एलन मस्क ने यूएनएससी में स्थायी सदस्यता पाने के लिए भारत की स्थिति का समर्थन किया
We News 24 Digital News» रिपोर्टिंग सूत्र / काजल कुमारी
नई दिल्ली :- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद UNSC में स्थायी सदस्यता पाने की भारत की कोशिशें अब और मजबूत होती जा रही हैं. दरअसल, टेस्ला प्रमुख एलन मस्क ने कुछ महीने पहले UNSC में भारत की स्थायी सदस्यता की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि भारत का सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य न होना बेतुका है. एलन मस्क के इस बयान के बाद अब अमेरिका ने भी उनका समर्थन किया है. इसके साथ ही अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में सुधार की मांग का भी समर्थन किया है. अमेरिका ने कहा है कि वाशिंगटन भी चाहता है कि संयुक्त राष्ट्र में सुधार हो, ताकि वह 21वीं सदी की सही तस्वीर पेश कर सके.
बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल से यूएनएससी में भारत की स्थायी सीट को लेकर टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के बयान पर सवाल पूछा गया। इस पर उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन पहले भी इस बारे में बात कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सचिव ने भी इस बारे में जानकारी दी है. हम निश्चित रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सहित संयुक्त राष्ट्र निकायों के सुधार का समर्थन करते हैं। हालांकि, इसके लिए उठाए जाने वाले जरूरी कदमों के बारे में उन्होंने कहा कि मुझे इस संबंध में ज्यादा जानकारी नहीं है. पटेल ने कहा कि हमें लगता है कि इसमें सुधार की जरूरत है.
मस्क ने भारत को स्थायी सदस्यता नहीं मिलने पर टिप्पणी की थी
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सीट नहीं मिलने पर एलन मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया था. जिसमें उन्होंने कहा, ''कुछ पहलुओं पर सुधार की जरूरत है. समस्या यह है कि जिनके पास अधिक शक्ति है वे इसे छोड़ना नहीं चाहते हैं. भारत के पास संयुक्त राष्ट्र में स्थायी सीट नहीं है. सबसे अधिक आबादी वाला देश होने के बावजूद भारत के पास संयुक्त राष्ट्र में स्थायी सीट नहीं है.'' , यह बेतुका है कि भारत को सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट नहीं दी गई है।
भारत की सदस्यता की मांग लंबे समय से चली आ रही है।
आपको बता दें कि भारत लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र परिषद में स्थायी सदस्यता की मांग कर रहा है। ताकि वह विकासशील देशों का प्रतिनिधित्व कर सकें. 15 देशों से बनी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी देशों के पास वीटो शक्ति है। जबकि 10 अस्थायी देशों को दो साल के कार्यकाल के लिए चुना जाता है। इन पांच स्थाई देशों में अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन का नाम शामिल है।
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