अवैध बालू खनन मामले मे 4 इंस्पेक्टर और 14 दरोगा पर गिरी गाज निलंबित,तत्काल प्रभाव से निलंबित
We News 24», पटना, बिहार
वशिष्ठ कुमार की रिपोर्ट
पटना: बिहार में बालू के अवैध खनन मामले मे सलिप्त दागी अफसरों पर बिहार सरकार ने आँखे टेढ़ी कर ली है और चुन-चुन कर उन दागी अफसरों पर कार्यवाही की जा रही है इस कड़ी में बिहार पुलिस मुख्यालय ने अवैध बालू खनन मे शामिल होने के आरोप मे पिछले दिनों राजधानी पटना के अलावा सारण, भोजपुर, औरंगाबाद और रोहतास से हटाए गए चार पुलिस इंस्पेक्टरों और 14 सब इंस्पेक्टरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इन सभी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के भी आदेश दिए गए है । डीजीपी एसके सिंघल के निर्देशानुसार यह कदम उठाया गया .
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पुलिस मुख्यालय ने जिन अफसरों पर कार्रवाई की है उनमें इंस्पेक्टर स्तर मे अरविंद कुमार, दयानंद सिंह, सुनील कुमार-2 और अवधेश कुमार झा शामिल हैं। इसके अलावा सब इंस्पेक्टर स्तर मे संजय प्रसाद, , रहमतुल्लाह, बिजेंद्र प्रताप सिंह, कृपा शंकर साह, कुंवर प्रसाद गुप्ता, दीपनारायण सिंह, आनंद कुमार सिंह, सतीश कुमार सिंह, पंकज कुमार, राजेश कुमार चौधरी, दिनेश कुमार दास, राज कुमार, अशोक कुमार और रामपुकार राम शामिल हैं। सभी भोजपुर, सारण, औरंगाबाद और रोहतास जिलों के थानों मे पदस्थापित थे। आर्थिक अपराध इकाई की जांच मे बालू के अवैध खनन मे संदिग्ध भूमिका मिलने पर उन सभी का 10 जुलाई को जोन से बाहर तबादला किया गया था। इन सभी पर विभागीय कार्यवाही भी शुरू कर दी गई है।
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बता दें कि इससे पहले पुलिस मुख्यालय द्वारा बालू के अवैध खनन मे संलिप्त औरंगाबाद और भोजपुर के तत्कालीन एसपी, डेहरी ऑन सोन के एसडीपीओ को निलंबित किया गया था. वहीं, औरंगाबाद सदर, भोजपुर, पालीगंज और डेहरी ऑन सोन के एसडीपीओ पर निलंबन की कार्रवाई की गई थी. इसके साथ ही खनन विभाग के तीन और परिवहन विभाग के अधिकारी पर भी अवैध बालू खनन के मामले मे निलंबन की कार्रवाई की गई थी।
इस मामले को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि अवैध बालू खनन की जांच की जा रही है और जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई होगी. सीएम ने कहा, ‘इसके लिए पूरी कार्रवाई हो रही है. जांच करने के बाद सरकारी अफसरों की भूमिका अगर मिलती है तो उन पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.’ उन्होंने कहा कि सरकार एक-एक चीज पर निगाह बनाए हुए है, दोषियों पर कड़ा एक्शन होगा
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खनन मंत्री बुधवार को विधान परिषद की कार्यवाही मे भाग लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान खनन मंत्री जनक राम ने बालू के अवैध कारोबार को खत्म करने के लिए अब तक की गयी कार्रवाई को नाकाफी माना है. राज्य सरकार बालू माफिया और सिंडीकेट को पूरी तरह से नेस्तानाबूद करने के लिए सैकड़ों कर्मचारियों और प्रशासनिक अधिकारियों को रडार पर लिये हुए है।आर्थिक अपराध इकाई जांच के साथ-साथ खनन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर विशेष नजर रखे हुए है. जब तक अंतिम संलिप्त नहीं पकड़ा जाता, यह जांच व कार्रवाई जारी रहेगी। मंत्री जनक राम ने कहा कि मुझे मंत्री बने अभी पांच महीने ही हुए हैं. बालू के अवैध कारोबार को रोकना चुनौती है, लेकिन गलत करने वालों को छोड़ा नहीं जायेगा. अब तक इतनी बड़ी कार्रवाई हो चुकी है. इससे पता चलता है कि सरकार जीरो टालरेंस को लेकर पूरी तरह संकल्पित है .
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