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    यात्रीगण कृपया ध्यान दे,अब मंडुआडीह स्टेशन को मंडुआडीह नहीं बनारस बोलिए

     



    We News 24»वाराणसी, उत्तर प्रदेश

    दिनेश जयसवाल की रिपोर्ट

    वाराणसी:  रेल प्रशासन के द्वारा पूर्वोत्तर रेलवे बनारस रेल मंडल के अंतर्गत के मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर बनारस किया गया। इस स्टेशन का अग्रेजी नाम बनारास एवं कोड (बीएबीए) के और हिन्दी में बनारस के नाम से जाना जाएगा। यह नाम तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।


    लंबे इंतजार के बाद मंडुवाडीह स्टेशन का नाम बदल कर बनारस कर दिया गया है। बुधवार को पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल के अंतर्गत वाराणसी-प्रयागराज रेल खंड पर स्थित मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन का नाम बनारस करने की स्वीकृति रेलवे बोर्ड से मिल गई। इसके बाद स्टेशन का नाम परिवर्तन करने की काम तेजी से शुरू कर दिया गया है। 

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    संस्कृत भाषा में लिखी नाम पट्टिका

    साथ ही काशी के विद्वतजनों की मांग पर स्टेशन की नाम पट्टिका पर संस्कृत में भी (बनारस:) अंकित किया जा रहा है। बृहस्पतिवार से जारी होने वाले टिकटों पर बनारस नाम अंकित किया जाएगा। बीते साल 17 सितंबर 2020 को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने पूर्वोत्तर रेलवे के मंडुवाडीह स्टेशन का नाम बदलकर बनारस किए जाने की अनुमति दी थी।


    ऑनलाइन भी अपडेट करेंगे

    पूर्वोत्तर रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार ने बताया रेलवे बोर्ड से स्वीकृति के बाद स्टेशन का नाम बदल दिया गया। स्टेशन के मुख्य द्वारा सहित परिसर व ऑनलॉइन भी इसे अपडेट कर दिया जाएगा। अब मुख्य द्वार पर बनारस स्टेशन के बोर्ड नजर आएंगे।


    बीते साल अनुमति के ठीक एक दिन बाद रेल अधिकारियों ने बनारस लिखा हुआ बोर्ड लगवाया और शिवगंगा सहित अन्य ट्रेनों की पट्टी पर मंडुवाडीह हटाकर बनारस कर दिया था। इसके बाद मुख्यालय से आए दिशा निर्देशों के बाद आनन-फानन में वाराणसी मंडल के अधिकारियों ने बनारस लिखा हुआ बोर्ड और पट्टी हटवाकर मंडुवाडीह कर दिया। तब से अब जाकर स्टेशन का नाम बदलकर बनारस स्टेशन हुआ।

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    स्टेशन में सेल्फी पॉइंट 

    बनारस स्टेशन पर यात्रियों के लिए अनुकूल सुविधाएं मौजूद हैं। स्टेशन परिसर में विशाल प्रतीक्षालय क्षेत्र, विभिन्न श्रेणियों के प्रतीक्षालय, उच्च श्रेणी यात्री विश्रामालय, एस्केलेटर, लिफ्ट, फूड प्लाजा, कैफेटेरिया, वीआईपी लाउंज, पार्किंग, सेल्फी प्वाइंट, राष्ट्रीय ध्वज, धरोहर के रूप में छोटी लाइन का इंजन, आधुनिक बुकिंग व आरक्षण कार्यालय, सभी सुविधाओं से परिपूर्ण वेटिंग रूम है।


     स्टेशन को मिला 5S सर्टिफिकेशन

    स्टेशन में एसी लाउंज, गैर-एसी रिटायरिंग रूम और डॉर्मिटरी भी हैं। स्टेशन परिसर की वास्तुकला काशी की आस्था को दर्शाती है। स्टेशन के परिवेश में फव्वारे और बैठने की जगह शामिल है। इस स्टेशन को उन्नत यात्री सुविधाओं के रख-रखाव के लिए आईएसओ सर्टिफिकेशन, साफ-सफाई व कुशल प्रबंधन के लिए पांच एस सर्टिफिकेशन भी प्राप्त है।


    गर्व की भावना

    बनारस रेलवे के स्टेशन के प्लेटफार्मो पर बनारस के बोर्ड हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी में भी लिखे गए हैं। बनारस बाबा विश्वनाथ की नगरी होने के कारण भारत के उत्तर, पूर्व, पश्चिम, दक्षिणी राज्यों से ही नहीं विदेश के भक्त भी यहां आकर रमे रहते हैं। आध्यात्मिक मार्ग की तलाश में हजारों विदेशी भक्त प्रतिदिन काशी में रमे रहते हैं । घाटों पर इनका विचरण कौतूहल पैदा करता है। अब यहां आने वाले यात्रियों का जब शिव की नगरी के एक नए गौरव से परिचय होता है तो वह नई अनुभूति लेकर जा रहे हैं।

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