटाला बड़े पैमाने पर किया गया है

     उदाहरण के तौर पर 

     डुमरा निवासी आनंद विहारी सिंह जिनका नाम  कोरोना जांच कराने वालों की सूची में रुन्नीसैदपुर प्रखण्ड के मोरसंड़ गांव में अंकित है उन्होंने खुद सामने आकर बताया कि वह अपने जीवन में कभी मोरसंड गए ही नहीं और उन्होंने अपना कोरोना  जांच दो बार करवाया पहली बार उन्होंने रीगा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में और दूसरी बार डुमरा  प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लेकिन उनका नाम रुन्नीसैदपुर के मोरसंड में भी उनके मोबाइल नंबर के साथ अंकित है यानी उन्होंने सिर्फ दो बार कोरोना जांच करवाया लेकिन सरकारी आंकड़ों में तीन बार उनका नाम कोरोना जांच कराने वालों की सूची में अंकित है ऐसे हजारों लोगों के नाम फर्जी तरीके से कोरोना जांच कराने वालों की सूची में दो बार तीन बार अंकित है।

    रुन्नीसैदपुर प्रखंड में रैपिड एंटीजन किट घोटाला के बारे में जब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी अमृत किशोर से पूछा गया तो उन्होंने इसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने नंबर उपलब्ध नहीं कराए इसकी वजह से ऐसा हुआ है




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