बस कंडक्टर को 9 रुपये का लालच पड़ा महंगा गवाने परे 15 लाख,जाने क्या है मामला
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ब्यूरो संवाददाता नितेश साह की रिपोर्ट
गांधीनगर: अक्सर हमने देखा और सुना है कि बुरा या गलत काम का नतीजा हमेशा बुरा ही होता है. ऐसा ही एक वाकया गुजरात से सामने आया है. दरअसल गुजरात राज्य सड़क परिवहन निगम के अंतर्गत काम करने वाले एक बस कंडक्टर के लिए थोड़ा सा लालच बेहद महंगा साबित हुआ है. एक यात्री को टिकट ना देकर सिर्फ 9 रुपये गलत तरीके से कमाने के कारण कंडक्टर को अपनी सैलरी में करीब 15 लाख रुपये का झटका लगा है.
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कंडक्टर चंद्रकांत पटेल के खिलाफ गुजरात राज्य सड़क परिवहन निगम को शिकायत मिली और जांच में वह दोषी पाया गया जिसके बाद उसे यह सजा हुई. दरअसल मामला 2003 में तब सामने आया था जब 5 जुलाई को अचानक निरीक्षण के दौरान पटेल की बस में एक यात्री बिना टिकट पाया गया. यात्री ने अधिकारियों को बताया कि उसने कंडक्टर को 9 रुपये दिए थे, लेकिन उन्होंने टिकट नहीं दिया. इसके बाद कंडक्टर पटेल के खिलाफ विभागीय जांच बैठा दी गई. जांच में चद्रकांत दोषी पाया गया.
इसके बाद निगम ने पटेल को सजा देते हुए उनके मौजूदा वेतनमान को दो स्टेज घटा दिया है. ऐसे में उनका पे- स्केल अब काफी नीचे चला गया है. इतना ही नहीं निगम ने यह भी कहा कि अब वह स्थायी आधार पर एक निर्धारित वेतन पर अपनी बाकी सर्विस पूरी करेंगे.
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इस फैसले के खिलाफ पटेल ने नवसारी में औद्योगिक न्यायाधिकरण में अपील की और बाद में गुजरात उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. गुजरात हाई कोर्ट में उनके वकील ने कहा कि यह सजा एक मामूली अपराध के लिए बहुत कठोर है. अभी पटेल के पास 37 साल की सेवा बाकी है और उनके वेतन को कम कर दिया गया है. इससे उनको 15 लाख रुपये का नुकसान होगा.
काजल कुमारी द्वारा किया गया पोस्ट
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