रामबन जिले में जमीन धंसने से 50 से ज्यादा घरों में पर गयी दरारें मुख्य सड़क हो गयी नष्ट
We News 24 Digital News» रिपोर्टिंग सूत्र / जितेन्द्र सिंह
जम्मू-कश्मीर:- रामबन जिले में जमीन धंसने से 50 से ज्यादा घरों में दरारें आ गईं. इसके अलावा यहां चार बिजली टावर, एक रिसीविंग स्टेशन और एक मुख्य सड़क नष्ट हो गई. जब प्रशासन को इसकी जानकारी मिली तो रामबन के डिप्टी कमिश्नर बसीर-उल-हक चौधरी ने मुख्यालय से करीब 5 किलोमीटर दूर पेरनोट गांव का दौरा किया. यहां प्रभावित परिवारों को मदद का आश्वासन दिया गया है. पेरनोट गांव में गुरुवार शाम अचानक जमीन धंस गई। इससे मकानों में दरारें आने लगीं। इससे गूल और रामवन के बीच सड़क टूट गई। दरारों के कारण कई परिवारों को अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा। इस दौरान उपायुक्त चौधरी ने क्षेत्र का निरीक्षण किया.
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मौके पर पहुंचकर उन्होंने कहा, 'यह एक प्राकृतिक आपदा है और जिले का मुखिया होने के नाते मैं प्रभावित परिवारों को भोजन और आश्रय उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी लेता हूं.' भूस्खलन के कारण का पता लगाने के लिए भूविज्ञान विशेषज्ञों की एक टीम को बुलाया गया। है। प्रभावित आबादी के पुनर्वास और आवश्यक सेवाओं की बहाली के लिए अधिकारियों की एक टीम तैनात की गई है।
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बुनियादी सेवाएं बहाल करना पहली प्राथमिकता है
रामबन के डिप्टी कमिश्नर चौधरी के मुताबिक, अभी और भूस्खलन की आशंका है. बिजली जैसी बुनियादी सेवा बहाल करना यहां पहली प्राथमिकता है. हम पीड़ितों के लिए तंबू और अन्य सामान उपलब्ध कराने जा रहे हैं।' इसके लिए मेडिकल कैंप भी लगाये जायेंगे. इस दौरान उन्होंने कहा कि यहां के निवासी घबराएं नहीं. सभी के जीवन की रक्षा के लिए एहतियाती कदम उठाए जाएंगे।' राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) टीमों के साथ स्थानीय स्वयंसेवक क्षतिग्रस्त घरों से सामान निकालने में प्रभावित लोगों की मदद करेंगे।
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पहाड़ी क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाएँ कई वर्षों से आती रही हैं।
पिछले कुछ सालों में जम्मू-कश्मीर और अन्य पहाड़ी राज्यों में जमीन धंसने और घरों में दरारें आने की समस्या देखी जा रही है. ऐसी घटनाओं से सबसे ज्यादा प्रभावित उत्तराखंड है. अब ऐसे ही हालात जम्मू-कश्मीर के रामबन में भी देखने को मिल रहे हैं. प्राकृतिक आपदा की खबर मिलने के बाद स्थानीय प्रशासन सक्रिय हो गया है. प्रभावित लोगों की मदद के इंतजाम होने शुरू हो गए हैं.
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