लखनऊ :गुरुवार को यूपी के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री डॉक्टर सतीश द्विवेदी ने साफ कर दिया कि स्कूलों की फीस माफ नहीं होगी। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में स्कूल न चलने के कारण बच्चों की फीस माफ करने की मांग अव्यवहारिक है। ऐसा करने पर प्रदेश के 6 लाख से अधिक स्कूल बंद हो जाएंगे।
डॉक्टर, इंजीनियर, सरकारी नौकरी करने वालों की मांग करना गलत मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा कि यूपी में 1 लाख 69 हजार स्कूल हैं। 6 लाख से अधिक निजी स्कूल हैं। यदि फीस माफी की गई तो निजी स्कूल बंद हो जाएंगे। सरकार ने पहले ही कह दिया है कि जो फीस जमा कर पाने में असमर्थ हैं उनसे कोई जबरिया शुल्क लेने की कोशिश कर रहा है और उन्हें मौका नहीं दे रहा है तो शिकायत पर कार्रवाई होगी। कई ऐसे लोग हैं जो डाक्टर, इंजीनियर और सरकारी नौकरी में हैं, समय से वेतन मिलने के बाद भी चाहते हैं कि फीस माफ कर दिया जाए। इस तरह की मांग उचित नहीं है।
सपा-बसपा सरकार में हुई फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति मंत्री ने कहा कि सपा-बसपा के समय में फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति की शिकायतें मिलती रहती थीं। योगी सरकार आने के बाद 4000 फर्जी शिक्षक संदेह के घेरे में आए थे। मुख्यमंत्री ने एसआईटी और एसटीएफ को जांच का आदेश दिया। जांच के बाद हम 1500 से अधिक शिक्षकों को बर्खास्त कर चुके हैं। बाकी लोगों पर भी कार्रवाई चल रही है। सीएम ने आदेश दिया है कि उच्च शिक्षा से लेकर बेसिक शिक्षा तक के सभी शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच होगी। कहीं भी किसी तरह की फर्जी नियुक्ति होगी, वो निरस्त होगी। जो फर्जी शिक्षक पाए जाते हैं, उनके खिलाफ एफआईआर होगा। वे जेल भी जाएंगे और रिकवरी भी होगी। इन मामलों की लगातार समीक्षा हो रही है।
सपने में किसी ने नहीं सोचा था गरीब बच्चे ऑनलाइन पढ़ेंगे मंत्री ने कहा कि, किसी ने कल्पना नहीं की थी कि गांव के बच्चे इस वैश्विक महामारी कोरोना में ऑनलाइन क्लासेज में पढ़ेंगे। बेसिक शिक्षा के स्कूल में 90 प्रतिशत मजदूर, गरीब और किसान के बच्चे पढ़ते हैं। वहां किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था कि ऑनलाइन क्लासेज चलेगी। मैं ये नहीं कहता कि 100 प्रतिशत बच्चे ऑनलाइन क्लास में पढ़ रहे हैं। लेकिन, ऑनलाइन, रेडियो और अन्य संचार माध्यमों से गांव-गांव तक शिक्षा के प्रसार के सरकार प्रयास कर रही है।
केंद्र की गाइडलाइन से तय होगा कि कब बच्चे स्कूल आएंगे द्विवेदी ने कहा कि 30 जुलाई तक केंद्र सरकार ने स्कूल में बच्चों को नहीं आने के निर्देश दिए हैं। वे इसी गाइडलाइन के आधार पर चल रहे हैं। ऑनलाइन क्लासेज ने अप्रैल से शुरू होने वाले स्कूलों के पाठ्यक्रम को पिछड़ने से भरपाई की है। बच्चों को वैश्विक महामारी के डर से शिक्षकों ने बाहर भी निकाला है। इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। आगे केन्द्र और प्रदेश सरकार के निर्देश के आधार पर क्लासेज चलने के लिए निर्णय लेंगे। 24 मार्च से 30 जून तक के राशन की कास्ट उनके बैंक खातों के माध्यम से उनके घर तक भेज रहे हैं।
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