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ब्यूरो संवाददाता अविनाश भगत
जम्मू और कश्मीर :में सुरक्षाबलों की 100 कंपनियों की तैनाती पर चल रहे कयासबाजियों के दौर पर विराम लग गया है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के दौरे के बाद घाटी में इनकी तैनाती को लेकर अब तक तरह-तरह की अफवाहें फैलाई जा रही थी। जानकारी के अनुसार, जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान प्रशिक्षित आतंकी बड़ा हमला करने की फिराक में हैं। जिसके कारण घाटी की सुरक्षा को चाक-चौबंद बनाने के लिए अर्धसैनिक बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियों को तैनात किया गया है। इनमें सीआरपीएफ की 50, बीएसएफ की 10, एसएसबी की 30, आईटीबीपी की 10 कंपनियां तैनात की जाएंगी।
कुछ दिन पहले ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने हमले का खुफिया इनपुट मिलने के बाद घाटी में आतंकरोधी अभियान चलाने वाले अधिकारियों के साथ बैठक की थी। जिसमें घाटी के सुरक्षा हालात की समीक्षा की गई। आतंक रोधी अभियान को तेज करने के लिए ही घाटी में सुरक्षाबलों की 100 कंपनियों को तैनात किया गया है।
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कयासबाजियों पर लगा विराम
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों की 100 अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती के आदेश की सूचना फैलने के बाद राजनीति माहोल गरमा गई थी। क्षेत्रीय राजनीतिक दल केंद्र को गलत ठहरा रहे थे। वहीं भाजपा का कहना था कि क्षेत्रीय दलों के नेता भ्रम फैला कर लोगों में खौफ पैदा कर रहे हैं।
लोगों के दिलों में शक पैदा हो रहा है- महबूबा मुफ्ती
पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह कदम ठीक नहीं है। इससे लोगों के दिलों में शक पैदा हो रहा है। जम्मू कश्मीर सियासी मसला है। इसका सियासी तौर पर हल निकाला जाना चाहिए। इसका मिलिट्री सोल्यूशन नहीं है। जब तक जम्मू-कश्मीर के लोगों और पाकिस्तान को बातचीत में शामिल नहीं किया जाएगा, तब तक इसका हल संभव नहीं है। कुलगाम में दिए इस बयान से पूर्व महबूबा ने अपने ट्विटर पर लिखा कि घाटी में अतिरिक्त 10 हजार सैनिकों को तैनात करने के केंद्र के फैसले ने लोगों में भय पैदा की है। केंद्र सरकार को अपनी नीति पर पुनर्विचार और सुधार करना होगा।
विशेष दर्जा से छेड़छाड़ की साजिश- सज्जाद गनी लोन
इस बीच पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद गनी लोन ने कहा कि जब से 100 अतिरिक्त कंपनियों का आदेश वायरल हुआ है, तब से लोगों में खौफ सा पैदा हो गया है। अटकलें लगाई जा रहे हैं कि कहीं जो विशेष दर्जा उन्हें प्राप्त है, कहीं उसके साथ छेड़छाड़ की कोई साजिश तो नहीं है। लेकिन इससे कुछ नहीं होगा। हिंदुस्तान के जो दुश्मन हैं, उनको तो फायदा होगा, लेकिन जिन लोगों ने संविधान के तहत शपथ ली है और जो मुख्यधारा के राजनीतिक दल हैं, उनकी साख को नष्ट करेगा। सज्जाद ने कहा कि ऐसा माहौल बन गया है कि सारे हिंदुस्तान के लोग कश्मीरियों पर हावी होना चाहते हैं। लेकिन जो ग्रेट नेशन होते हैं, वहां ऐसा तरीका नहीं होता है।
अनुच्छेद 370 और 35-ए को हटाने का प्रयास गुंडागर्दी- मुजफ्फर अहमद शाह
अवामी नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष मुजफ्फर अहमद शाह ने कहा कि अतिरिक्त जवानों की तैनाती एक चिंता का विषय जरूर है, लेकिन 1953 से हम तैनाती देखते आए हैं। उनसे कुछ नहीं हुआ। शाह ने कश्मीर घाटी में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती को अनुच्छेद 370 और 35-ए के हटाये जाने की ओर इशारा करते हुए कहा कि ऐसे हटाने का प्रयास गुंडागर्दी होगा। अगर केंद्र इस राज्य की विशेष पहचान को कानूनी तौर पर हटाने की कोशिश करेगी तो वह असफल रहेगी।
चुनाव के लिए हो रही है तैनाती- रवींद्र रैना
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना ने कहा कि यह जो अतिरिक्त बलों की तैनाती होने वाली है, वह चुनावों के लिए। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में जम्मू कश्मीर में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। इसके लिए अतिरिक्त बलों को बुलाया जा रहा है। रैना ने उमर अब्दुल्ला और महबूबा पर निशाना साधते हुए कहा कि उमर और महबूबा ट्विट कर अफवाह फैलाकर खौफ पैदा कर रहे हैं। उन्होंने लोगों से बेफिक्र रहने को कहा।
अमित मेहलावत द्वारा किया गया पोस्ट