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    Motihari News :गैंगवार से थर्रा उठा मोतिहारी जिला के इजोरबारा , मर्डर के बाद सामने आई गैंगवार वाली चिट्ठी

     

    Motihari News :गैंगवार से थर्रा उठा मोतिहारी जिला के इजोरबारा , मर्डर के बाद सामने आई गैंगवार वाली चिट्ठी

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    We News 24 Digital News» रिपोर्टिंग सूत्र  / काजल कुमारी 

    मोतिहारी : बिहार के पूर्वी चंपारण जिले (मोतिहारी) के फेनहारा थाना क्षेत्र का इजोरबारा गांव गोलियों की तड़तड़ाहट से थर्रा उठा। शनिवार सुबह करीब साढ़े सात बजे अभी लोग ठीक से जगे भी नहीं थे कि फायरिंग की आवाज गूंजने लगी। शुरुआत में लोगों मालूम हुआ कि बिजली विभाग के ठेकेदार ओम प्रकाश सिंह की अपराधियों ने हत्या कर दी। इस घटना के चश्मदीद तीन लोग हैं, जिसमें एक सुनील कुमार सिंह भी शामिल है, जो सीतामढ़ी जिले के रीगा थाना क्षेत्र के रामपुर गांव के रहनेवाले हैं। वो ओम प्रकाश सिंह के मामा भी लगते हैं।


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    सुनील सिंह ने बताया ओम प्रकाश समेत चार लोग बोलेरो से मुजफ्फरपुर जा रहे थे। गाड़ी में ओमप्रकाश सिंह के आलावा सीतामढ़ी जिले के रीगा प्रखंड के कुशमारी पंचायत के मुखिया अंशु सिंह, ड्राइवर मुकेश कुमार और वो खुद थे। बतौर सुनील, मुजफ्फरपुर में ओम प्रकाश की मां सीमा देवी के घुटने का ऑपरेशन हुआ था। रास्ते में इजोरबारा गांव के पास सुमो पर सवार चार अपराधियों में से तीन ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद मैं (सुनील सिंह), ड्राइवर और मुखिया अंशु सिंह गाड़ी के सीट के नीचे छिप गए। ओम प्रकाश को बचाव करने का मौका नहीं मिला। ओम प्रकाश सिंह शिवहर नगर थाना क्षेत्र के लक्ष्मीनिया गांव के रहनेवाले थे।


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    मर्डर के बाद सामने आई गैंगवार वाली चिट्ठी


    शुरुआती जानकारी मिलने के बाद पुलिस के हाथ-पांव फूलने लगे। अपराधियों की खोजबीन की जाने लगी। इसके बाद एक चिट्ठी सामने आई। इसमें लिखा हुआ था कि 'मैं राज झा, आप तमाम मीडिया को ये सूचित कर रहा हूं कि आज दिनांक 6 मई 2023 (शनिवार) को ओम प्रकाश सिंह उर्फ बाबू साहेब की हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए, यह बताता हूं कि ओम प्रकाश कोई ठेकेदार नहीं बल्कि अपराधी मुकेश पाठक का राइट हैंड था और उसके जुर्म में शामिल था। 28 अगस्त 2018 को हुए सीतामढ़ी कोर्ट में संतोष झा की हत्या में भी शामिल था। संतोष झा हत्याकांड में शामिल सभी शूटर ओम प्रकाश सिंह के घर रूके और उसी ने सभी को हथियार उपलब्ध कराया था। इसलिए ओम प्रकाश की हत्या संतोष झा की हत्या का बदला है। यही अंजाम मुकेश पाठक का भी होगा, जो ओम प्रकाश का हुआ है- राज झा।'


    संतोष की कोर्ट में हत्या और इंजीनियर मर्डर केस

    बिहार के चर्चित डॉन संतोष झा की 28 अगस्त 2018 को सीतामढ़ी कोर्ट कैंपस में गोलियों से भून दिया गया था। कहा गया कि संतोष झा की हत्या उसी के चेले रहे मुकेश पाठक ने सुपारी देकर करा दी। इन अपराधियों को हथियार और दूसरे सामान मुहैया कराने का आरोप ओम प्रकाश सिंह पर लगा, जिसकी हत्या 6 मई को मोतिहारी में की गई। संतोष झा अपने गिरोह को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह चलाता था। उसके साथ करीब 40 लड़के थे और सबकी सैलरी और सुविधा फिक्स थी।

    संतोष झा की पहचान उत्तर बिहार के आतंक के तौर पर तो थी लेकिन चर्चा कम होती थी। वो पहली बार तब सुर्खियों में आया, जब उसने एक कंस्ट्रक्शन कंपनी से 75 करोड़ की रंगदारी मांगी। रंगदारी नहीं देने पर दिनदहाड़े AK-47 से दो इंजीनियरों को मौत के घाट उतार दिया। 26 दिसंबर 2015 को दरभंगा के बहेड़ी थाना क्षेत्र के शिवराम चौक पर वारदात को अंजाम दिया गया। एसएच-88 का निर्माण कार्य करा रहे बीएससी और सीएंडसी के इंजीनियर मुकेश कुमार और ब्रजेश कुमार की अंधाधुंध गोली मारी गई। इस मामले में संतोष झा और मुकेश पाठक को उम्रकैद की सजा हुई। जेल में संतोष और मुकेश में मनमुटाव बढ़ गया तो 'जानी दुश्मन' बन गए। संतोष झा की हत्या के पांच साल बाद मुकेश के गुर्गे को गोलियों से छलनी कर दिया गया। फिलहाल मुकेश पाठक जेल में है।


    पिता को थप्पड़ और संतोष की क्राइम कुंडली

    शिवहर के दोस्तियां गांव के रहनेवाले संतोष झा के पिता इलाके के रसूखदार नवल किशोर राय के ड्राइवर थे। हरियाणा में कमाने गए संतोष को पता चला कि उसके पिता को नवल किशोर राय ने किसी बात पर थप्पड़ मार दी है। फिर वो लौटकर वापस गांव आ गया। 2001 में उस एरिया के नक्सली कमांडर गौरी शंकर झा के साथ जुड़ गया। 2004 में संतोष को पटना में हथियारों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। तीन साल के बाद 2007 में जेल से रिहा हुआ। फिर उसने अपनी गैंग बना ली। इस दौरान मुकेश पाठक से उसकी दोस्ती हुई। खुद ही रंगदारी वसूलने लगा। इससे नक्सली कमांडर गौरी शंकर झा चिढ़ गया।


    गुरु-चेले के बीच अदावत बढ़ गई। एक दिन मौका देखते ही संतोष ने गौरी शंकर और उसकी पत्नी की हत्या कर दी। इसके बाद इलाके में संतोष झा का दबदबा बढ़ गया। संतोष का मनोबल बढ़ चुका था। 15 जनवरी 2010 को पिता को थप्पड़ मारने वाले नवल किशोर राय की हत्या कर दी। उनके घर को डायनामाइट लगाकर उड़ा दिया। तब तक संतोष पर तीन दर्जन से अधिक केस दर्ज हो चुके थे। 2014 में संतोष झा को कोलकाता से बिहार एसटीएफ ने अरेस्ट किया। जेल से ही रंगदारी के धंधे को चला रहा था, 2015 में दो इंजीनियरों की हत्या से पूरे देश में सनसनी फैल गई। इस मामले में संतोष और मुकेश को उम्रकैद हुई। 

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