• Breaking News

    वी न्यूज 24 योग पाठशाला ,मानसिक अशांति को शांत करने के साथ-साथ चेहरे पर ग्लो लाता है शशाकासन, जानिए इसके फायदे

     


    We%2BNews%2B24%2BBanner%2B%2B728x90


     We News 24» रिपोर्टिंग   / एडिटर एंड चीफ ,दीपक कुमार 

    नई दिल्ली , वी न्यूज 24 योग पाठशाला ,आज की  इस दौड़ती-भागती जिंदगी में व्यक्ति खुद का ध्यान रखना तो भूल ही जाता है। न समय पर खाना-पीना हो पाता है और न ही समय पर सोना, जिसका बुरा असर इंसान के शरीर पर पड़ता है। हम लोगों ने अपनी दिनचर्या को इतना खराब कर लिया है कि अगर इसमें जल्द सुधार न किए जाएं तो इसके बुरे परिणम तक सामने आ सकते हैं।

    ये भी देखे- योग पाठशाला: उष्ट्रासन के अभ्यास से शरीर स्वस्थ व फिट रहता हैं,जाने उष्ट्रासन योग के 10 बेहतरीन फायदे

     वहीं, आजकल लोग कई तरह की समस्याओं का भी शिकार हो चुके हैं, किसी को पेट से जुड़ी दिक्कतें हैं, तो किसी को फैट और वजन बढ़ने जैसी समस्याएं हैं जिनकी वजह से इंसान गंभीर बीमारियों की चपेट में आता है। लेकिन क्या आप जानते है कि शशकासन योग करने से हमें कई तरह की दिक्कतों में काफी आराम मिल सकता है? शायद नहीं, लेकिन ऐसा हो सकता है अगर इस आसन को रोजाना नियमित रूप से और तरीके से किया जाए। तो चलिए आपको इसके बारे में और इस आसन के फायदों के बारे में बताने जा रहे है भारती योग संसथान के योग शिक्षक कैलाश चन्द्र 


    ये भी देखे - योग पाठशाला : मंडूक आसन पेट की समस्या और डायबिटीज वालो के लिए रामबाण


    शशकासन को शशांक आसन भी कहते हैं

    शशकासन को शशांक आसन भी कहते हैं। इस योग मुद्रा के दौरान शरीर खरगोश के समान आकृति में आ जाता है इसलिए इसे शशकासन कहते हैं। संस्कृत भाषा में खरगोश को शशक: कहा जाता है, इसी आधार पर इस आसन का नाम शशकासन पड़ा। यह आसन पेट, कमर व कूल्हों की चर्बी कम करके आंत, यकृत, अग्न्याशय व गुर्दों को बल प्रदान करता है।तथा उन महिलाओं के लिए लाभकारी है जिनका वस्तिप्रदेश अविकासित होता है।


    शशांकासन योग विधि, लाभ और सावधानी

    यहां पर शशांकासन के सरल तरीके के बारे में बताया जा रहा है जिसको सीख कर आप आसानी से इसको प्रैक्टिस कर सकते हैं।

    ये भी देखे - योग पाठशाला : वृक्षासन करने से रीढ़ सीधी और पैर मजबूत बनते हैं, आइए जानते हैं इसके फायदे


    तरीका

    सबसे पहले आप पद्मासन में बैठ जाएं और अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधी रखें।

    दोनों घुटनों को दूर-दूर फैलाएं।

    दोनों बांहें सिर के ऊपर उठाएं। बांहों को कंधे की चौड़ाई जितनी दूरी पर रखें।

    सांस छोड़ते हुए और बांहें सीधी रखते हुए कमर से आगे की ओर झुकें।

    ध्यान रहे आपके ठोड़ी (Chin ) और बांहें फर्श पर टिकी होनी चाहिए और सामने की और देखने की कोशिश करें।

    अपने हिसाब से इस अवस्था को धारण करें।

    सांस लेते हुए धीरे धीरे आरंभिक अवस्था में आ जाएं।

    यह एक चक्र हुआ।

    अस तरह से आप 3 से 5 चक्र कर सकते हैं।


    ये भी पढ़े-योग पाठशाला :अर्धचंद्रासन करने से ना केवल शारीरिक गतिविधियां ठीक होती है बल्कि दिमाग भी शांत होता है


