• Breaking News

    अमेरिकी नौसेना ने बिना अनुमति किया भारतीय समुद्री सीमा में ऑपरेशन, पैदा हो सकता है कूटनीतिक विवाद



    We News 24 Hindi »नई दिल्ली 
    काजल कुमारी की रिपोर्ट  ।


    नई दिल्ली : अमेरिकी नौसेना की ओर से भारत के एक्सक्लूसिव इकॉनमिक जोन में ऑपरेशन करने की बात सामने आई है। इसके चलते दोनों देशों के बीच कूटनीतिक विवाद भी पैदा हो सकता है। खुद अमेरिका की 7वीं फ्लीट ने 7 अप्रैल को जारी बयान में इस बात की जानकारी दी है। बयान के मुताबिक, 'फ्रीडम ऑफ नेविगेशन ऑपरेशन के तहत अधिकारों, स्वतंत्रता और कानून की रक्षा होती है, जिनका निर्धारण इंटरनेशनल लॉ में किया गया है।'

    ये भी पढ़े-आज से IPL की आगाज ,पहला मुकाबला मुंबई इंडियंस और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच,जाने आईपीएल 2021 का कार्यक्रम

    खुद अमेरिकी नौसेना के 7वें बेड़े ने कहा कि उसने यह ऑपरेशन भारत की अनुमति के बिना किया है। यह अमेरिकी ऑपरेशन भारत की मैरीटाइम सिक्योरिटी पॉलिसी के खिलाफ है। अमेरिकी नौसेना के मुताबिक यह ऑपरेशन लक्षद्वीप से 130 नॉटिकल मील दूर पश्चिम में किया गया है। अमेरिकी नौसेना की 7वीं फ्लीट उसका सबसे बड़ा बेड़ा है। इसी की एक टुकड़ी को अमेरिका ने 1971 में बंग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान भारत पर दबाव बनाने के लिए बंगाल की खाड़ी में भेजा था। 

    ये भी पढ़े-नाइट कर्फ्यू लगने से आई शादी और व्यापार में परेशानी ,लोगो की चिंता बढ़ी

    पूरे मामले की जानकारी रखने वाले भारतीय नौसेना के अधिकारियों ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि किसी भी तटीय देश की एक्सक्लूसिव इकॉनमिक जोन की सीमा समुद्र तट से 200 नॉटिकल मील यानी 370 किलोमीटर की दूरी तक होती है। इस एरिया में समुद्र में सभी संसाधनों पर संबंधित देश का अधिकार और संप्रभुता होती है। ऐसे में इस इलाके में किसी मिलिट्री एक्टिविटी के लिए भारत की इजाजत की जरूरत होती है। इसी तरह की हरकत अंडमान निकोबार के करीब चीनी जहाज की ओर से 2019 में की गई थी। तब तत्कालीन नौसेना प्रमुख ने कहा था कि यदि आप कुछ भी हरकत करते हैं तो आपको हमें इसके बारे में बताने और परमिशन लेने की जरूरत है।


    अब तक इस मामले में नेवी या विदेश मंत्रालय की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है। अमेरिकी नौसेना की 7वीं फ्लीट की ओर से की गई टिप्पणी में कहा गया है, 'अमेरिकी फोर्सेज इंडो-पैसेफिक रीजन में हर दिन ऑपरेशन करती हैं। ये सभी ऑपरेशन अंतरराष्ट्रीय कानूनों को ध्यान में रखकर किए जाते हैं। इनका मकसद यह बताना है कि अमेरिकी सुरक्षा बल कहीं भी उड़, तैर और ऑपरेट कर सकते हैं, जहां अंतरराष्ट्रीय कानून मंजूरी देता है।' अमेरिकी नौसेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'हम रूटीन और नियमित तौर पर फ्रीडम ऑफ नेविगेशन ऑपरेशन करते हैं। पहले भी हमने ऐसा किया है और आगे भी करते रहेंगे। यह किसी एक देश के बारे में नहीं है।' अमेरिकी नौसेना इस तरह का ऑपरेशन विवादित दक्षिण चीन सागर में भी करती है।पूर्व नेवी चीफ ने उठाया, अमेरिकी नौसेना की हरकत पर सवाल

    ये भी पढ़े-महाराष्ट्र वसूली कांड : सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार और देशमुख की याचिका खारिज ,कहा- आरोप गंभीर हैं, स्वतंत्र जांच जरूरी

    अमेरिकी नौसेना के ऑपरेशन को लेकर पूर्व नेवी चीफ एडमिरल अरुण प्रकाश ने ट्वीट किया, 'अमेरिकी की ओर से साउथ चाइना सी में किए गए फ्रीडम ऑफ नेविगेशन ऑपरेशन को चीन को जवाब देने के तौर पर देखा गया था। लेकिन अमेरिकी नौसेना की 7वीं फ्लीट ने भारत को क्या संदेश दिया है?' 


    Header%2BAidWhats App पर न्यूज़ Updates पाने के लिए हमारे नंबर 9599389900 को अपने मोबाईल में सेव  करके इस नंबर पर मिस्ड कॉल करें। फेसबुक-टिवटर पर हमसे जुड़ने के लिए https://www.facebook.com/wenews24hindi और https://twitter.com/Waors2 पर  क्लिक करें और पेज को लाइक करें

    %25E0%25A4%25B8%25E0%25A5%259E%25E0%25A5%2587%25E0%25A4%25A6

    कोई टिप्पणी नहीं

    कोमेंट करनेके लिए धन्यवाद

    Post Top Ad

    Post Bottom Ad