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    उन्नाव सामूहिक दुष्कर्म पीडि़ता सफदरजंग अस्पताल में तोड़ दिया दम ,परिजन चाहते हैं हैदराबाद जैसा इंसाफ


    We News 24 Hindi »नई दिल्ली
    संवाददाता अंजलि कुमारी  

    नई दिल्ली:उत्तर प्रदेश के लखनऊ से एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाई गई उन्नाव निवासी सामूहिक दुष्कर्म पीडि़ता  जिंदगी से लड़ नहीं सकी और  जंग हार गई। सफदरजंग अस्पताल में रात 11.40 बजे पीडि़ता ने दम तोड़ दिया । सुबह परिजनों की मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा।

    95 फीसद जली थी पीडि़ता
    गुरुवार देर शाम 95 फीसद जली अवस्था में पीडि़ता को सफदरजंग अस्पताल की बर्न यूनिट में भर्ती कराया गया था। पीडि़ता का इलाज कर रहे बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. शलभ कुमार ने बताया कि रात 11.10 बजे पीडि़ता को दिल का दौरा पड़ा और 11.40 पर सांस टूट गई। इससे पूर्व दिन में अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुनील गुप्ता ने दिन में बताया था कि ऐसे गंभीर मामलों में इलाज बहुत मुश्किल होता है। गुरुवार रात आठ से साढ़े आठ बजे के दौरान पीडि़ता बात कर पा रही थी। वह अस्पताल में मौजूद अपने बड़े भाई से पूछ रही थी कि भइया क्या में बच जाऊंगी, मैं जीना चाहती हूं। आरोपितों को छोड़ना नहीं है। इस दौरान उन्हें सांस लेने और बोलने में काफी तकलीफ भी हो रही थी।


    भाई ने कहा, दरिंदों को मिले मौत की सजा
    दिन में मीडिया से बात करते हुए पीडि़ता के भाई ने कहा था कि हैदराबाद में गुनाहगारों को सजा मिल चुकी है। उनकी बहन से दरिंदगी करने वालों को भी मौत की सजा मिलनी चाहिए। पीडि़ता की मां भी दिल्ली आई थीं, लेकिन वह काफी परेशान हो रही थीं इसलिए घर भेज दिया गया।

    आरोपितों ने केरोसिन छिड़ककर लगाई थी आग
    25 वर्षीय पीडि़त युवती उन्नाव जिले के बिहार थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली थीं। पुलिस में दी शिकायत के मुताबिक दो साल पहले शादी का झांसा देकर गांव का ही एक लड़का नाम  शिवम रायबरेली ले गया था। वहां शिवम व उसके दोस्त शुभम ने दुष्कर्म किया और वीडियो बना लिया। शुभम को पुलिस ने क्लीनचिट दे दी थी, जबकि शिवम नौ माह रायबरेली जेल में रहकर 30 नवंबर को जमानत पर छूटा था। आरोपित लगातार मुकदमा वापसी का दबाव बना रहा था। गुरुवार सुबह पीडि़ता बैसवारा रेलवे स्टेशन जा रही थी। गांव से लगभग तीन सौ मीटर दूर रास्ते में शिवम त्रिवेदी और उसके साथ कुछ लोगों ने रोका और केरोसिन छिड़ककर आग लगा दी और भाग निकले।

    आधा किमी दौड़कर पीडि़ता लगाती रही बचाने की गुहार
    लपटों से घिरी पीडि़ता बचाने की गुहार लगाते हुए आधा किलोमीटर तक दौड़ती रही। अंत में एक गैस एजेंसी के गोदाम के पास तक आते ही वह गिर गई। शोर सुन बाहर निकले गार्ड ने आग बुझाकर यूपी 112 पर सूचना दी। पुलिस युवती को सुमेरपुर सीएचसी ले गई, जहां से उसे जिला अस्पताल और वहां से लखनऊ ले जाकर सुबह साढ़े दस बजे डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल (सिविल) में भर्ती कराया गया। लखनऊ से एयर एंबुलेंस के जरिये रात सवा आठ बजे दिल्ली एयरपोर्ट लाया गया। वहां से ग्रीन कॉरिडोर बनाकर सफदरजंग अस्पताल लाया गया।

    सभी आरोपि गिरफ्तार
    उसके बयान के आधार पर सभी आरोपित गुरुवार को ही गिरफ्तार कर लिए गए थे। इनकी पेशी से पहले हैदराबाद एनकाउंटर होने से उसके दोहराव का खतरा था। इस कारण आरोपित शिवम त्रिवेदी, उसके पिता रामकिशोर, प्रधान पुत्र शुभम त्रिवेदी व हरिशंकर त्रिवेदी और उमेश बाजपेई (पंचायत मित्र) को शुक्रवार सुबह सुमेरपुर सीएचसी में मेडिकल चेकअप कराकर पुलिस बिहार थाने में बैठाए रही। कभी पुरवा कोर्ट तो कभी उन्नाव में पेशी की बातें हुईं। पेशी शाम छह बजे उन्नाव में तब हुई, जब बाकी कोर्ट बंद हो चुकी थीं। इस दौरान सभी चौराहों व नाकों पर पुलिस डटी रही।

    चाहते हैं हैदराबाद जैसा इंसाफ
    बेटी के माता-पिता भी हैदराबाद एनकाउंटर जैसा इंसाफ चाहते हैं। कहते हैं, मेरी बेटी भी उन्हीं हालात से गुजरी है। उसके गुनहगारों को भी वैसी ही सजा मिलनी चाहिए। ऐसा सबक सिखाने से ही हैवानियत रुकेगी। ऐसी कार्रवाई ही वहशियों में खौफ पैदा करेगी।

    पीडि़ता के चाचा को धमकी
    गुरुवार को हैवानियत से पहले मुख्य आरोपित शिवम त्रिवेदी ने पीडि़ता के गंगाघाट निवासी चाचा को भी जान से मारने की धमकी दी थी। ऑडियो वायरल होने पर गंगाघाट कोतवाली में डीएम व एसपी ने चाचा से बात की। डीएम ने कहा कि धमकी जैसी बात नहीं है। चाचा के साथ मध्यस्थता का रास्ता निकालने के लिए आरोपित ने एक रिश्तेदार को कहा था। इनकी शुक्रवार को बात होनी थी पर इसके पहले ही घटना हो गई।

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    बच सकती थी वारदात
    लालगंज पुलिस सतर्क होती तो शायद दुष्कर्म पीडि़ता बच भी जाती। पीडि़ता ने 2018 में थाने में शिकायत की थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। फिर उन्नाव के बिहार थाना में चार मार्च-2019 को शिवम व शुभम के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई। कोर्ट के आदेश पर लालगंज पुलिस ने भी रिपोर्ट लिखी। 30 नवंबर को शिवम हाईकोर्ट से जमानत पर छूटा, लेकिन लालगंज पुलिस बेखबर रही। शिवम ने साथियों संग गुरुवार तड़के करीब चार बजे उसे जिंदा जलाने की कोशिश कर डाली। पीडि़ता के मजिस्ट्रेट को दर्ज कराए बयान के आधार पर शिवम के पिता रामकिशोर, शुभम के पिता हरिशंकर त्रिवेदी व उमेश बाजपेई को भी आरोपित बना लिया है। इन्हें गुरुवार को ही पकड़ लिया गया था।

    दिलीप अम्बवता द्वारा किया गया पोस्ट 

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