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    VIDEO:रीगा मिल से लेंगे पाई पाई, क्योंकि आ गए हैं लेफ्टिनेंट कर्नल सुधीर कुमार सिंह और संजय संघर्ष सिंह भाई

     

    We News 24 Hindi »बिहार/सीतामढ़ी 

    ब्यूरो संवाददाता संजू गुप्ता के साथ रोहित ठाकुर की रिपोर्ट 

    सीतामढ़ी :37 वर्ष कैसे बीत गए पता ही न चला जब रीगा चीनी मिल के नरकटिया ग्राम के एक अच्छे किसान परिवार में 06  जून 1983 को मेरी शादी हुई थी। उन दिनों कोई भी किसान अपनी बेटी की शादी में उपहार के रूप में रीगा चीनी मिल के बकाया राशि की पुर्जी से देता था तो मान्य होता था पर आज स्थिति बिल्कुल अलग हो गई। 

    बदलते क्रम में सबने इस चीनी मिल को लूटा जिसमें मिल प्रबंधन से लेकर स्थानीय नेता और बिहार सरकार की भूमिका बिल्कुल स्पष्ट परिलक्षित होती है। दिन प्रतिदिन मिल की स्थिति बद से बदत्तर होती गई और आज हालत यह है कि मिल प्रबंधन ने 600 कर्मचारियों को 11 मई से नौकरी से निकाल दिया। 2018 से किसानों का बकाया और 2017 से कर्मचारियों का अपना बकाया। 




    जबतक  मैं सेना में रहा मेरी मजबूरी थी पर पिछले साल से मिल के संबंध में सोचने पर मजबूर हो गया। एक सैनिक और अच्छे नागरिक का फ़र्ज़ निभाते हुए मैंने दो महीने पहले यह मुद्दा उठाया कि  "रीगा मिल से लेंगे पाई पाई, क्योंकि आ गए हैं लेफ्टिनेंट कर्नल सुधीर कुमार सिंह और संजय संघर्ष सिंह भाई" सीतामढ़ी, शिवहर और मुजफ्फरपुर के गन्ना किसानों के लिए उम्मीद का जलने वाला दिया अब बुझने के कगार पर है। 

    समाज के प्रबुद्ध वर्ग अपने खाने पीने के मस्त हैं, कोई आवाज़ उठाने में अपने को या तो शर्मिंदगी महसूस करते है या बिना मोल के झंझट से बचना चाहता है। अगर ऐसे ही हमारे पूर्वज सोचे होते तो आज भी हम परतंत्रता की बेड़ी में जकड़े होते। पर आपको बताते चलें हम मानने वालों में से नहीं। यह मुहिम हम सबकी है। यह चलती रहेगी। जय हिन्द।

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