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    क्या अब शिवसेना हिंदुत्व वाली पार्टी नहीं रही ? क्या हनुमान चालीसा के पाठ सेउद्धव ठाकरे का घर अपवित्र हो जाता ? , क्यों नहीं मिला राणा दम्पति को जमानत ?

     


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     We News 24» रिपोर्टिंग सूत्र  / ब्यूरो रिपोर्ट 

    मुंबई: क्या अब भारत में हनुमान चालीसा पढना देश द्रोह बन गया है या राजनीती पार्टी इसे अपराध बना दिया है ये बात समझ नहीं आ रहा है जो भारत की न्याय पालिका सांसद  और उनके पति विधायक रवि राणा की जमानत नही दे पा रहे है क्या न्याय पालिका को भी अब राजनीती पार्टी चला रहे है ? 

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    हनुमान चालीसा के पाठ से उद्धव ठाकरे का घर अपवित्र हो जाता

    क्या हो गया है शिवसेना को जो आज उसे हुनमान चालीसा का पाठ को गुनाह की तरह देख रहे है .उद्धव ठाकरे को खुश होना चाहिए सांसद नवनीत राणा और उनके पति विधायक रवि राणा उनके आवास को पवित्र जगह मान कर हुनमान चालीसा का पाठ करना चाहते थे क्या हनुमान चालीसा के पाठ से उद्धव ठाकरे का घर अपवित्र हो जाता  .


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    बाला साहब ठाकरे का सपना चकना चूर कर दिया 

     भारत की जनता पूछना चाहती है की कान्हा गया शिवसेना का  हिन्दू एजेंडा लेकर आज तक राजनीती करती आई है .जो बाला साहब ठाकरे अपने जीते जी कभी भी हिंदुत्व के रास्ते से नहीं भटके  हिन्दू समाज के  लोग बाला साहब ठाकरे को अपना आवाज समझते थे आज उनके ही बेटे उद्धव ठाकरे को क्या हो गया जो पिता की निति को तार-तार कर सत्ता के लालच में   जिस कोंग्रेस से कभी उनके पिता हाथ तक नहीं मिलना पंसंद करते थे आज उन्ही का अपना बेटा  कोंग्रेस की गोद में बैठ कर महराष्ट्र की सत्ता चला रहे है . और अपने सहयोगी के इशारे पर हिन्दू विरोधी कार्य भी कर रहे है.

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    क्यों 10 दिन से जेल में रखा गया है राणा दम्पति को 

    सांसद नवनीत राणा और उनके पति विधायक रवि राणा कौन सा इतना बड़ा गुनाह कर दिया जो उन्हें  ये तो साफ-साफ दिख रहा है की कही न कही ये राजनीती से प्रेरित है .हमरे देश में हुनमान चालीसा का पाठ करना कब से देश द्रोह बन गया जो 124ए (देशद्रोह) के तहत भी मामला दर्ज किया गया 



    क्या हमरे देश की न्यायपालिका भी अब स्वत्रंत नहीं रही 

    मुंबई सत्र न्यायालय ने सोमवार को सुनवाई के दौरान सांसद नवनीत राणा और उनके पति विधायक रवि राणा की जमानत अर्जी पर अपना फैसला बुधवार सुबह तक के लिए टाल दिया। राणा दंपत्ति ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने की बात कही थी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और आज ये पहली बार नहीं था कि जब उनकी जमानत पर फैसला न आ सका। इससे पहले भी कई बार उनकी जमानत याचिका पर फैसला टाल दिया गया।

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    आइये एक नजर डालते है केस पर 

    नवनीत और रवि राणा को 23 अप्रैल को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा का जाप करने की धमकी देने के बाद गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुंबई यात्रा का हवाला देते हुए धरना समाप्त कर दिया था। शिवसेना कार्यकर्ताओं ने भी उपनगरीय खार में उस इमारत की घेराबंदी की, जहां दंपति रह रहे थे और कहा कि राणाओं को तब तक नहीं जाने दिया जाएगा जब तक कि वे मातोश्री, उनके मंदिर का अपमान करने के लिए माफी नहीं मांगते।

    हनुमान चालीसा कब से भारत में देश द्रोह बन गया 

    बाद में, मुंबई पुलिस ने राणाओं को उद्धव ठाकरे के आवास के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने की उनकी बार-बार की धमकी पर 'विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी पैदा करने के आरोप में गिरफ्तार किया। उन पर धारा 124ए (देशद्रोह) के तहत भी मामला दर्ज किया गया था।


    वहीं, अपनी जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान, राणाओं ने अदालत में तर्क दिया कि केवल अपराध करने का इरादा रखने के लिए दंडनीय नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि मस्जिद के बाहर हनुमान चालीसा का जाप करने का आह्वान करने से धार्मिक तनाव बढ़ सकता था, लेकिन 'मातोश्री' के बाहर इसका जाप करने का आह्वान करने से कोई सांप्रदायिक तनाव नहीं होता।


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    पुलिस का प्रतिनिधित्व करते हुए एसपीपी प्रदीप घरात ने राणा की दलील का खंडन करते हुए कहा कि जिस व्यक्ति के घर के बाहर जाप करना है उसकी सहमति लेना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगर कोई कहता है कि हनुमान चालीसा का जाप करना उनका अधिकार है, तो वह है। लेकिन हमें यह देखना होगा कि क्या अधिनियम कानूनी है, अनुमति और सहमति उस व्यक्ति द्वारा ली जाती है जिसके निवास पर जाप किया जाएगा।

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