• Breaking News

    मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज विधायक ने उद्धव को बताया मुखिया,एकनाथ शिंदे को लग सकता है बड़ा झटका









    We%2BNews%2B24%2BBanner%2B%2B728x90

    .com/img/a/ .com/img/a/  .com/img/a/  .com/img/a/  .com/img/a/  .com/img/a/

    We News 24 Digital»रिपोर्टिंग सूत्र  / अनिल पाटिल 

    मुंबई: महाराष्ट्र में लंबे इंतजार के बाद  एकनाथ शिंदे  सरकार ने अपनी कैबिनेट का विस्तार तो कर लिया, लेकिन उनमे से मंत्री पद नहीं पाने वाले विधायक अपनी नाराजगी भी जाहिर  करने लगे हैं।उनमे में से एक है  औरंगाबाद पश्चिम विधायक संजय शिरसाट ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ बागी तेवर दिखाते हुए एकनाथ शिंदे का साथ दिया था। शिंदे खेमे में शुरू से ही शामिल होने के बावजूद शिरसाट को मंत्री पद नहीं मिला है। उन्होंने कल रात एक ट्वीट किया, जिसने कयासों को जन्म दे दिया है।

    ये भी पढ़े- भू पूर्व राजस्व मंत्री रामसूरत राय ने किया धरना प्रदर्शन मुख्य अतिथि के रूप में और नीतीश कुमार को कहा पलटू कुमार

    अपने ट्वीट में शिरसाट ने उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र के परिवार का मुखिया बताया है। इस ट्वीट की तूफानी चर्चा शुरू होते ही शिरसाट ने एक न्यूज चैनल से फोन पर संपर्क साधा और इस पर सफाई भी दी है। शिरसाट ने अपने ट्वीट के साथ विधानसभा में उद्धव ठाकरे का एक भाषण भी संलग्न किया है। लेकिन, कुछ समय बाद उन्होंने इस ट्वीट को डिलीट भी कर दिया है। हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा है कि शिंदे समूह में हम सभी बहुत खुश हैं। 


    इस बीच राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा शुरू हो गई है कि क्या संजय शिरसाट ने कैबिनेट में जगह न मिलने पर उद्धव ठाकरे के भाषण को ट्वीट कर शिंदे समूह को चेतावनी दी है।

    यह भी पढ़ेपुनौरा थाना क्षेत्र के मिर्जापुर पमरा फोरलेन के समीप मोटरसाइकिल एवं साइकिल की टक्कर में साइकिल सवार की घटना स्थल पर हुई मौत

    विधायक ने अपने ट्वीट पर सफाई देते हुए कहा, ''मैंने जो ट्वीट किया वह विधानसभा में उद्धव ठाकरे का भाषण था। उस भाषण में उन्होंने महाराष्ट्र के बारे में अपनी राय रखी थी। उन्होंने कहा था कि वह परिवार के मुखिया की भूमिका निभा रहे थे। इसलिए आज भी मेरा यह मत है कि यदि आप परिवार के मुखिया की भूमिका निभा रहे हैं तो कहीं न कहीं आपको परिवार के सदस्यों की राय पर विचार करना चाहिए।'' संजय शिरसाट ने एक मराठी समाचार चैनल से बात करते हुए कहा, ''मेरे ट्वीट का यह अर्थ था कि आपको अपनी राय के बजाय अपने परिवार की राय का सम्मान करना चाहिए।''उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह एकनाथ शिंदे के साथ हैं और कोई नाराजगी नहीं है।


    मैं परेशान नहीं हूं, मेरी भूमिका आज भी बनी हुई है

    उन्होंने कहा, ''हमने उद्धव ठाकरे को परिवार का मुखिया माना, लेकिन उन्होंने नहीं सुनी। इसलिए, हमें वर्तमान स्थिति के लिए भी खेद है। मैंने इसलिए यह ट्वीट नहीं किया क्योंकि मुझे मंत्री पद नहीं मिला। मैं सिद्धांत का आदमी हूं। शिंदे गुट के साथ अब तक के अपने सफर में मैं हमेशा मुखर रहा हूं। मैं वही बोलता हूं जो मुझे सही लगता है। मेरा भी यही मानना था कि उद्धव ठाकरे को राकांपा और कांग्रेस के साथ नहीं जाना चाहिए था। मैं अब भी इसके साथ खड़ा हूं। हम सभी खुश हैं।'' 

    आप हमेंसे इस माध्यम से भी जुड़ सकते है 
    .com/img/a/   .com/img/a/   .com/img/a/    .com/img/a/   .com/img/a/   .com/img/a/

    Header%2BAidWhatsApp पर न्यूज़ Updates पाने के लिए हमारे नंबर 9599389900 को अपने मोबाईल में सेव  करके इस नंबर पर मिस्ड कॉल करें। फेसबुक-टिवटर पर हमसे जुड़ने के लिए https://www.facebook.com/wenews24hindi और https://twitter.com/Waors2 पर  क्लिक करें और पेज को लाइक करें .

    कोई टिप्पणी नहीं

    कोमेंट करनेके लिए धन्यवाद

    Post Top Ad

    Post Bottom Ad