अब कोर्ट में गरीब असहाय लोगों को न्याय पाने की राह आसान, ,चीफ जस्टिस रमणा ने शुभारंभ की मोबाईल एप
नई दिल्ली : अब अदालतों में गरीब निर्धन असहाय लोगों को न्याय पाने का रास्ता आसन हो गया है . अब मिलेगी मुफ्त में कानूनी मदद सुप्रीम कोर्ट से लेकर जिला और सत्र न्यायालय तक में मुफ्त कानूनी सहायता मिलेगी इसके लिए मोबाइल ऐप शुरूकर दिया गया है .
इस एप में देश के सुप्रीम कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट जिला और तालुका स्तर के अदालतों सहित न्यायिक प्रक्रिया तीन हजार से ज्यादा संस्थान जुड़ चुके हैं . फिलहाल में यह एंड्रॉयड ऑपरेटिंग स्मार्टफोन में उपलब्ध होगा जल्द ही इसका विस्तार किया जायेगा 2 महीने में यह क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध हो जाएगा साथ ही आईओएस ऑपरेटिंग फोन में भी चल सकेगा .
करते हुए कहा यह सुखद संयोग है कि भारत छोड़ो आंदोलन की सालगिरह पर ये नई सेवा शुरू हो रही है इस एक्चुअल सेवा का शुभारंभ विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में किया गया . जस्टिस रमणा ने इस मौके पर विजन एंड मिशन स्टेटमेंट जारी किया नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी यानी NALSA के कार्यकारी अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति यूयू ललित सहित सुप्रीम कोर्ट के जज दिल्ली लीगल सर्विसेज अथॉरिटी से जुड़ी कई जानी-मानी हस्तियां भी मौजूद रहे और अथॉरिटी के मुताबिक मोबाइल ऐप के जरिए करोड़ों फर्यादी तक इस एप पहुंचना देश की सेवा में मील का पत्थर साबित होगा लोग इस ऐप की सहायता से सिद्ध और सुनिश्चित कानूनी सेवा प्राप्त कर सकेंगे क्योंकि यहां जानकारी के लिए ने देने में कोई हिचक भाग दौर और खामखा की आपाधापी नहीं होगी कोई छोटी मोटी समस्या और सवालों के जवाब तो ऐसे ही मिल जाएंगे .
खुद पीड़ित मुआवजे के लिए लगा सकेंगे अर्जी
इनके अलावा पीड़ित मुआवजा के लिए भी खुद इस ऐप के जरिए अर्जी दे सकते हैं उन्हें इसके लिए FIR और जरूरी दस्तावेज अपलोड करने होंगे फरियादी 15100 पर डायल कर राष्ट्रीय हेल्पलाइन पर सीधे बात भी कर सकते हैं राष्ट्रीय और राज्य स्तर के अलावा जिला और तालुका स्तर पर भी लीगल और अथॉरिटी के नोटिफिकेशन इस पर उपलब्ध होंगे देश के हर एक पोस्ट ऑफिसर पुलिस थाने में इस ऐप के बारे में प्रमुख जगह पर बिलबोर्ड के जरिए जानकारी दी जानी लाजमी है ताकि कोई भी इसका लाब उठा सके .
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