देखे तरबूज की खेती कर रहे किसान फसल की नई बीमारी से परेशान ,जानिए किसानो की जुबानी उनकी वर्वादी की कहानी
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ब्यूरो संवाददाता नागमणि
लालगंज :गंगा नदी के रेत पर तरबूज की खेती कर रहे किसान फसल की नई बीमारी से परेशान हैं। तरबूज की खेती को जुआ के समान कहा जाता है। क्योंकि कब नदी का पानी फसल को डुबो देगा, किसी को पता नहीं होता है। हालांकि तरबूज का खेती मुनाफा भी दोगुना-तिगुना देता है। इसलिए सैकड़ों किसान लाखों की लागत से तरबूज की खेती करते हैं। लालगंज क्षेत्र किसान इन दिनों काफी मुश्किलों का सामना कर रहे है | क्योकि इन लोगो का लगभग तिन हजार एकड़ में की गयी तरबूज की फसल बर्वाद हो गयी है | काफी लोग मोती रकम का कर्ज ले कर तबुज का खेती किये थे फसल वर्वाद हो ने से किसानो पर मानो मुसीबत का पहाड़ टूट परा |
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किसानों का कहना है कि 25 वर्षो के बाद इस प्रकार की तरबुज की फसल में अज्ञात बीमारी लगने से है.जिसमे तक़रीबन 5 सौ से ऊपर किसान प्रभावित हुए है.जिन्होंने तरबुज की खेती की है.जिसमे लागत करोडो में आंकी जा रही है.कितने ऐसे किसान है जिन्होंने पूरे का पूरे कर्ज लेकर खेती की है |
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और उनका मुनाफा शून्य है.उनके बीच बहुत बड़ी समस्या आ गई है.जिसके वावजूद भी सरकारी सहायता नदारद है.मालुम हो कि पांच सौ किसानों की हुई तरबुज फसल की क्षति वाले परिवारों की दुर्दशा का दंश झेल रहे है |आत्महत्या करने की नौबत आ गयी है समझ में नहीं आ रह की क्या करे हमारी समस्या को कोई सुनने वाला नहीं है | यही हाल रह तो हम सभी किसान चुनाव का वहिष्कार करेंगे |
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परिजनों की स्थिति क्या होगी.जिसके वावजूद भी पार्टी विशेष अपने ही पार्टीयो का गुणगान कर रहे है.आज इन किसानों की बदहाली और मुसीबतो में सांथ देने वाला कोई नही है.अक्सर लोग वादे तो किया करते है किसानों की भरपाई की पर वादे टूट जाते है.वही उपस्थिति में मौके पर लालबिहारी सहनी, अरुण कुँवर,धीरज सहनी, राजकुमार दास,प्रमोद सहनी, जितेंद्र सहनी, प्रमोद सहनी, मनीष चौधरी,रमेश कुमार,ललन सिंह,विनोद सहनी, संतोष सहनी, सूरज सहनी, कुंज बिहारी दास,शंकर सिंह,बीरेंद्र पांडे,विजय सिंह,रामबाबू महतो,मुन्ना साह,प्रवीण कुमार दास,रामेश्वर सहनी, फुलेंद्र सिंह,नंदकुमार साह,विनय सहनी, शिवमंगल राय,उदय सिंह,जितेंद्र कुमार,मुन्ना साह
अरविन्द अकेला द्वारा किया गया पोस्ट