100 से ज्यादा मुकदमों में वांछित,15 लाख के इनामी नक्सली मिथिलेश सिंह उर्फ दुर्याधन महतो आत्मसमर्पण किया
We News 24 Digital News» रिपोर्टिंग सूत्र /सूरज महतो
रांची: 15 लाख के इनामी नक्सली मिथिलेश सिंह उर्फ दुर्याधन महतो ने शुक्रवार को पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया। 1991 मिथिलेश प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा-माओवादी से जुड़ा।
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उसके खिलाफ राज्य के विभिन्न जिलों में 104 आपराधिक मामले दर्ज है। छात्र जीवन में ही नक्सली संगठन में शामिल होने वाले अब नक्सली संगठन के अंदर कोई नीति-सिद्धांत नहीं बचा है।
भाकपा माओवादियों का रीजनल कमांडर 15 लाख इनामी मिथिलेश सिंह उर्फ दुर्योधन महतो उर्फ बड़ा बाबू उर्फ बड़का दा उर्फ अवधेश ने शुक्रवार को विधिवत रूप से आत्मसमर्पण कर दिया। उसने डोरंडा स्थित आइजी रांची के कार्यालय परिसर में झारखंड पुलिस व सीआरपीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण किया। वह मूल रूप से धनबाद जिले के तोपचांची थाना क्षेत्र के गेंद नवाडीह गांव का रहने वाला है।
दुर्योधन के नाम नक्सल कांड से संबंधित कई मामले दर्ज
दुर्योधन ने आत्मसमर्पण के मौके पर यह स्वीकारा कि उसकी सबसे बड़ी घटना हजारीबाग के चुरचू की है, जहां सीआरपीएफ के वाहन को विस्फोटक से उड़ाया था। उक्त घटना में 15 से ज्यादा जवान बलिदान हो गए थे। तीन दशक से आठ जिलों के आतंक रहे मिथिलेश पर नक्सल कांड से संबंधित 104 मामले दर्ज हैं, जिनमें सबसे अधिक बोकारो में 58, चतरा में पांच, सरायकेला-खरसांवा जिले में चार, खूंटी में तीन, चाईबासा में दो, हजारीबाग में 26, धनबाद में एक व गिरिडीह जिले में पांच मामले दर्ज हैं। घोर नक्सल प्रभावित झुमरा व पारसनाथ का इलाका उसके लिए सबसे सुरक्षित रहा है।
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