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    सतुआनी पर्व को लोग भूलते जा रहे है ,आइये जानते है क्या है इस पर्व की महत्वता

    WAORS हिंदी न्यूज डेस्क »बिहार सीतामढ़ी कैमरामैन पवन साह ब्यूरो संवाददाता रौशन कुमार साह 
    सीतामढ़ी : सूर्य का मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश होते ही मंगलवार को खरमास समाप्त हो जायेगा. इसके साथ ही देश भर में बैसाखी का पर्व धूमधाम से मनाया जायेगा. बिहार में यह पर्व सतुआनी के रूप में प्रसिद्ध है |  इस दिन लोग गंगा स्नानके साथ-साथ दान दक्षिणा भी करते है  |

    वेटरन्स इंडिया सीतामढी़अखिल भारतीय पूर्व सैनिक संगठन द्वारा आज सतुआनी,वैशाखी एवं चैत नवमी के शुभअवसर पर संरक्षक डॉ प्रतिमा नंद जी के आवास पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया,जिसमें सतुआनी बैसाखी एवं चैतनवमी पर्व के महत्वता को बताते हुए कहा 

    यह पर्व हमारे भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति का प्रतीक पर्व है जिसको हम लोग भूलते जा रहे हैं जिससे हमारी संस्कृति विलुप्त होती जा रही है जिला संयोजक अनिल कुमार ने कहा यह पर्व किसान एवं मजदूर अपने खेतों में मेहनत करने के बाद जो फसल निकलता है उसकी खुशी में यह पर्व मनाते है देश के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न तरीकों से यह पर्व मनाया जाता है |



     इस दिन गंगा स्नान कर सत्तू व गुड़ की पूजा कर उसका सेवन करते हैं. साथ ही इस दिन टिकोला भी खाना शुभ माना जाता है.

    खरमास की समाप्ति हो जाती है 
    सूर्य का उच्च राशि में प्रवेश शुभ शास्त्रों के अनुसार सूर्य का मेष राशि में प्रवेश होते ही खरमास की समाप्ति हो जाती है | इस दिन से सभी मांगलिक कार्यो की शुरुआत हो जाती है. पंडित के अनुसार सूर्य का मीन से मेष राशि में प्रवेश होना उच्च का माना गया है.  इससे अन्य महीनों की अपेक्षा सूर्य अधिक प्रभावशाली होता है. सूर्य का उच्च राशि में प्रवेश शुभ फलदायी है. खासकर सूर्य से संबंधित जातकों के लिए यह खास समय है. सूर्य राशि के जातकों के लिए सुख-समृद्धि बनी रहेगी.
    खुशहाली का है पर्व
    बैसाखी मुख्य रूप से किसानों के लिए खुशहाली का पर्व है. विभिन्न राज्यों में इसे अलग-अलग रूपों में मनाते हैं. मुख्य रूप से यह पंजाब की ऐतिहासिक और गौरवशाली गाथा को बताता है. सिख पंथ के दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह महाराज जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी. बैसाखी के दिन गुरुजी ने पंज प्यारे को अमृतपान कराया था. इसे पंजाब की संस्कृति के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. गांवों में व गंगा किनारे तीन दिनों तक उत्सव का माहौल रहता है.

    मौके पर डॉ इंदु गुप्ता, उमेश झा,सुरेश कुमार,संदीप कुमार, नवीन कुमार,रंजीत कुमार, अवनीश कुमार,रामबालक चौबे, रामेश्वर पूर्वे,लालमोहन,जितेंद्र यादव,उमेश चौधरी,पूनम शाह, आईकॉन डांस जोन के युवा साथी एवं बच्चे,रघुनाथ साह,नरेंद्र सिंह, सुशील राय,लक्ष्मी प्रसाद, नंदलाल शाह,समेत अन्य कई गन्यमान्य व्यक्ति एवं युवा समाजसेवी साथी उपस्थित थे।

    प्रियंका जयसवाल द्वारा किया गया पोस्ट 

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