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    झारखंड में माइक्रो फाइनेंस कंपनी की क्रूरता, समय पर लोन नहीं देने पर बच्चे को बनाया बंधक.

    झारखंड में माइक्रो फाइनेंस कंपनी की क्रूरता, समय पर लोन नहीं देने पर बच्चे को बनाया बंधक






    We News 24 Digital News» रिपोर्टिंग सूत्र / सूरज महतो 

    गढ़वा:- झारखंड के गढ़वा में समय पर लोन नहीं चुकाने पर सेटिंग माइक्रो फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों ने भवनाथपुर थाना क्षेत्र के रोहिनिया गांव निवासी संतोष राम और आशा देवी के 12 वर्षीय बेटे अनीश कुमार का अपहरण कर लिया. उनके घर से. आरोप है कि बच्चे को 14 दिन तक कंपनी की शाखा में बंधक बनाकर रखा गया. इस दौरान बच्चों से छोटे-मोटे काम करवाए जाते थे। साथ ही कंपनी के कर्मचारी बच्चे को धमकी देते थे कि अगर उसकी मां ने कर्ज नहीं चुकाया तो वे उसकी आंखें और किडनी निकालकर बेच देंगे.


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    हालांकि, श्री बंशीधर नगर एसडीपीओ सत्येन्द्र नारायण सिंह और स्थानीय लोगों की पहल पर गुरुवार की देर रात नाबालिग बच्चे को मुक्त करा लिया गया. नाबालिग की मां के आवेदन पर पुलिस ने दो नामजद व एक अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. पुलिस ने फाइनेंस कंपनी के ब्रांच मैनेजर निगम यादव को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं कर्मचारी उमाशंकर तिवारी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.


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    सेटिंग माइक्रो फाइनेंस कंपनी की शाखा श्री बंशीधर नगर शहर के हेन्हो मोड़ के पास स्थित है. आशा देवी ने दो साल पहले समूह के माध्यम से इस कंपनी से 40 हजार रुपये का ऋण लिया था. इसमें से उसने 22 हजार रुपये जमा कर दिए थे। 18 हजार रुपये बकाया रह गये थे. फाइनेंस कंपनी का मैनेजर निगम यादव उस पर बकाया रकम चुकाने के लिए लगातार दबाव बना रहा था, लेकिन पैसे की कमी के कारण वह कर्ज नहीं चुका पा रही थी.


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    इधर, नाबालिग अनीश ने बताया कि दो सप्ताह पहले वह और उसकी बड़ी बहन घर पर अकेले थे. उस दौरान बैंक अधिकारियों ने उनकी और उनकी मां की तलाश शुरू कर दी. मां को खोजने के बहाने अनीश को कार में बैठाया और नगर उंटारी हेन्हो मोड़ के पास स्थित शाखा में ले गये, जहां उसे बंधक बना लिया. साथ ही उसकी मां को बताया कि जब तक वह बकाया पैसा वापस नहीं कर देती, बेटा हमारी हिरासत में रहेगा।


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    बच्चे से गंदे कपड़े और गंदे बर्तन साफ करवाए

    अनीश ने बताया कि उसे एक सप्ताह तक ठीक से रखा गया. इसके बाद बैंक कर्मी उमाशंकर तिवारी ने उसे पीटना शुरू कर दिया. कभी-कभी तो वह गला भी दबाने लगता था। उससे गंदे कपड़े और गंदे बर्तन साफ किये जाते थे। शराब पीने के बाद वे उससे बोतलें भी फेंकवा देते थे। उसे धमकी दी गई कि अगर तुम्हारी मां ने कर्ज नहीं चुकाया तो तुम्हारी किडनी और आंखें निकालकर बेच दी जाएंगी.


    स्थानीय लोगों ने की पहल, मौके पर पहुंची पुलिस

    दो सप्ताह बाद आशा देवी फाइनेंस कंपनी के कार्यालय पहुंची और अपने बच्चे को छोड़ने की गुहार लगाने लगी. लेकिन, कंपनी के कर्मचारियों ने उनकी एक नहीं सुनी. गुरुवार को जब स्थानीय लोगों को इसकी भनक लगी तो वे कंपनी की शाखा में पहुंचे और बच्चे को मुक्त करने का दबाव बनाने लगे. इस दौरान कंपनी के कर्मचारियों ने बच्चे की मां से 3000 रुपये भी ले लिए. इसी बीच पुलिस को घटना की जानकारी मिली. एसडीपीओ सत्येन्द्र नारायण सिंह के निर्देश पर पुलिस निरीक्षक रतन कुमार सिंह एवं थाना प्रभारी आदित्य कुमार नायक तुरंत कंपनी के कार्यालय पहुंचे और शाखा प्रबंधक निगम यादव को थाने ले गये और पूछताछ की. बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया. 

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