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    Farmer Protest:-किसान और केंद्र सरकार की वार्ता विफल ,किसान आज कुच करेंगे दिल्ली की और

    Farmer Protest:-किसान और केंद्र सरकार की वार्ता विफल ,किसान आज कुच करेंगे दिल्ली की और






    We News 24 Digital News» रिपोर्टिंग सूत्र / गौतम कुमार 

    नई दिल्ली :- भारत के अलग-अलग किसान संगठनों का अगुआई  करने वाले किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच मामलों को सुलझाने वाली बैठक विफल रही. इसके बाद किसानों ने घोषणा की कि वे विरोध प्रदर्शन करने के लिए मंगलवार सुबह 10 बजे राष्ट्रीय राजधानी की ओर कुच करेंगे . केंद्र सरकार के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने किया और इसमें कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा शामिल थे, जबकि पंजाब के मंत्री कुलदीप धालीवाल और राज्य सरकार के अधिकारी भी मौजूद थे.



    किसान फसलों के लिए MSP की कानूनी गारंटी लेने पर अड़े

    सूत्रों के मुताबिक, बातचीत थोड़ी आगे बढ़कर थम गई, क्योंकि किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी लेने पर अड़े हुए हैं. जबकि केंद्र ने पहले ही उन्हें आश्‍वासन दिया है कि उनकी कुछ मांगें पूरी की जाएंगी. सूत्रों का कहना है कि किसान नेता तब तक पीछे हटने को तैयार नहीं हैं, जब तक कि कर्ज माफी और एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी नहीं मिल जाती. प्रदर्शनकारियों और राशन से लदे ट्रैक्टरों के साथ हजारों किसानों के काफिले पंजाब और हरियाणा की सड़कों पर हैं, जो दिल्ली की ओर जाने के लिए तैयार हैं. बैठक के बाद संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) समन्वयक जगजीत सिंह दल्लेवाल ने मीडिया को बताया कि केंद्र उनकी शिकायतों का निवारण करने में विफल रहा है, इसलिए किसानों ने 13 फरवरी को अपना नियोजित विरोध जारी रखने का फैसला किया है.



    आर-पार के मूड में किसान

    उन्होंने कहा, केंद्र सरकार किसानों की मांगों के संबंध में सिर्फ समय गुजारने की कोशिश कर रही है. हम सुबह 10 बजे अपने गंतव्यों से राष्ट्रीय राजधानी की ओर कूच करेंगे. उन्होंने कहा, कोई नया प्रस्ताव नहीं आया है. सभी पुराने प्रस्ताव थे. हम कोई टकराव नहीं चाहते. हम हर बिंदु पर चर्चा चाहते थे. लेकिन सरकार सिर्फ हमारा समय बर्बाद करना चाहती है. उन्होंने और समय मांगा. हमने सरकार से कहा कि वह इस पर विचार करे, निर्णय ले, लेकिन उन्होंने कोई निर्णय नहीं लिया. हमारा विरोध जारी रहेगा. हम सुबह 10 बजे से दिल्ली की ओर बढ़ेंगे. राजस्थान के किसान नेता रणजीत सिंह राजू ने कहा कि वे मंगलवार को दिल्ली तक मार्च करेंगे.


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    हरियाणा में पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम

    उन्होंने कहा, सरकार ने एक समिति बनाने की पेशकश की और हमें बातचीत में शामिल करने का वादा किया. यह चर्चा काफी समय से चल रही है. हमारे समर्थक कल सुबह 10 बजे दिल्ली की ओर बढ़ना शुरू कर देंगे. इस बीच, विरोध मार्च से पहले पंजाब से आने वाले लगभग सभी राष्ट्रीय राजमार्गों और प्रमुख सड़कों पर पुलिस की तैनाती के कारण, सोमवार को यात्रियों को अपनी आगे की यात्रा के लिए हरियाणा में प्रवेश करने के लिए गांव के मार्गों को चुनना पड़ा. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए हरियाणा में पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं.

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    प्रशासन ने लगाए बैरिकेड्स और कंटीले तार

    बैरिकेड्स, बोल्डर, रेत से भरे टिप्पर और कंटीले तारों और लोहे की कीलें लगाकर पंजाब-हरियाणा सीमाओं को सील करने से भारी ट्रैफिक जाम के साथ वाहनों की आवाजाही पर असर पड़ा है. अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए अर्धसैनिक बलों को भी तैनात किया गया है. किसानों ने पटियाला के शंभू बॉर्डर, संगरूर के मूनक, मुक्तसर के डबवाली और मनसा के रतिया बॉर्डर से हरियाणा में प्रवेश करने की योजना बनाई है. हरियाणा पुलिस ने चारों प्रवेश मार्गों को सील कर दिया है. दिल्ली में विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए सिंघू, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. 


    पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर का कहना है, कल मंत्रियों के साथ करीब पांच घंटे तक बैठक चली। हमने उनके सामने एक एजेंडा रखा। केंद्र सरकार उस पर सहमति नहीं बना पाई है। सरकार हमसे आंदोलन रोकने के लिए समय मांग रही है। लेकिन उन्होंने हमसे दो साल पहले भी समय मांगा था, जब किसानों का आंदोलन खत्म हुआ था। हमने सोचा कि अब समय देना उचित नहीं है। 

    फतेहगढ़ साहिब, पंजाब: किसान नेता लखविंदर सिंह का कहना है, ...लोग तैयार हैं और बैठक भी हो रही है...हम आम आदमी को असुविधा नहीं पहुंचाना चाहते...जैसे ही हमें निर्देश मिलेगा बैठक के बाद हम आगे बढ़ेंगे।”

    पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर का कहना है, "...कांग्रेस पार्टी हमारा समर्थन नहीं करती है, हम कांग्रेस को भी उतना ही जिम्मेदार मानते हैं जितना बीजेपी को। ये कानून कांग्रेस ही लेकर आई है...हम इसमें नहीं हैं।" किसी का पक्ष हो, हम किसानों की आवाज उठाते हैं...

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