महाराष्ट्र में सरकार बदलते ही धनगर समाज की बल्ले बल्ले
We News 24 Digital»रिपोर्टिंग सूत्र / राहुल कुमार
मुंबई:
महाराष्ट्र में बीजेपी और एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना की सरकार बनने के बाद पिछली सरकार द्वारा लिए गए कई फैसलों को एक के बाद एक पलटने का काम जारी है. इसी क्रम में लिए गए एक फैसले से महाराष्ट्र के धनगर समाज में खुशी की लहर है. महाराष्ट्र सरकार ने धनगर समुदाय के लिए बनाई गई 22 योजनाओं को फिर से शुरू करने का ऐलान किया है, जिसपर पिछली सरकार ने रोक लगा दी थी. बीजेपी नेता और एमएलसी गोपीचंद पडलकर ने महाराष्ट्र सरकार के इस एक कदम का स्वागत करते हुए इस पहल के लिए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को श्रेय दिया है. राज्य सरकार के अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने 17 अगस्त को एक सरकारी संकल्प (जीआर) जारी कर सभी विभागों को धनगर समुदाय के कल्याण के लिए बने योजनाओं को लागू करने का फरमान जारी कर दिया है.
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सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय के बाद नवी मुंबई, नासिक, औरंगाबाद, पुणे, नागपुर और अमरावती में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले धनगर समुदाय के छात्रों को छात्रावास की सुविधा दी जाएगी. साथ ही अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में धनगर समाज के छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा. इसके अलावा युवाओं को सेना और पुलिस भर्ती में प्राथमिकता और परीक्षा शुल्क में विशेष रियायत भी दी जाएगी. समाज में रोजगार के निर्माण के लिए मुर्गी पालन व्यवसाय और बकरी पालन में सरकारी सहायता दी जाएगी, मानसून की मार झेल रहे चरवाहों के लिए निरंतर आजीविका सुनिश्चित करने के लिए सरकार उन्हें जून और सितंबर के बीच मासिक भत्ता भी देगी.
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सरकार के इस फैसले के बाद धनगर समाज में बेघर लोगों के लिए 10,000 घरों का निर्माण किया जाएगा. बीजेपी नेता गोपीचंद पडलकर ने इस सरकारी फरमान को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा कर शिंदे और फडणवीस की नेतृत्व वाली इस सरकार का धनगर समाज की तरफ से शुक्रिया अदा किया. गोपीचंद पडलकर ने अपने पोस्ट में लिखा है कि "तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आदिवासियों के लिए बनाई गई सभी योजनाओं को धनगर समुदाय के लिए भी विस्तारित किया था. हालांकि, महाविकास अघाड़ी सरकार ने 22 योजनाओं को बंद कर दिया था, जिसे सरकार में आने के बाद उपमुख्यमंत्री ने फिर से योजनाओं को शुरू करने का आदेश दिया है." साल 2019 में जब महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने धनगर समुदाय के लिए इन योजनाओं को पहली बार शुरू किया गया था. धनगर समाज सालों से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के प्रावधान के तहत आरक्षण की मांग कर रही थी.
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