महमूद असद मदनी ने कहा बेइज्जत होकर खामोश हो जाना कोई मुसलमानों से सीखे
We News 24 Digital»रिपोर्टिंग सूत्र / दिनेश जयसवाल
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के देवबंद में जमीयत उमेला-ए-हिंद ने दो जिनों का जलसा का आयोजन किया है। इस जलसा में देश के अलग-अलग संगठनों के प्रतिनिधि पहुंचे हैं। इस बीच उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी भावुक हो गए। मदनी ने कहा कि मस्जिदों के बारे चर्चा कर कल जमात फैसला लेगी। फैसले के बाद कोई कदम पीछे नहीं हटेगा। हम जुल्म को बर्दाश्त कर लेंगे, दुखों को सह लेंगे, लेकिन अपने मुल्क पर आंच नहीं आने देंग
येभी पढ़े- दुनिया के कई देशों में बढ़े मंकीपॉक्स के मामले, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कही ये बात
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख महमूद असद मदनी ने कहा कि बेइज्जत होकर खामोश हो जाना कोई मुसलमानों से सीखे। हम तकलीफ बर्दाश्त कर लेंगे लेकिन देश का नाम खराब नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि अगर जमीयत उलेमा शांति को बढ़ावा देने और दर्द, नफरत सहन करने का फैसला करते हैं तो ये हमारी कमजोरी नहीं, ताकत है।
ये भी पढ़े-भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 2685 नए मामले सामने आए, 33 की मौत
सब्र का इम्तेहान दे रहे हैं
मदनी ने आगे कहा कि खामोशी, सब्र का इम्तेहान। वो चाहते क्या हैं? समझ लीजिए, मैं बार बार कह रहा हूं। जो नफरत के पुजारी हैं, आज वो ज्यादा नजर आ रहे हैं। अगर हमने उन्हीं के लहजे में जवाब देना शुरू किया तो वो अपने मकसद में कामयाब हो जाएंगे। यह फैसला कमजोरी नहीं, जमीयत की ताकत की वजह से है।
मदनी ने कहा, हम हर चीज पर समझौता कर सकते हैं, लेकिन ईमान से समझौता बर्दाश्त नहीं। वो देश को अखंड भारत बनाने की बात करते हैं। देश के मुसलमान को पैदल चलना तक दुश्वार कर दिया है। वो मुल्क के साथ दुश्मनी कर रहे हैं। जरूरत पड़ेगी तो दारूल रसम को आबाद करेंगे।
ये भी देखे - We News 24 वी न्यूज 24 दैनिक पेपर 28 मई 2022
इस्लामोफोबिया पर हुई चर्चा
इससे पहले इस आयोजन में इस्लामोफोबिया को लेकर भी प्रस्ताव भी पेश किया गया। इस प्रस्ताव में इस्लामोफोबिया और मुस्लिमों के खिलाफ नफरत की बढ़ती घटनाओं का जिक्र किया गया है। प्रस्ताव में कहा गया है कि 'इस्लामोफोबिया' सिर्फ धर्म के नाम पर शत्रुता नहीं, इस्लाम के खिलाफ भय और नफरत को दिल और दिमाग में भरने का काम कर रहा है।
इस आर्टिकल को शेयर करे .
कोई टिप्पणी नहीं
कोमेंट करनेके लिए धन्यवाद