बिहार में गरीबों के खाद्यान्न की हो रही है कालाबाजारी
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संवाददाता रवि कुमार की रिपोर्ट
मुजफ्फरपुर: जिले में इस वर्ष AES (acute encephalitis syndrome) से बच्चों की मौत का मुख्य कारण कुपोषण के शिकार बताया गया। यह बात सर्वे में सामने आई है कि जनवितरण प्रणाली के दुकानदार लोग नियमित रूप से राशन का वितरण नहीं करते है |
लाभुकों की शिकायत है कि वर्ष में तीन से चार माह का राशन डीलर ही खा जाते है । इस शिकायत के बाद जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने जिले के मीनापुर में एक जनवितरण प्रणाली की दुकान की जांच की तो चौकाने वाला सच सामने आया। यहां डीलर ने राशन का वितरण ही नहीं किया था। मगर, पंजी में फर्जी तरीके से इसका वितरण दिखा दिया गया । क्योंकि इसमें किसी उपभोक्ता का न तो हस्ताक्षर मिला और ना अंगूठे का निशान।
एसडीओ से डीलर पर कार्रवाई को कहा, डीएम को भेजी रिपोर्ट
प्रमंडलीय लोक शिकायत निवारण कार्यालय से निर्देश पर जिला आपूर्ति पदाधिकारी महमूद आलम ने मीनापुर की नंदना पंचायत के भटौलिया में जनवितरण प्रणाली की दुकान की जांच की। यहां वर्ष 2018 से संबंधित कोई भी कागजात नहीं मिले। डीलर ने भी कोई अभिलेख प्रस्तुत नहीं किया। वहीं लाभुकों ने जून का राशन नहीं मिलने की शिकायत की। मगर, पंजी में 102 लाभुकों को राशन वितरित कर दिया गया था। मगर, पंजी में लाभुक का हस्ताक्षर नहीं मिलने पर गोदाम प्रबंधक से जानकारी ली गई।
उन्होंने बताया कि जून माह के राशन का उठाव डीलर अहिल्या देवी ने किया है। वहीं, केरोसिन को गांव के बाहर रखा गया था। वहां जांच में एक ड्रम में किरोसिन मिला। जबकि, दूसरा खाली था। जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने राशन की कालाबाजारी करने पर डीलर के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश एसडीओ पूर्वी को दिया। वहीं इसकी रिपोर्ट डीएम को भी सौंप दी है।
गीता उप्रेती द्वारा किया गया पोस्ट