    शशांकासन के लाभ – 

    वैसे शशांकासन के बहुत सारे फायदे हैं। यहां पर इसके कुछ महत्वपूर्ण लाभ के बारे में बताया जा रहा है।

    शशांकासन तनाव कम करने में: इस आसन के नियमित अभ्यास से तनाव एवं चिंता को बहुत हद तक कम किया जा सकता है। यही नहीं यह योग मुद्रा

    क्रोध, भय, शोक आदि को कम करने में अहम भूमिका निभाता है।

    शशांकासन गुस्सा कम करने में : अगर किन्ही को गुस्सा ज़्यदा आता है तो उन्हें शशांकासन का अभ्यास जरूर करनी चाहिए।

    शशांकासन प्रजनन अंगों के लिए: यह प्रजनन अंगों को पुष्ट करते हुए प्रजनन से सम्बंधित बहुत सारी परेशानियों से बचाता है।

    शशांकासन लिवर एवं किडनी के लिए: यह आसन यकृत और गुर्दों की सक्रियता को बढ़ाता है और इन्हें स्वस्थ रखता है।

    पेट की मजबूती के लिए : यह उदर के भाग को मजबूत करते हुए पाचन संबंधी परेशानियों से आपको बचाता है।

    शशांकासन साइटिका के लिए: अगर आप किसी विशेषज्ञ के सामने इस आसन कर अभ्यास करते है तो साइटिका में बहुत हद तक आराम मिल सकता है।

    शशांकासन यौन विकारों में मददगार: यौन विकारों के मामलों में यह लाभकारी होता है।

    ह्रदय रोगियों के लिए: शशांकासन के अभ्यास से हृदय रोग में बहुत आराम मिलता है। इसलिए चाहिए कि हृदय रोग से पीड़ित व्यक्ति इस आसन का अभ्यास जरूर करें।

    पीठ दर्द में लाभकारी: पीठ एवं गर्दन दर्द के लिए यह लाभकारी योगाभ्यास है।

    शशांकासन मेमोरी के लिए : यह आसन आंखों एवम मस्तिष्क के लिए लाभकारी है, मस्तिष्क में खून की यथासंभव पूर्ति करते हुए मेमोरी बढ़ाने में सहायक है।

    फेंफड़ों मजबूती के लिए: फेंफड़ों को मजबूत करने के लिए यह एक उत्तम योगाभ्यास है।

     

    ये भी देखे- योग पाठशाला, | अश्वत्थासन करने से महिलाओं के प्रजनन अंगों से संबंधित सभी विकार दूर हो जाते हैं।

    शशांकासन की सावधानी – 

    पीठ दर्द से पीड़ित व्यक्तियों को यह आसन नहीं करना चाहिए।

    वर्टिगो वालों के यह आसन नहीं करनी चाहिए।

    स्‍लिप डिस्‍क की शिकायत में इस आसन को करने से बचें।

    हाई ब्‍लड प्रेशर संबन्‍धी समस्‍या होने पर इस योगाभ्यास को न करें।

    पेट और सिर की समस्या होने पर यह योग नहीं करना चाहिए।

    चक्कर आने पर भी इसका अभ्यास न करें।

    हर्निया वाले भी इसे करने से परहेज करें।

    इस आर्टिकल को शेयर करे .


    Header%2BAidWhatsApp पर न्यूज़ Updates पाने के लिए हमारे नंबर 9599389900 को अपने मोबाईल में सेव  करके इस नंबर पर मिस्ड कॉल करें। फेसबुक-टिवटर पर हमसे जुड़ने के लिए https://www.facebook.com/wenews24hindi और https://twitter.com/Waors2 पर  क्लिक करें और पेज को लाइक करें .



    कोई टिप्पणी नहीं

    कोमेंट करनेके लिए धन्यवाद

    Post Top Ad

    Post Bottom Ad