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    जानिए श्री सिद्ध बाबा लटूरिया का इतिहास, 80वां वार्षिक मेला हर्षोल्लास से मनाया गया।

    जानिए श्री सिद्ध बाबा लटूरिया का इतिहास, 80वां वार्षिक मेला हर्षोल्लास से मनाया गया।






    We News 24 Digital News» रिपोर्टिंग सूत्र  /दीपक कुमार 

    नई दिल्ली:-  दक्षिणी दिल्ली के किशनगढ़ वसंत कुंज, लटूरिया बाबा मंदिर में आज दिनांक 6  अप्रेल 2024  दिन शनिवार  को   हर्षो उलास के साथ वार्षिकोत्सव एवं   श्री मंगल सिंह जी महाराज  उर्फ़ बाबा लटूरिया का 80 वां पुण्यतिथि दिवस मनाया गया .इस अवसर पर क्षेत्र के राजनीती से लेकर सामाजिक स्तर के  कई गण्यमान लोग उपस्थित रहे . साथ ही विशाल भंडारा का भी आयोजन किया गया इस भंडारे में शामिल हुए साधू संतो को चादर और दक्षिणा में रूपये भी दिए गए .



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    चारो तरफ का  नजारा बहुत ही भव्य एवं मनमोहक था हर  तरफ बाबा लटूरिया की जयकारे लग रहे थे . मेले में तरह-तरह के कलाकार अपने अपने गीतों एवं भजनों से श्रद्धालु  का मन मोह लिया . ढोल के थापों पर महिला और पुरुष नाचने को मजबूर हो गए कही बैंड बाजा बज रहा है तो कही हरियाणवी लोक संगीत तो तो खाई बिन का धुन तो कही बड़े-बड़े नगाड़े 


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    इस मेले के आयोजन को लेकर वी न्यूज 24  मंदिर समिति के सदस्य  रविन्द्र सिंह से बात की तो उन्होंने जानकारी दिया की किशन गाँव में  बाबा लटूरिया का समाधि स्थल है . और उन्होंने 1945 में अपना शरीर का त्याग किया और बाबा का असली नाम श्री मंगल सिंह जी महाराज उर्फ़ सिद्ध श्री बाबा लटुरिया है .बाबा के दरबार में जो कोई भी अपना मनोकामना लेकर आता है बाबा उसे पूरा करते है .ये मेला मेहरौली और किशनगढ़ के सारे 36 विरादरी के सहयोग से होता है .




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    मंदिर की स्थापना 1765 इसवी में शिवालय मदिर के रूप में हुआ था श्री मंगल सिंह जी महाराज उर्फ़ सिद्ध श्री बाबा लटुरिया बहार से आये 31 वर्षो तक वो इस मंदिर में रहे और बाबा के आशीर्वाद से जिनको सन्तान नहीं था उनको सन्तान प्राप्ति हुयी साथी ही उनके आशर्वाद से पूरा मेहरौली और किशनगढ़ फला फुला 



    भंडारे की शुरुआत 1980 में किया गया 

    1980 में किशनगढ़ गाँव के इश्वर सिंह ने भंडारा का शुभारंभ किया था तभी से लेकर आज तक ये भंडारा निरंतर हर साल आयोजन किया जाता है कोरोना काल में दो वर्ष नहीं किया गया . उसके बाद इस वर्ष जब सरकार के तरफ से छूट मिलने पर भंडारा और मेले का आयोजन किया गया .

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