बिहार पुलिस डाल डाल ,तो शराब तस्कर पात पात ,वैशाली पुलिस ने की शराब की बड़ी खेप बरामद
We News 24 Hindi » हाजीपुर,बिहारनागमणि की रिपोर्ट
हाजीपुर : बिहार में शराबबंदी के बाद भी लगातार शराब का जखीरा पकड़ा जाता रहा है. गुरूवार की अर्ध रात्रि को लालगंज पुलिस को अमृतपुर रोड से ट्रक में लाद कर ले जा रहे 660 कार्टून विदेशी शराब बरामद किया. शातिर बदमाशों ने ट्रक में तहखाना बनाकर शराब छुपाया था. चेकिंग के दौरान पुलिस को शक हुआ और जब तहखाना खुलवाए गए तो इतने बड़ी मात्रा में शराब की कालाबाजारी देख पुलिस की आँखे खुली की खुली रह गयी . लालगंज थानाध्यक्ष सह प्रशिक्षु डीएसपी विपल्व कुमार ने ने बताया कि देर रात गुप्त सूचना मिली थी कि शराब से लदी ट्रक शाहदुल्लाहपुर में आने वाली है।
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तत्काल एस आई एजाज आलम,एस आई गंगा कुमार,ए एस आई दीपक कुमार एवं सशस्त्र बलों के एक टीम गठित कर छापेमारी की गयी तो देख कर दंग रह गये। यूपी की नंबर प्लेट लगी दस चक्का ट्रक लंगड़ी पाकर के पास मिला। जब जांच पड़ताल की गयी तो पहले पुलिस की आंख में धूल झोंकने के लिए डिस्टिल वाटर का कार्टून रखा था।जब अंदर हाथ डाला गया तो विदेशी शराब के कार्टून से पूरी ट्रक भरी हुई थी।इस छापेमारी में ट्रक ड्राईवर फरार पाया गया।ट्रक को थाने पर लाकर हिसाब लगाया गया तो कुल 660 कार्टून विदेशी शराब और 190 कार्टून पानी की बोतल बरामद हुए।थानाध्यक्ष ने बताया क लालगंज में अब तक सबसे बड़ी कामयाबी है और शायद होली कारोबारी होली में खपाने के ख्याल से मंगाए होंगे। वे बिहार में किसके कहने पर शराब की तस्करी कर रहे हैं, इसका पता अभी नहीं चल सका है. मामले की छानबीन की जा रही है,
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झारखंड और यूपी से हो रही खूब तस्करी
बिहार में शराबबंदी को तकरीबन पांच साल हो गए हैं. लेकिन देखा जाए तो रोज ही शराब तस्करी के कोई न कोई मामले सामने आते ही रहते हैं. बल्कि बदमाशों ने तो और नए-नए तरीके इजात कर लिए हैं, शराब तस्करी करने के. बिहार के पड़ोसी राज्यों से शराब का आयात खूब होने लगा है . उत्तर प्रदेश और झारखंड से छोटी गाड़ियों में या फिर बालू लदे ट्रकों में शराब के कार्टून छुपाकर अड्डे पर पहुंचा जाता हैं और उनके दामों से दोगुने में बेचे जा रहे हैं. दिलचस्प बात यह है कि अब यह भी धीरे-धीरे धंधे का रूप लेने लगा है. इसको ऐसे समझा जाए कि उत्तर प्रदेश से चली शराब की एक कार्टून का असल दाम है 500 रुपए. जब बिहार के एक जगह पर इसे पहुंचाने के लिए ट्रक वाले को दिया जाता है तो वह अलग चार्ज करता है. इसके बाद पहुंचाए हुए माल को 500 की जगह ट्रांस्पोर्टेशन का चार्ज जोड़कर सीधे डबल दामों में बेच दिया जाता है.
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पुलिस खुद भी लगी है कालाबाजारी में
शराब के इस कालाबाजारी में बिहार पुलिस कम दोषी नहीं. ऐसे कई मामले आए हैं जब पुलिस खुद ही शराब की खरीद-फरोख्त में संलग्न पाई गई हो. बिहार में अब तक 25 के करीब पुलिस अधिकारी और जवान शराब तस्करी और गलत तरीके से इसकी खरीद-फरोख्त मामले में नप चुके हैं. दरअसल, पुलिसवाले कई बार जब्त की गई या पकड़ी गई शराब में से कुछ हिस्सा निकाल कर खुद इसे औने-पौने दामों में बेचकर अपनी जेब भरने में लग जाते हैं. इस तरह के मामलों में प्रदेश के मुजफ्फरपुर जिले के जोनल इंस्पेक्टर और SSP सीतामढ़ी जिले के थानाध्यक्ष तक पकड़े जा चुके हैं. उन्होंने तो अपना गुनाह खुद कबूला था. कहते हैं न कि रक्षक ही अगर भक्षक बन जाएं तो क्या हो. एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक तकरीबन 180 पुलिस अधिकारी और 400 के करीब जवानों को शराबबंदी कानूनों का दोषी पाया गया और उन्हें सस्पेंड भी किया गया .
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