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    तालिबान अफगानी मिडिया पर ढा रहा है जुलम और अत्याचार,अंतरराष्ट्रीय समुदाय से लगायी बचाने की गुहार




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    We News 24» काबुल, अफ़ग़ानिस्तान

    एजेंसी रिपोर्ट

    काबुल :ANI कहने को तो अफ़गानिसतन मे तलिबान अपना सरकर बना लिया है लेकिन सत्ता मे आने पहले अपने आपको तलिबान   अफ़गानि नगरीक कि सुरक्षा कि बात करता था लेकिन अब वो वादे से मुकर वो लगातार नागरिकों पर जुलम और अत्याचार कर रहा है .इसमें सबसे अधिक अत्याचार महिलाओं और मीडिया कर्मियों को किया जा रहा है। इतना ही  नहीं कई पत्रकारों की हत्या भी कर दिया गया है  150 अफगान पत्रकारों के एक समूह ने संयुक्त राष्ट्र और  से तालिबान के खतरों से उन्हें बचाने की गुहार लगायी है .


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    तलिबान का असर मीडिया समूहों पर भी है 

    अल अरबिया पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान में पत्रकार समुदाय डरे हुए हैं। पिछले दो दशकों में जो  देश के अंदर पत्रकारिता की जो भावना पैदा की थी, वह अब धीरे-धीरे खत्म होती जा   रही है। तलिबान का असर मीडिया समूहों पर भी देखने को मिल रहा है। निजी टीवी चैनलों पर दिखाए जा रहे कंटेंट में बदलाव किया गया है। महत्वपूर्ण समाचार बुलेटिन, राजनीतिक बहस, मनोरंजन और संगीत कार्यक्रमों समेत विदेशी नाटकों को तालिबान सरकार के अनुरूप कार्यक्रमों से बदल दिया गया है।

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    तालिबान लड़ाके कई पत्रकारों की तलाश कर रहे हैं

     काबुल में अफगानिस्तान के सरकारी सूचना मीडिया केंद्र के निदेशक दावा खान मेना पाल की अगस्त के पहले सप्ताह में हत्या कर दी गई थी। दो दिन बाद पक्तिया घग रेडियो के पत्रकार तूफान उमर की तालिबान लड़ाकों ने हत्या कर दी। काबुल पर कब्जे के तुरंत बाद, तालिबान लड़ाके कई पत्रकारों की तलाश कर रहे हैं। इसके अलावा कई पत्रकारों को प्रताड़ित किया गया है, जबकि कुछ को तो  मार दिए गए है।

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    तालिबान लड़ाकों द्वारा पत्रकारों से कैमरे और उपकरण छीनने और यहां तक ​​कि उन्हें लूटने की भी घटनाएं द्खने को मिली हैं। अफगानी लोगों के विरोध प्रदर्शन को कवर करने वाले पत्रकारों को हिरासत में लिया जा रहा है और कठोर कानूनों के तहत झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है। 


    एक तरफ जहां पुरुष पत्रकार देश से भागने को मजबूर हैं वहीं, तालिबान ने महिला पत्रकारों से काम ना करने और घर में रहने को कहा है। रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान द्वारा स्वतंत्रता की घोषणा के तुरंत बाद दो महिला चीवी एंकरों को सार्वजनिक प्रसारक रेडियो टेलीविजन अफगानिस्तान में आफ-एयर कर दिया गया था। 

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