वट सावित्री व्रत में अक्षय वट की टहनी नहीं, वृक्ष का करिये पूजा
We News 24 Hindi »पटना, बिहार
संवाददाता,राजकुमार
पटना : इधर, कुछ वर्षों से अज्ञानी लोग वटवृक्ष की टहनी काट कर घर ले जाते हैं। फिर उनके घर की औरतें अक्षयवट की सांकेतिक पूजा-अर्चना करती हैं। यह पूरी तरह से गलत है। दरअसल, अक्षयवट में त्रिदेव का निवास होता है। बरगद की जड़ में ब्रह्मा, मध्य में विष्णु और ऊपरी भाग में शिव निवास करते हैं। इसी पेड़ के नीचे सावित्री ने अपने मृत पति सत्यवान को जीवित किया था। इसी वटवृक्ष के नीचे भगवान शिव ने तपस्या की थी। प्रलयकाल में भगवान विष्णु भी इसी पेड़ का आश्रय लेते हैं।
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वट सावित्री व्रत में सुहागिन स्त्रियां अपने अखण्ड सौभाग्य और जीवनसाथी के आरोग्यता के लिए अक्षयवट की पूजा-अर्चना करती हैं। व्रतधारी महिलाएं पूजा करने तक निर्जला व्रत रहती हैं। इसलिए बरगद पेड़ की टहनी के बजाय वटवृक्ष का ही पूजन करना चाहिए। तभी वट सावित्री व्रत का फल प्राप्त होगा।
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