एक बाद एक राजद के नेता उगल रहे हिन्दू आस्था के लिए जहर ,शिक्षा मंत्री ने रामायण को कहा कूड़ा करकट
We News 24 Digital News» रिपोर्टिंग सूत्र / अमिताभ मिश्रा
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री एक तरफ बिहार में धूम-धूम कर समाधान यात्रा कर कर रहे है . दूसरी तरफ उनके ही सरकार के शिक्षा मंत्री उगल रहे है .हिन्दू आस्था के लिए जहर ,रामायण, मनु स्मृति और बंच आफ थाट्स की आलोचना कर विवादों में घिरे शिक्षा मंत्री डा. चंद्रशेखर पर मुख्य विपक्षी दल हमलावर है तो उन्हें अपने राजद से भी सहयोग नहीं मिल रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि वह इस विषय पर अपने शिक्षा मंत्री से बातचीत करेंगे।
गुरुवार की दोपहर तक मुख्यमंत्री को शिक्षा मंत्री की टिप्पणी की जानकारी नहीं थी। मंत्री ने यह टिप्पणी बुधवार को की थी। उनसे दरभंगा में जब पत्रकारों ने इसके बारे में पूछा तो उनका जवाब था- मुझे जानकारी नहीं है। हम मंत्री से बातचीत करेंगे।
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राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने बिना मंत्री का नाम लिए डा. राम मनोहर लोहिया के हवाले से कहा कि रामायण में बहुत सारा कूड़ा करकट भी है और हीरा मोती भी। कूड़ा करकट बुहारने के चक्कर में हीरा मोती भी नहीं बुहार देना चाहिए। हीरा मोती खाने के चक्कर में कूड़ा करकट नहीं खा लेना चाहिए।
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इधर, विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष डा. आरएन सिंह और प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर चौपाल ने कहा है कि अगर मंत्री अपनी टिप्पणी वापस नहीं लेते हैं तो उनके विरुद्ध आन्दोलन किया जाएगा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल ने कहा कि नीतीश कुमार अपने शिक्षा मंत्री को बर्खास्त करें। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो यही माना जाएगा कि मंत्री ने जो कुछ कहा है, वह राज्य सरकार का आधिकारिक वक्तव्य है।
विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय सिन्हा ने इसे हिन्दुओं का अपमान कहा है। कहा कि महागठबंधन बिहार को नफरत की आग में झोंकना चाहता है। विधान परिषद में विपक्ष के नेता सम्राट चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सलाह दी है कि वे अपने शिक्षा मंत्री का इलाज कोईलवर स्थित मानसिक आरोग्यशाला में करवाएं।
मंत्री को दिखाएं काला झंडा
पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जिस ग्रंथ की सराहना फादर कामिल बुल्के जैसे कैथोलिक क्रिश्चियन ने की, उसकी निंदा कर प्रो. चंद्रशेखर ने साबित कर दिया कि वह शिक्षा मंत्री बनने के योग्य नहीं हैं। उन्हें इस पद पर बैठाने वाले नीतीश कुमार को सही व्यक्तियों की परख नहीं है।
ऐसे शिक्षा मंत्री को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे शिक्षा मंत्री को काला झंडा दिखाएं। क्योंकि जो मंत्री रामचरित मानस को जातिगत भेदभाव वाला ग्रंथ बताते हों, उनकी पीएचडी की उपाधि भी संदेहास्पद लगती है।
शिक्षा मंत्री अपने बयान पर कायम, बोले- जिन्हें जीभ काटनी है; काट लें
रामचरितमानस और मनु स्मृति को नफरत फैलाने वाले ग्रंथ कहकर विवाद में आए शिक्षा मंत्री ने गुरुवार को कहा कि हम अपने बयान पर कायम हैं। बुधवार को नालंदा खुला विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में उन्होंने यह बात कही थी। इसके बाद से ही उन्हें आलोचना झेलनी पड़ रही है।
अयोध्या के एक महात्मा परमहंस आचार्य ने तो यह कह दिया कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की जीभ काट कर लाने वाले को दस करोड़ रुपये का पुरस्कार देंगे। शिक्षा मंत्री ने गुरुवार को कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं। जिन्हें मेरी जीभ काटनी है वह काट लें, अमीर हो जाएंगे। हम तो जलने वाले लोग हैं। जब तक जलेंगे नहीं तब तक निखरेंगे नहीं।
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